Delhi Assembly Election: क्या है AAP, कांग्रेस, BJP की ताकत और कमजोरी?

Sandeep Kumar Sharma 09 Jan 2025 08:49: PM 4 Mins
Delhi Assembly Election: क्या है AAP, कांग्रेस, BJP की ताकत और कमजोरी?

दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर, AAP, भाजपा, कांग्रेस सहित सभी पार्टियों ने पूरी ताकत झोंक दी है. भाजपा रोज नए-नए आरोप लगा रही तो, आम आदमी पार्टी भी हर वार पर पलटवार करने से पीछे नहीं हट रही है. अगर आप तीनों पार्टियों की ताकत और कमजोरी को देखेंगे तो साफ हो जाएगा कि लड़ाई तो सीधे तौर पर बीजेपी और आप में है. लेकिन सत्ता किसके हाथ में जाएगी ये तय करने में कांग्रेस महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी. पहली बार शायद पीएम मोदी भी चाहेंगे कि कांग्रेस अच्छा परफॉर्म करे वहीं इंडी गठबंधन में कांग्रेस के साथ खड़ी आप बिल्कुल नहीं चाहेगी कि कांग्रेस का वोट शेयर 1% भी बढ़े. ऐसा क्यों ये समझने के लिए पहले तीनों पार्टियों की ताकत और कमजोरी जान लीजिए.

आप की ताकत

  • 10 साल से सरकार में बड़े मतों से
  • ब्रांड केजरीवाल का करिश्मा और 10 सालों से फ्री बिजली पानी
  • महिलाओं के लिए बसों में फ्री यात्रा
  • इसके बाद महिला सम्मान योदरना और संजीवनी योजना की नई घोषणा
  • जेल जाने के बाद भी पार्टी पर पूरा कंट्रोल
  • 20 विधायकों का टिकट काटा, कईयों का सीट बदला लेकिन कोई बगावत नहीं
  • पूरे देश में कम ही पार्टियां ऐसी हैं जिनके पास गरीबों का वोट बैंक पूरी तरह से जुड़ा है जैसा आप के पास दिल्ली में है

आप की कमजोरी

  • जो आप 10 साल पहले थी वो आज की आप नहीं है, बहुत अंतर है
  • जो इमानदारी का चोला कभी मास्टरस्ट्रोक था वो अब उतर चुका है
  • सिर्फ शराब पॉलिसी विवाद ही नहीं, विलासिता वाला जीवन भी सबके सामने है
  • जिसे कोई बंगला नहीं चाहिए था उसने अपने लिए शीशमहल बनवाया
  • दिल्ली की सड़कों पर जल भराव और प्रदूषण इतना कि सांस लेना दूभर, जिसमें कोई सुधार नहीं
  • मतदाता तो इसके लिए केजरीवाल को जिम्मेवार जरूर ठहराएगा,

बीजेपी की ताकत

  • ब्रांड मोदी, जिसका करिश्मा लगातार सत्ता में रहने के बाद भी बढता ही जा रहा है
  • हरियाणा और महाराष्ट्र की अप्रत्याशित जीत के बाद मोदी का स्ट्रेचर और बढ़ गया
  • मोदी साफ तौर पर बीजेपी के सबसे बड़े एसेट हैं और उन्होंने दिल्ली की जनता को ये साफ कर दिया है कि बीजेपी केजरीवाल की कोई भी जनहित योजनाओं को खत्म नहीं करेगी
  • MCD चुनाव के नतीजों से साफ है कि बीजेपी के वोटर्स इंटैक्ट हैं
  • लोकसभा में सातों सीटों पर बीजेपी की जीत भी इस बात का सबूत है कि मोदी दिल्ली में आज भी उतने ही लोकप्रिय हैं जितना 2014 में थे
  • केन्द्र और राज्य में अलग अलग पार्टी का होना खासकर दिल्ली जैसे केन्द्र शासित राज्य के लिए जहां पॉवर ले. गवर्नर और सीएम में बंटा हो, वहां की जनता के लिए सही नहीं है
  • इसके अलावा कुछ तो आप के कारनामे भी बीजेपी को मदद कर रहे हैं
  • जमीनी स्तर पर बीजेपी भी उतनी मजबूत और तेज है, मतदाताओं के घर घर तक कार्यकर्ताओं की पहुंच है

