अपने ही जाल में फंस गए राहुल गांधी? चुनाव आयोग ने मांगा हस्ताक्षरित हलफनामा

Amanat Ansari 07 Aug 2025 06:08: PM 3 Mins
अपने ही जाल में फंस गए राहुल गांधी? चुनाव आयोग ने मांगा हस्ताक्षरित हलफनामा

नई दिल्ली: चुनाव आयोग (EC) पर तीखा हमला करते हुए कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा कि चुनाव आयोग देश में चुनावों में चोरी करने के लिए भाजपा के साथ सांठगांठ कर रहा है. एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए गांधी ने आरोप लगाया कि मतदाता सूचियों में फर्जी लोगों के नाम जोड़े जा रहे हैं. उन्होंने कर्नाटक मतदाता सूची दिखाकर अपनी बात को पुष्ट करने की कोशिश की. लोकसभा में विपक्ष के नेता ने दावा किया कि बेंगलुरु मध्य लोकसभा सीट के महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्र में वोटों की भयंकर चोरी हुई है. आरोपों का जवाब देते हुए चुनाव आयोग के सूत्रों ने कहा है कि या तो हस्ताक्षर करके दें या फिर भारत की जनता को गुमराह न करें और चुनाव आयोग पर बेबुनियाद आरोप लगाना बंद करें.

राहुल गांधी ने दावा किया कि महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्र में 6.5 लाख वोटों में से एक लाख से ज़्यादा वोटों की वोट चोरी हुई. उन्होंने कहा कि कांग्रेस द्वारा किए गए एक आंतरिक शोध में कर्नाटक के महादेवपुरा निर्वाचन क्षेत्र में एक लाख से ज़्यादा डुप्लीकेट मतदाता, अवैध पते और बड़ी संख्या में मतदाता पाए गए. बता दें कि 2024 के लोकसभा चुनावों में बेंगलुरु सेंट्रल में कड़ा मुकाबला देखने को मिला था. कांग्रेस उम्मीदवार मंसूर अली खान ने ज़्यादातर मतगणना में बढ़त बनाए रखी, लेकिन अंतिम नतीजों में भाजपा के पीसी मोहन को 32,707 वोटों के मामूली अंतर से जीत मिली.

कांग्रेस को 626208 वोट मिले जबकि भाजपा को 658915 वोट मिले. नेता प्रतिपक्ष ने बताया कि कांग्रेस ने सात में से छह सीटों पर जीत हासिल की, लेकिन महादेवपुरा सीट पर उसे 114000 वोटों से हार का सामना करना पड़ा. उन्होंने दावा किया कि 100250 वोटों की वोट चोरी हुई, जिनमें 11965 मतदाता नकली, 40 मतदाता फर्जी और अमान्य पते वाले, 10452 मतदाता बल्क या एकल पते वाले और 4132 मतदाता अमान्य फोटो वाले थे. राहुल गांधी ने यह भी कहा कि 33692 मतदाताओं ने नए या पहली बार मतदान करने वालों के लिए फॉर्म 6 का दुरुपयोग किया.

इतना ही नहीं रायबरेली के सांसद ने चुनाव आयोग द्वारा मतदाता सूची को इलेक्ट्रॉनिक प्रारूप में उपलब्ध न कराने पर भी संदेह जताया और कहा कि ऐसा करने से 30 सेकंड के भीतर आयोग की धोखाधड़ी का पर्दाफाश हो जाएगा. उन्होंने कहा कि यह एक चुनौती है. यह सात फुट का कागज़ है. अगर मुझे यह पता लगाना है कि आपने दो बार मतदान किया है या आपका नाम मतदाता सूची में दो बार है, तो मुझे आपकी तस्वीर लेनी होगी और फिर मुझे कागज़ के हर टुकड़े से उसकी तुलना करनी होगी. यह बहुत थकाऊ प्रक्रिया है.

उन्होंने आगे आरोप लगाया कि चुनाव आयोग जानबूझकर मशीन से पढ़े न जा सकने वाले दस्तावेज़ उपलब्ध करा रहा है ताकि राजनीतिक दल मतदाता डेटा की जांच न कर सकें. राहुल गांधी आगे कहते हैं, ''अगर चुनाव आयोग हमें इलेक्ट्रॉनिक डेटा देता तो हमें 30 सेकंड लगते. हमें इस तरह का डेटा क्यों दिया जा रहा है? ताकि उसका विश्लेषण न हो... ये दस्तावेज़ ऑप्टिकल कैरेक्टर रिकग्निशन की सुविधा नहीं देते."

उधर कर्नाटक राज्य चुनाव आयोग ने राहुल गांधी से उनके आरोपों का एक हस्ताक्षरित हलफनामा जमा करने को कहा और पूछा कि कांग्रेस ने शिकायत क्यों नहीं दर्ज कराई. 2024 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस के नेतृत्व वाले भारतीय ब्लॉक ने भाजपा को अपने दम पर साधारण बहुमत हासिल करने से रोकने के लिए अपनी पूरी ताकत लगा दी, जिससे वह 240 सीटों तक सीमित रह गई. भाजपा को सरकार बनाने के लिए अपने सहयोगियों पर निर्भर रहना पड़ा. कांग्रेस को 99 सीटें मिलीं, जबकि भारतीय जनता पार्टी को 235 सीटें मिलीं.

हालांकि, बाद के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की चुनावी किस्मत बहुत खराब रही और उसे हरियाणा, दिल्ली और महाराष्ट्र में हार का सामना करना पड़ा. राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि जहां हर पार्टी सत्ता विरोधी लहर का सामना करती है, वहीं भाजपा इससे प्रभावित नहीं होती. उन्होंने कहा कि मतदाता सूची में फर्जी लोगों के नाम जोड़े जा रहे हैं. जनता में कुछ बातों को लेकर संदेह पैदा हो गया है. हर लोकतंत्र में हर पार्टी पर सत्ता विरोधी लहर हावी होती है, लेकिन किसी न किसी वजह से, लोकतांत्रिक ढांचे में भाजपा ही एकमात्र ऐसी पार्टी है जो सत्ता विरोधी लहर से ग्रस्त नहीं है.

उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि हरियाणा और महाराष्ट्र के नतीजों की भविष्यवाणी करने में ज़्यादातर एग्ज़िट पोल गलत कैसे साबित हुए. कई एग्ज़िट पोल ने हरियाणा में कांग्रेस की जीत और महाराष्ट्र में महायुति को बढ़त की भविष्यवाणी की थी. उन्होंने कहा कि एग्जिट पोल और ओपिनियन पोल एक ही बात कहते हैं... आपने हरियाणा चुनाव और महाराष्ट्र चुनाव में देखा, और फिर अचानक नतीजे पूरी तरह से अलग दिशा में चले गए और भारी उलटफेर हुआ.

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