2 मार्च की शाम 6.30 बजे पवन सिंह को आसनसोल से बीजेपी उम्मीदवार बनाने का ऐलान होता है, और 3 मार्च की दोपहर 1 बजकर 1 मिनट पर पवन सिंह ट्वीट कर लिखते हैं, मैं आसनसोल से चुनाव नहीं लड़ सकता, तो सवाल उठता है कि आखिर इन 17-18 घंटों में ऐसा क्या हो गया कि पवन सिंह ने टिकट ठुकरा दिया, तो अंदर की बात हम आपको बताते हैं, फिर इस बात पर आते हैं क्या अक्षरा सिंह की वजह से पवन सिंह का टिकट कटा है।
सूत्र बताते हैं टिकट ऐलान के बाद से ही पवन सिंह ट्रोल हो रहे थे, ये ट्वीट गर्ग चटर्जी नाम के यूजर का है, लेकिन दावा है कि ये ट्वीट अक्षरा ने करवाया है, गाने के स्क्रिनशॉट उन्होंने ही ढूंढकर दिए हैं। इस ट्वीट में गर्ग चटर्जी लिखते हैं कि बंगाल विरोधी व्यक्ति जो बंगाल की महिलाओं का सम्मान नहीं करता, उसे बीजेपी ने आसनसोल से उम्मीदवार बनाकर बड़ी गलती कर दी है, इसके साथ ही वो कुछ गानों के स्क्रिनशॉट भी शेयर करते हैं, जिसमें सवतीनिया बंगलिया से के अलावा बंगलिये से और बंगाल वाली गाने का जिक्र है।
ये स्क्रिनश़ॉट बंगाल की जनता के बीच जैसे ही वायरल हुआ, लोग पवन के खिलाफ हो गए।भोजपुरी के इन गानों से महिलाओं का किस कदर अपमान होता है, ये बात आप भी समझ सकते हैं, और पवन सिंह का मुकाबला इस सीट पर जिस प्रत्याशी से था, वो एक सुपरस्टार हैं, और उनकी बंगाल की जनता काफी इज्जत करती है। इसीलिए बीजेपी को रातों-रात अपना फैसला बदलना पड़ा, क्योंकि ममता बनर्जी को महिला विरोधी बनाने वाली बीजेपी खुद इससे निशाने पर आ जाती, यही वजह थी कि दिल्ली से पवन सिंह को एक फोन गया और कहा गया कि आप ट्वीट कर खुद ही सीट छोड़ने का ऐलान कीजिए।
पवन सिंह ने अपनी मर्जी से टिकट छोड़ने का ऐलान इसलिए नहीं किया है, क्योंकि वो टिकट मिलने के बाद काफी खुश थे, पहले मिठाई खाई, फिर भगवान को प्रणाम कर शुक्रिया अदा किया, पर कहते हैं भगवान भी उसी का साथ देता है, जिसने कुछ गलत नहीं किया हो, पवन सिंह पर तो कई ऐसे आरोप हैं, जिससे महिला विरोधी होने का ठप्पा कुछ लोग उनके ऊपर लगाते हैं, पवन सिंह की पहली पत्नी ज्योति सिंह ने ये तक कहा था कि शादीशुदा होने के बावजूद मेरे पति अक्षरा सिंह के साथ रिलेशन में थे और अक्षरा पवन के बच्चे की मां भी बनने वाली थी, लेकिन पवन ने उसे दुनिया में नहीं आने दिया।
हालांकि अक्षरा ने इन आरोपों का खंडन किया था, पर ये बात सच है कि अक्षरा सिंह आज भी पवन सिंह से बदला लेना चाहती होंगी, इसीलिए जब उन्हें पता चला कि पवन सिंह आरा से चुनाव लड़ना चाबहते हैं तो इन्होंने चुनाव से ठीक पहले प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी भी ज्वाइन किया। लेकिन जैसे ही अक्षरा ने ये सुना कि बीजेपी ने आसनसोल से पवन सिंह को उम्मीदवार बना दिया है, उन्हें गहरा धक्का लगा, और वो भगवान से प्रार्थना कर रही होंगी कि अगर ये टिकट कैंसिल हो जाए तो आरा सीट पर मैं कड़ी टक्कर दे सकूं, और भगवान ने उनकी गुहार सुन ली।
हालांकि पवन सिंह के टिकट कटने में सिर्फ अक्षरा का इतना ही रोल नहीं रहा कि उन्होंने भगवान से प्रार्थना की, बल्कि ये भी रोल रहा है कि पवन सिंह ने जैसे-जैसे गाने अक्षरा के साथ मिलकर और बाद की हीरोइन के साथ मिलकर गाए हैं, उसने महिलाओं की नजर में पवन सिंह की छवि पहले वाली नहीं रहने दी है।हालांकि वो अलग बात है कि पवन सिंह अपनी मां की बात नहीं टालते और अब मां के कहने पर लगता है आरा से निर्दलीय या फिर किसी विपक्षी पार्टी के टिकट पर उम्मीदवार लड़ेंगे, और तब अक्षरा अगर सामने हुई तो मुकाबला दिलचस्प हो सकता है।