नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व मुख्य कोच रवि शास्त्री ने हाल ही में एक बयान दिया है, जो देश में हिंदू-मुसलमान के मुद्दे पर गहरी चर्चा का कारण बन गया है. उनका यह बयान भारत के प्रमुख तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी के बारे में था, जिन पर पिछले कुछ समय से सोशल मीडिया पर आलोचनाओं और व्यक्तिगत हमलों का सामना करना पड़ा. शास्त्री ने संकेत दिया कि शमी को उनकी मुस्लिम पहचान के कारण इन हमलों का सामना करना पड़ रहा है और यह भारतीय क्रिकेट के एक बड़े हिस्से को शर्मिंदा करने वाला मामला है.
हाल ही में, मोहम्मद शमी ने भारतीय क्रिकेट टीम की ओर से पाकिस्तान के खिलाफ खेले गए मैच में असफलता के बावजूद अपनी पूरी मेहनत की थी, लेकिन इसके बाद सोशल मीडिया पर उन पर कई हमले किए गए थे. कुछ टिप्पणियां शमी के धर्म से जुड़ी थीं, जिनमें उन्हें सिर्फ इसलिए निशाना बनाया गया क्योंकि वह मुस्लिम हैं. इसने कई भारतीय क्रिकेट प्रेमियों और शास्त्री जैसे पूर्व खिलाड़ियों को चिंता में डाल दिया, जो इसे एक निंदनीय और अस्वीकार्य व्यवहार मानते हैं. वहीं कुछ दिन पहले ही संपन्न हुए टेस्ट मैच के लिए भी शमी को नहीं चुना गया था.
पोंटिंग-शास्त्री ने की आलोचना
हालांकि रिकी पोंटिंग और रवि शास्त्री का मानना है कि भारत को शमी को टेस्ट मैच के लिए ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर ले जाना चाहिए था. पूर्व भारतीय मुख्य कोच शास्त्री कहते हैं... ईमानदारी से कहूं तो मैं मीडिया में चल रही बातों से बहुत हैरान था कि आखिर में मोहम्मद शमी के साथ वास्तव में क्या हुआ था. जब फिट होने की बात आती है तो वह कहां है? मुझे नहीं पता कि वह कितने समय से एनसीए (भारतीय क्रिकेट अकादमी) में है, वह किस स्थिति में है इसको लेकर उचित संवाद हो सकता था, अगर मुझे फैसला करना होता तो मैं उसे ऑस्ट्रेलिया लेकर आ जाता, अगर वह होता तो हम मेलबर्न और सिडनी टेस्ट का परिणाम अपने पक्ष में कर सकते थे.
क्या बोले क्रिकेटर रिकी पोंटिंग...
वहीं पोंटिग कहते हैं... मुझे वास्तव में हैरानी है कि उसे श्रृंखला के बीच में टीम में क्यों शामिल नहीं किया गया, वह अगर कम ओवर भी करता तब भी अंतर पैदा कर सकता था. उन्होंने आगे कहा कि जब आपने मुझसे (आईसीसी की पिछली समीक्षा में) शुरुआत में पूछा था कि श्रृंखला का परिणाम क्या होगा, तो मैंने कहा था कि ऑस्ट्रेलिया 3-1 से जीतेगा क्योंकि भारतीय टीम में शमी नहीं हैं, अगर शमी, बुमराह और सिराज उनकी शुरुआती टीम में होते, तो मुझे लगता है कि परिणाम अलग हो सकता है.
धर्म के आधार पर भेदभाव ठीक नहीं
रवि शास्त्री ने इस बारे में खुलकर अपनी राय जाहिर करते हुए कहा कि अगर किसी खिलाड़ी के साथ उसकी राष्ट्रीयता या धर्म के कारण इस तरह का भेदभाव होता है, तो यह भारतीय क्रिकेट के लिए शर्म की बात है. हम सब भारतीय हैं और क्रिकेट को धर्म से ऊपर रखा जाना चाहिए. शमी को जो कुछ भी सहना पड़ा, वह केवल और केवल उनके धर्म के कारण था, जो कि बिल्कुल गलत है. शास्त्री का यह बयान देश में धर्म के नाम पर होने वाले भेदभाव पर एक गंभीर सवाल उठाता है और यह बताता है कि क्यों हम कभी-कभी अपने ही खिलाड़ियों के साथ अनुचित व्यवहार करते हैं.
धर्म के आधार पर टिप्पणी सही नहीं
भारत में क्रिकेट एक धर्म से बढ़कर एक राष्ट्रीय खेल बन चुका है और जब इसमें धार्मिक पहचान को लेकर कोई भेदभाव होता है, तो यह समाज में एक गहरी खाई पैदा कर देता है. शमी जैसे खिलाड़ी, जो भारतीय क्रिकेट का अभिन्न हिस्सा हैं, को इस तरह की ज्यादती का सामना करना पूरी भारतीय समाज के लिए एक चिंता का विषय है. यह सवाल उठता है कि क्या हम अपनी राष्ट्रीय एकता को महत्व देते हैं या फिर व्यक्तिगत विश्वासों को बढ़ावा देते हैं.
क्रिकेट में एकजुटता बेहद जरूरी
रवि शास्त्री का बयान यह याद दिलाता है कि धर्म और राष्ट्रीयता को एक साथ जोड़कर किसी खिलाड़ी को नीचा दिखाना भारतीय समाज में होने वाले भेदभाव को बढ़ावा देता है. क्रिकेट को एकजुटता और भाईचारे का प्रतीक बनना चाहिए, जहां सभी धर्मों के खिलाड़ी सम्मान के साथ खेल सकें. शमी के खिलाफ हो रही ज्यादती ने यह सवाल खड़ा किया है कि क्या हम अपनी खेलों और समाज में धर्म से ऊपर उठने के लिए तैयार हैं.