नई दिल्ली: सिर्फ 9 महीने के भीतर योगी ने नारे को जमीन पर उतारा, त्रिपुरा में सुदर्शन चक्र का जिक्र किया, राजा भैया ने भी तलवार का सवाल उठाया, कऱणी सेना के जरिए योगी ने दिखा दी ताकत. हिंदुओं के एक होने पर विपक्षी पार्टियों के होश उड़े हैं. आगरा में जो विरोध प्रदर्शन हुआ उसके पीछे खुद यूपी के सत्ताधीश योगी आदित्यनाथ का ही दिमाग था. योगी ने एक तीर से दो निशाने लगाए. पहला रामजीलाल सुमन की घर की सुरक्षा भी करवाई और दूसरा राजपूतों को एक कर हिंदुओं के एक होने का संदेश भी दिखाया. करणी सेना का विरोध प्रदर्शन, योगी आदित्यनाथ की भूमिका, अखिलेश यादव की सियासत और रामजीलाल सुमन के बयान का मतलब इन्हीं चार प्रश्नों में छिपी है 2027 की लड़ाई. पहले दो तस्वीरों को देखिए. योगी आदित्यनाथ खुलकर कहते हैं कि मुहर्रम में कोई तलवारबाजी नहीं होगी, ताजिये की साइज छोटी कर लो, नहीं तो बिजली की चपेट में आने से मर जाओगे. दूसरी तरफ आगरा की रैली में खूब तलवार लहराए गए, तो फिर इसका मतलब क्या है. क्या योगी ने हिंदुओं को खुली छूट दे दी है ? या एक होने का शंखनाद यूपी के आगरा से शुरू हो चुका है. अब यहां दो बातें आप और समझिए. प्रदर्शन के दो दिन पहले ही पुलिस लाठी में तेल भी लगा रही थी, एक हफ्ते पहले प्रदर्शनकारियों को इजाजत भी दे रही थी तो फिर योगी ने लाठी क्यों मंगवाई, पुलिसवालों ने लाठी क्यों दिखाई, हजारों जवानों को क्यों उतारा गया. आखिरी वक्त में राजा भैया की एंट्री आगरा में क्यों हुई. इन सवालों के भी अपने मायने हैं.
योगी आदित्यनाथ ने कुछ दिन पहले ही त्रिपुरा की रैली ये कहा था कि सुदर्शन चक्र उठाना पड़ेगा तो उठाना होगा, एक वीडियो इंटरनेट पर वायरल होता है जिसमें खुद राजा भैया कहते हैं कि हिन्दुओं के पास कोई हथियार नहीं है, ओवैसी की बात सही है वो चाहे तो 15 मिनट में खत्म कर सकता है, तो इसका मतलब इतना है कि अब हिन्दुओं की ताकत योगी ने दिखा दी है, भारी विरोध हो रहा है. रैली में तलवार लहराए गए जिसका वीडियो देश भर में वायरल हो रहा है, लेकिन तलवार लहराने की आदत किसी और को भी थी, जिन्हें योगी ने अब रोक दिया है, इस बात से अखिलेश यादव परेशान हैं, और सोशल मीडिया पर दावा कर रहे हैं कि क्या ये योगी की कानून व्यवस्था है?
बंटेंगे तो कटेंगे नारे के बाद पूरा प्रयास इस तरफ है कि कैसे हिन्दुओं को एक किया जाए, कुछ लोगों को ऐसा लगता है कि ठाकुर जाति का आन्दोलन था. लेकिन यूपी में बहुत जल्द योगी के इशारे पर यादवों का आन्दोलन अखिलेश यादव के ख़िलाफ़ शुरू होने वाला है? कुछ लोग कहते हैं कि योगी की कुर्सी जाएगी, उन्हीं लोगों का दिमाग ठिकाने लगाने के लिए करणी सेना का प्रदर्शन करवाया गया, योगी चाहते तो सपा सांसद का घर टूट चुका होता, उसके लिए इतना बवाल करने की क्या ज़रूरत थी. लेकिन बुलडोज़र से नहीं तलवार से इशारा देना था.