ग्लोबल भारत नेशनल डेस्क: रेखा गुप्ता ने अखिलेश यादव से माफी क्यों मांगी, क्या 10 दिन बाद उनके दिमाग में अचानक से ये बात आई कि इससे बिहार और यूपी में यादव वोटबैंक का बड़ा नुकसान हो जाएगा, दिल्ली में इसका असर पड़ सकता है, यूपी के यादवों के नाराज होने का मतलब 2027 में बीजेपी को बड़ा झटका लग सकता है, इसलिए माफी मांग ली, या फिर पीएम मोदी ने उनकी इस गलती पर उन्हें फटकार लगाई, इसे समझने के लिए ये जानना होगा कि क्या हाल-फिलहाल में रेखा गुप्ता की पीएम मोदी से कोई मुलाकात हुई है.
14 अप्रैल को, बाबा साहेब अंबेडकर की जयंती के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में रेखा गुप्ता भी संसद भवन पहुंचीं थीं, आम तौर पर प्रधानमंत्री, केन्द्रीय मंत्री और सांसद वहां होते हैं, पर रेखा गुप्ता भी उस कार्यक्रम में थीं, जहां पीएम मोदी जब पहुंचते हैं, तो लाइन के आखिर में रेखा गुप्ता हाथ जोड़े खड़ी नजर आती हैं, ये बात हर कोई जानता है कि मोदी के आदेश पर ही रेखा गुप्ता को दिल्ली की कमान सौंपी गई है, तो मोदी कभी ये नहीं चाहेंगे उनका चुना हुआ कोई चेहरा कोई ब्लंडर करे.
अखिलेश पर जो टिप्पणी रेखा गुप्ता ने की थी, उसके बाद दिल्ली से लेकर लखनऊ तक विरोध प्रदर्शन हो रहे थे, अखिलेश ने तो ये तक कह दिया था न्यूज 24 चैनल पर अब कोई नहीं जाएगा. क्योंकि वहीं के एंकर मानक गुप्ता के सवाल पर रेखा गुप्ता ने अखिलेश को टोंटीचोर कहा था, और इस जवाब पर मानक गुप्ता भी हंस रहे थे, भले ही कई लोगों ने इस बात को हंसी-मजाक में लिया, लेकिन अखिलेश के कद को ठीक से समझने वाले लोग इस बात को बेहतर तरीके से जानते हैं कि गृहमंत्री शाह भी अखिलेश का बेहद सम्मान करते हैं, वो जब सदन में अखिलेश का जवाब देने खड़े होते हैं तो कहते हैं बात हंसी-मजाक में कही गई है इसलिए हंसी-मजाक के अंदाज में ही मैं भी जवाब दे देता हूं.
जिसका सीधा सा मतलब है राजनीति में एक मर्यादा होता है, और बड़ी कुर्सी मिलने पर राजधर्म का पालन भी करना होता है, जिसकी सीख अटल बिहारी वाजपेयी ने कभी पीएम मोदी को दी थी, आज वही सीख पीएम मोदी ने लगता है रेखा गुप्ता को दी, जिसके बाद 10 दिन के भीतर ही रेखा गुप्ता के सुर बदल गए. 7 अप्रैल को जो रेखा गुप्ता अखिलेश को टोंटी चोर कह रहीं थी, वो 16 अप्रैल को डीडी न्यूज के इंटरव्यू में कहती हैं.
“मेरे बयान से किसी बड़े नेता को कोई तकलीफ हुई है तो मैं क्षमा मांगती हूं, तकलीफ नहीं होनी चाहिए. शब्दों का चयन कई बार परफेक्ट नहीं हो सकता है, कई बार डिरेल हो जाते हैं. परंतु नियत और नीति स्पष्ट होनी चाहिए”.
रेखा के इस बयान पर अखिलेश कहते हैं माफ करना सबसे बड़ा धर्म है, चूंकि रेखा गुप्ता सीधा मेयर से सीएम बनी हैं, इसलिए उन्हें कई चीजें अभी सीखनी होंगी, और वो लगातार सीखने की कोशिश भी कर रही हैं, वो दिल्ली की ऐसी सीएम बन गई हैं, जिन्हें डेढ़ महीने से कोई सरकारी आवास नहीं मिला, रोजाना अपने घर शालीमार बाग से 25 किलोमीटर सफर तय कर सचिवालय जा रही हैं, क्योंकि केजरीवाल के शीशमहल में वो रहना नहीं चाहतीं, और PWD विभाग के अधिकारी लूटियंस जोन से लेकर सिविल लाइंस तक बेहतर बंगला तलाश रहे हैं, क्योंकि जहां रेखा गुप्ता रहती हैं, ,वहां इतनी जगह नहीं है कि ज्यादा लोग बैठ सकें.