भारत में क्रिकेट का सपना हर खिलाड़ी की आंखों में होता है. हर युवा क्रिकेटर का लक्ष्य होता है कि वह भारतीय टीम में अपनी जगह बनाए, लेकिन यह रास्ता आसान नहीं होता. रणजी ट्रॉफी जैसी घरेलू प्रतियोगिताओं में शानदार प्रदर्शन करने के बावजूद कई खिलाड़ी टीम इंडिया में शामिल होने से चूक जाते हैं. एक ऐसे ही प्रतिभाशाली खिलाड़ी हैं जलज सक्सेना, जिन्होंने रणजी ट्रॉफी 2024-25 में एक अभूतपूर्व रिकॉर्ड बना डाला है.
जलज सक्सेना ने इस सीज़न में 400 विकेट लेने और 6000 रन बनाने का ऐतिहासिक कीर्तिमान स्थापित किया है. वह पहले खिलाड़ी हैं जिन्होंने रणजी ट्रॉफी में यह उपलब्धि हासिल की है. जलज सक्सेना, जो कि एक आलराउंडर हैं, ने अपनी मेहनत और लगन से क्रिकेट के सभी प्रारूपों में बेहतरीन प्रदर्शन किया है.
उनके करियर की बात करें तो जलज ने 143 फर्स्ट क्लास मैचों में 6795 रन बनाये हैं, जिसमें 14 शतक और 34 अर्धशतक शामिल हैं. इसके अलावा, उन्होंने 452 विकेट भी चटकाए हैं, जिनकी औसत 25.68 रही है. जलज की इस निरंतर सफलता के बावजूद, वह भारतीय टीम में जगह बनाने में सफल नहीं हो पाए हैं. यही कारण है कि पूर्व भारतीय स्पिनर हरभजन सिंह ने सोशल मीडिया पर जलज के समर्थन में आवाज उठाई है. हरभजन ने कहा कि जलज को कम से कम इंडिया-ए टीम में तो शामिल किया जाना चाहिए था. उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि क्या रणजी में खेलने का कोई मतलब नहीं रह गया है, जब आईपीएल के खिलाड़ियों को सीधे भारतीय टीम में मौका मिल रहा है.
जलज सक्सेना ने न केवल फर्स्ट क्लास क्रिकेट में, बल्कि लिस्ट-ए और टी20 क्रिकेट में भी अपने आलराउंड प्रदर्शन से ध्यान आकर्षित किया है. लिस्ट-ए क्रिकेट में उन्होंने 2035 रन और 117 विकेट प्राप्त किए, जबकि टी20 क्रिकेट में भी उन्होंने 661 रन और 72 विकेट लिए हैं.
इस प्रकार, जलज सक्सेना एक ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्होंने घरेलू क्रिकेट में अपनी कड़ी मेहनत से कई रिकॉर्ड बनाए हैं, लेकिन दुर्भाग्यवश वह राष्ट्रीय चयन से दूर रहे. उनका उदाहरण यह दिखाता है कि भारतीय क्रिकेट में चयन प्रक्रिया में सुधार की आवश्यकता है, ताकि ऐसे प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को अपनी मेहनत का फल मिल सके.