जेल से चल रही सरकार, क्या डूबने की कगार पर खड़ी केजरीवाल की पार्टी?

Global Bharat 14 Jul 2024 03:20: PM 2 Mins
जेल से चल रही सरकार, क्या डूबने की कगार पर खड़ी केजरीवाल की पार्टी?

करप्शन के खिलाफ बड़ा आंदोलन कर अस्तित्व में आई आम आदमी पार्टी (AAP) 12 साल बाद खुद करप्शन के जंजाल में फंस गई है. करप्शन के मामले में फंसने से पार्टी का अस्तित्व दांव पर लगा है. दिल्ली शराब घोटाला मामले में पार्टी के मुखिया CM अरविंद केजरीवाल और डिप्टी CM रहे मनीष सिसोदिया जेल की हवा खा रहे हैं. इस एक साल के अंतराल में मौजूदा विधायक, पूर्व विधायक और पूर्व मंत्री समेत सैकड़ों कार्यकर्ता पार्टी का साथ छोड़ चुके हैं.

फिलहाल पार्टी में अभी सब कुछ ठीक नहीं है, क्योंकि पार्टी का लीडर जेल में है और लोगों ने चर्चा शुरू कर दी है कि बिना लीडर के पार्टी कितने दिनव और चलेगी. क्योंकि केजरीवाल को 12 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट से जमानत तो मिली लेकिन रिहाई अभी अटकी हुई है.

लोग तो ये भी कह रहे हैं कि केजरीवाली की जिद के चलते पार्टी कहीं डूब जाएगी, क्योंकि केजरीवाल का जेल से सरकार चलाने का फैसला ठीक नहीं और तो और केजरीवाल किसी और को लीडर शीप देना भी नहीं चाहते. सीएम केजरीवाल की जिद से तो ऐसा लगता है कि माने आम आदमी पार्टी में कोई भी इस पद का दावेदार नहीं हैं.

मसलन आप में कई ऐसे बड़े नेता मौजूद हैं जो इस पद के हकदार हो सकते हैं. सीएम केजरीवाल को लगता है कि अगर उन्होंने ये कुर्सी छोड़ दी तो वे लड़ाई हार जाएंगे. सीएम पद छोड़ते ही सब कुछ छोड़ना पड़ेगा, उनका हजारों करोड़ का शीशमहल भी छूट जाएगा.

जब केजरीवाल जेल एक तो उनकी पत्नी सुनीता केजरीवाल काफी एक्टिव हो गई थी. ऐसा माना जाने लगा था की सीएम की जगह लेंगी लेकिन फिर जेल से सरकार चलाने का फरमान आया. इसके पीछे भी बड़ा कारण था. क्योंकि सुनीता केजरीवाले के नाम पर कोई राजी नहीं हुआ था. पार्टी छोड़ चुके कुछ सदस्य बताते हैं कि पार्टी में सब कुछ वैसा नहीं जैसा दिखता है.

अगर पार्टी के अंदर दरारें नहीं होतीं तो एक सीट के लिए 6-6 कैंडिडेट कभी नहीं होते बहरहाल AAP के सामने अपना अस्तित्व बचाने का संकट है. शराब घोटाला ने आम आदमी पार्टी की मुश्किले लगातार बढ़ रही हैं. पार्टी के सबसे बड़े नेता जेल में बंद हैं. पार्टी का कोई स्ट्रक्चर नजर नहीं आ रहा है. कोई सेकेंड लाइन और थर्ड लाइन लीडरशिप भी नहीं दिखाई दे रही है.

ऐसे में पार्टी कैसे आगे बढ़ेगी इतना तो आप जानते ही होंगे कि दूसरी बड़ी पार्टियां किसी भी संकट से उबरती हैं तो हर बड़ी पार्टी में प्रेसिडेंट और जनरल सेक्रेटरी होते हैं. लेकिन AAP में ऐसा कुछ नहीं है. इसका सारा भार सिर्फ एक ही व्यक्ति के ईर्द-गिर्द घूमता है और वो हैं केजरीवाल.

ऐसे में कुछ सवाल है जिनका जवाब जनता जानना चाहती है. पहला सवाल- क्या CM केजरीवाल की जिद से AAP का अस्तित्व खतरे में पड़ गया है? दूसरा सवाल- क्या AAP में बगावत के सुर गूंजने लगे हैं? तीसरा सवाल- क्या आप पार्टी के जनरल सेक्रेटरीज के बारे में जानते हैं?

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