बलरामपुर: उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले के रेहरा माफी गांव में शनिवार को जिला प्रशासन ने धर्मांतरण रैकेट से जुड़े जमालुद्दीन उर्फ छांगुर के भतीजे सबरोज बड़ी कार्रवाई करते हुए उसके अवैध मकान को बुलडोजर ढहा दिया. यह मकान ग्राम समाज की सरकारी जमीन पर अतिक्रण कर बनाया गया था. कार्रवाई के दौरान भारी पुलिस बल तैनात रहा, और क्षेत्र में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए कड़े इंतजाम किए गए. इसे लेकर उतरौला तहसील प्रशासन ने सबरोज को पहले ही अवैध अतिक्रमण हटाने के लिए नोटिस जारी कर दिया था.
नोटिस की समय सीमा 23 जुलाई को समाप्त होने के बाद, प्रशासन ने शनिवार सुबह बुलडोजर के साथ रेहरा माफी गांव में कार्रवाई शुरू की. राजस्व विभाग की जांच में पुष्टि हुई थी कि सबरोज ने सरकारी नवीन परती भूमि पर अवैध रूप से मकान बनाया हुआ था. जिला प्रशासन की टीम ने भारी पुलिस बल और कई बुलडोजरों के साथ मकान को ध्वस्त कर दिया. अपर पुलिस अधीक्षक विशाल पांडे ने बताया कि कार्रवाई पूरी तरह शांतिपूर्ण रही और अवैध निर्माण को पूरी तरह हटा दिया गया. प्रशासन ने मलबे को हटाने का काम भी शुरू कर दिया है.
बता दें कि सबरोज धर्मांतरण रैकेट के कथित मास्टरमाइंड जमालुद्दीन उर्फ छांगुर का भतीजा है. छांगुर को उत्तर प्रदेश एटीएस ने 5 जुलाई 2025 को लखनऊ के एक होटल से उसकी सहयोगी नीतू उर्फ नसरीन के साथ गिरफ्तार किया था. उस पर हिंदू और अन्य समुदायों की लड़कियों को निशाना बनाकर अवैध धर्मांतरण कराने और विदेशी फंडिंग के जरिए 100 करोड़ रुपए के लेनदेन का आरोप है. गिरफ्तारी के बाद छांगुर की आलीशान कोठी, जो मध्यपुर गांव में सरकारी जमीन पर बनी थी, को भी 8 से 11 जुलाई 2025 तक तीन दिनों की कार्रवाई में ध्वस्त किया गया था.
इस कोठी में छांगुर अपने सहयोगियों नीतू और नवीन रोहरा के साथ रहता था और यहीं से धर्मांतरण का नेटवर्क संचालित करता था. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मामले में सख्त रुख अपनाते हुए कहा था कि अवैध धर्मांतरण और सरकारी जमीन पर अतिक्रमण करने वालों की संपत्ति जब्त की जाएगी और उनके खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई होगी, जिसके बाद सरबोज के खिलाफ यह कार्रवाई की गई है.