क्या हरियाणा विधानसभा चुनाव में भी पंजाब वाला खेला होने वाला है या फिर बीजेपी इस बार आम आदमी पार्टी को तगड़ा जवाब देने जा रही है? जैसे ही चुनाव आयोग ने तारीखों का ऐलान किया, आम आदमी पार्टी ने तुरंत ट्वीट किया हम तैयार हैं. बीजेपी ने भी सरकार रिपीट करने का दावा किया, जबकि कांग्रेस भी वापसी का दम दिखा रही है, लेकिन सवाल ये है कि 44 दिन बाद यानी 1 अक्टूबर को जब हरियाणा में वोटिंग होगी तो ताज किसके सिर सजेगा?
जनता फ्री की रेवड़ी बांटने वाले केजरीवाल के साथ जाएगी या सैनी सरकार पर दोबारा भरोसा जताएगी या फिर कांग्रेस की वापसी के आसार नजर आ रहे हैं. इसे समझने के लिए तीनों पार्टियों की स्थिति को समझना होगा. पर उससे पहले सुनीता केजरीवाल का ये ट्वीट देखिए, जो अपने पति के जन्मदिन पर मिल रहे बधाई संदेश का जिक्र करती हैं. ये भी एक इत्तेफाक ही है कि 16 अगस्त को केजरीवाल का जन्मदिन होता है और 16 अगस्त को ही चुनाव आयोग ने हरियाणा चुनाव की तारीखों का ऐलान करके थोड़ा खुश होने का मौका दे दिया है. पर सवाल ये है कि क्या हरियाणा की जनता केजरीवाल को खुश होने का मौका देगी.
विपक्ष की हालत
जबकि बीजेपी की स्थिति देखें तो नायब सिंह सैनी जो एक गैर जाट नेता होने के बावजूद जाट नेताओं को साधने में लगे हैं. क्योंकि बीजेपी को ये बात पता है कि साल 2019 के चुनाव में जाट नेताओं की नाराजगी की वजह से सीटों का नुकसान हुआ था.
हरियाणा विधानसभा चुनाव 2019 के नतीजे
बीजेपी को 40, जेजेपी को 10, कांग्रेस को 31, इनेलो को 1 और अन्य को 8 सीटें मिली थी. पर पांच साल सरकार चलने से पहले ही जेजेपी ने गठबंधन तोड़ लिया, फिलहाल निर्दलीयों के समर्थन से बीजेपी सरकार चला रही है और अगले चुनाव में नायब सिंह सैनी सरकार का फोकस इस बात पर होगा कि अगली बार पूर्ण बहुमत वाली सरकार बनाएं, पर उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती है आम आदमी पार्टी के मुफ्त दावे. जो हर चुनाव में आप नेता करते हैं.
हरियाणा की जनता से सुनीता केजरीवाल ने मुफ्त और 24 घंटे बिजली, मुफ्त इलाज, मुफ्त शिक्षा, सभी माताओं और बहनों को 1,000 रुपये प्रति माह, हर युवा को रोजगार देने का वादा किया है. पर सवाल ये है कि क्या हरियाणा की जनता फ्री के बहकावे में आएगी. आम आदमी पार्टी के नेता दाव कर रहे हैं कि हम हरियाणा को बदलकर रख देंगे.
हरियाणा की जनता बदलाव के लिए वोट करेगी, पर सवाल सबसे बड़ा ये है कि क्या पंजाब और दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार ने अपने सारे दावे पूरे किए हैं, अगर पूरे किए होते तो शायद दिल्ली की सड़कें बारिश के दिनों में समंदर न बनती. पंजाब से दिल दहला देने वाली ख़बरें नहीं आती, सरकार किसी भी पार्टी की हो, जनता को मुलभूत सुविधाएं मिलना चाहिए.
हरियाणा का सबसे बड़ा मुद्दा किसानों का है, जिस पर नायब सिंह सैनी सरकार ने इतना बड़ा मास्टरस्ट्रोक खेला है कि बड़े-बड़े विरोधी हिल गए. भूपेन्द्र हुड्डा से लेकर दीपेन्द्र हुड्डा तक ये सोचने लगे हैं कि अब तो सरकार ने 100 फीसदी फसल एमएसपी रेट पर खरीदने का ऐलान कर दिया, अब क्या किया जाए. हालांकि एक दो मुद्दों से चुनाव में जीत और हार तय नहीं होती, ये तय करना जनता का काम है कि किसे कुर्सी पर बिठाना है और किसे घर बिठाना है.