नई दिल्ली: पैरों का कांटा समझकर जिन पूजा पाल को समाजवादी पार्टी ने पार्टी से बाहर फेंका, उन्हीं पूजा पाल को योगी आंखों का तारा बनाने वाले हैं. नवरात्रि में योगी कैबिनेट में विस्तार होना तय है, राजा भैया से लेकर रामपुर में आजम खान की सियासी कब्र खोदने वाले आकाश सक्सेना तक को बड़ा इनाम मिल सकता है. लेकिन निगाहें पूजा पाल पर टिकी हैं. क्या अखिलेश की भूल पर योगी ऐसा पलटवार करेंगे कि सपा का पीडीए पूर्वांचल में हिल जाएगा. मोदी कैबिनेट में बघेल समाज से एसपी सिंह बघेल पहले ही मंत्री हैं, अब पूर्वांचल में पाल समाज की बेटी पूजा पाल को योगी कैबिनेट में शामिल कर सियासी गुगली से योगी अखिलेश को बोल्ड करने वाले हैं.
पूजा पाल को क्यों बड़ी जिम्मेदारी देंगे योगी?
पिछले दो साल से सपा पाल समाज को साधने की कोशिश में जुटी है. इसीलिए सपा ने अपना प्रदेश अध्यक्ष भी पाल समाज के नेता को ही बनाया है. कौशांबी में ब्राह्मण और पाल समाज के बीच हुई लड़ाई में सपा पाल समाज के साथ खड़ी रही. पूजा पाल पिछड़ी जाति से आती हैं. अतीक को मिट्टी में मिलाने के लिए योगी की टीम में सपा के खेमे से शामिल थीं! करहल सीट पर विधानसभा चुनाव के दौरान अखिलेश यादव के सामने बीजेपी ने पाल समाज के ही बड़े नेता एसपी सिंह बघेल को खड़ा किया था. यूपी की 65 सीटों पर पाल समाज का प्रभाव बेहतर है. जिसमें से ज्यादातर सीटें पूर्वांचल और पश्चिम यूपी में हैं. इसलिए पूजा पाल का मंत्री बनना लगभग तय है.
2027 के चुनाव तक योगी अपनी माफियाओं के विरुद्ध जारी लड़ाई को जिंदा रखना चाहते हैं. ऐसे में पूजा पाल का साथ होना, बीजेपी का फायरब्रांड नेता बनना समाजवादी पार्टी को भारी पड़ सकता है. 2022 में भी समाजवादी आंगन से उठाए हुए नेताओं से ही बीजेपी ने सपा को चुनौती दी थी. 2027 में ये जिम्मेदारी पूजा पाल के कंधे पर होगी. पूजा पाल को बीजेपी में लेकर आने के पीछे केशव प्रसाद मौर्य की भूमिका कही जाती है. मौर्य और योगी में सबकुछ ठीक हो गया है, ऐसा भी दावा किया जा रहा है. इसलिए पूजा बनेंगी मंत्री, केशव को फिर मिलेगा PWD, योगी अपनी नई सेना 2027 चुनाव की तैयार कर चुके हैं. बस ऐलान होना बाकी है.