बीजेपी की कमजोरी

  • मोदी के नाम पर मैदान में तो हैं लेकिन मोदी सीएम तो बनेंगे नहीं फिर कौन होगा सीएम चेहरा, सबसे बड़ा सवाल?
  • आप के अरविंद केजरीवाल के सामने बीजेपी के पास कोई चेहरा नहीं है, और ये बीजेपी की सबसे बड़ी कमजोरी है
  • बीजेपी ने किसी भी लोकल नेता को इस तरह से ग्रूम नहीं किया जो केजरीवाल के स्टेचर का हो
  • शायद बीजेपी की सेन्ट्रल लीडरशिप ये सोचती हो कि इसकी जरूरत नहीं, लेकिन दिल्ली एक मेट्रो सिटी है, राजस्थान, मध्यप्रदेश और उड़ीसा नहीं?

कांग्रेस की ताकत

  • सबसे बड़ी ताकत है कि कुछ भी खोने को नहीं है
  • कांग्रेस पहले से ही 4% वोट शेयर पर पहुंच चुकी है, अब इससे नीचे कहां जाएगी, जो भी होगा इससे तो उपर की ही उम्मीद करेगी
  • 2024 के लोकसभा में हलांकि तीनों सीट पर हार गई लेकिन वोट प्रतिशत के हिसाब से 7-8 सीट पर कांग्रेस की पकड़ दिखती है
  • उम्मीदवारों की घोषणा जल्दी करना भी थोड़ा लाभकारी हो सकता है, वोटर्स चेहरे को अच्छे से जान पाएंगे
  • लेकिन सबसे बड़ी बात कि क्या कांग्रेस मतदाताओं को शीला दीक्षित के विकास कार्यों को याद करवा पाएगी

कांग्रेस की कमजोरी

  • दिल्ली बीजेपी के साथ जो दिक्कत है वही दिल्ली कांग्रेस के साथ भी है, इनके पास भी सीएम का कोई चेहरा नहीं है
  • अरविंदर सिंह लवली और मतीन अहमद जैसे कांग्रेस के चेहरे जो अपने नाम पर वोट लाते थे वो अब कांग्रेस के सामने खड़े हैं
  • कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष का नाम तो छोड़िए अगर वो सामने भी आ जाएं तो शायद ही दिल्ली की 90% जनता पहचान पाए
  • गांधी परिवार का भी कोई खास उत्साह दिल्ली चुनाव को लेकर दिखता नहीं है, कैडर भी एक्टिव नहीं दिखता
  • दिल्ली मे महीने भर चली कांग्रेस न्याय यात्रा में गांधी परिवार का कोई सदस्य़ शामिल नहीं हुआ, पूरे देश में भले ही राहुल ने न्याय यात्रा निकाली
  • युवा मतदाताओं को शीला दीक्षित और उनके काम शायद ही याद हो या पता हो, और जो एंटी बीजेपी मतदाता हैं वो आप के साथ जाएंगे 

अब अगर दिल्ली में हुए पिछले तीन चुनाव को देखेंगे तो पता चलता है कि बीजेपी के पास उसके कोर वोटर लगातार बने हुए हैं, बीजेपी के पास 33% से 38% तक वोटर हमेशा रहे. वहीं आप को जबर्दस्त फायदा हुआ और उसका वोट शेयर करीब 54% तक पहुंच गया है, जबकि कांग्रेस 4% पर पहुंच गई है. मतलब साफ है कि आप के पास कांग्रेस के वोटर्स पहंच गए. अब अगर इस बार कांग्रेस अपने 8-10% वोटर्स को वापस आप से छीन पाती है और बीजेपी 6-8% वोट शेयर बढ़ा पाती है तो दिल्ली में सत्ता बदल सकती है. लेकिन अगर कांग्रेस के वोट शेयर में कोई बदलाव नहीं होता है तो दिल्ली की सत्ता में भी कोई बदलाव की उम्मीद कम ही है.

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