छत्रपति संभाजीनगर: महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर में एक स्वघोषित बाबा पर स्थानीय प्रशासन की नजर है, क्योंकि उसने झाड़-फूंक के नाम पर अमानवीय कृत्य किए. बाबा पर लोगों को लाठियों और जूतों से पीटने, उनके मुंह में जूते रखने और मूत्र पिलाने जैसे घृणित कार्यों के आरोप हैं. इसके अलावा, उस पर महिलाओं के साथ अनुचित व्यवहार के भी आरोप लगे हैं.
वायरल हुए एक वीडियो में बाबा, जिसकी पहचान संजय रंगनाथ पागर के रूप में हुई है, एक व्यक्ति पर रंग डालते हुए, ढोल बजाते और "अलख निरंजन, अलख निरंजन" का जाप करते दिखाई दे रहा है. इसके बाद वह एक युवक को जबरन उठाता है और उसके नाक पर जूते से प्रहार करता है. यह वीडियो 17 जुलाई को दोपहर करीब 1 बजे रिकॉर्ड किया गया था.
वीडियो में आगे दिखता है कि बाबा उस व्यक्ति को जमीन पर लिटाता है, उसके गले पर पैर रखता है और पेट पर लकड़ी की छड़ी रखकर धमकाता है. इस घटना की जानकारी छत्रपति संभाजीनगर अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति को मिली, जिसके बाद वे गांव पहुंचे और बाबा के कृत्यों का पर्दाफाश किया. समिति ने स्थानीय पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज कराया. इसके बाद से बाबा अपने अनुयायियों के साथ फरार है.
पुलिस ने दो टीमें गठित की हैं और उसकी तलाश में छापेमारी शुरू कर दी है. स्थानीय पुलिस ने चेतावनी दी है कि अंधविश्वास फैलाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा और उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी. पुलिस बाबा और उसके सहयोगियों की तलाश में जुटी है.
यह मामला समाज में अंधविश्वास के दुष्प्रभाव और ऐसी गतिविधियों पर रोक लगाने की आवश्यकता को उजागर करता है. जांच एजेंसियां यह भी पता लगा रही हैं कि बाबा के कितने अनुयायी इस तरह की गतिविधियों में शामिल थे.