लोकसभा चुनाव के बीच चर्चा में आया ‘वोट जिहाद’, मतलब जानकर चौंक जाएंगे BJP समर्थक

Global Bharat 02 May 2024 03:45: PM 2 Mins
लोकसभा चुनाव के बीच चर्चा में आया ‘वोट जिहाद’, मतलब जानकर चौंक जाएंगे BJP समर्थक

आपने अब तक लव जिहाद और लैंड जिहाद तो सुना होगा, लेकिन लोकसभा चुनाव के बीच एक और शब्द की एंट्री हो गई है, नाम है वोट जिहाद. हैरानी की बात ये है कि इस बार इस शब्द का ईजाद करने वाला कोई बीजेपी नेता नहीं, बल्कि खुद सपा नेता हैं. उससे भी ज्यादा हैरानी इस बात की है कि इसका कनेक्शन कांग्रेस से भी है. इसी वजह से कांग्रेस और समाजवादी पार्टी इस मुद्दे पर घिरी हुई है. इस शब्द का मतलब और मकसद क्या है ये तो आगे समझेंगे, लेकिन उससे पहले ये समझ लेते हैं कि आखिर इस एक शब्द ने कांग्रेस और सपा दोनों को कैसे फंसा दिया है.

सलमान खुर्शीद की भतीजी ने दिया है नाम

दरअसल इस शब्द का इस्तेमाल किसी और ने नहीं बल्कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद की भतीजी ने किया है। बता दें कि सलमान की भतीजी मारिया आलम खान समाजवादी पार्टी में हैं, जो फर्रुखाबाद लोकसभा सीट के लिए चुनाव प्रचार करने पहुंची थीं. उन्होंने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि संघी सरकार को हटाने के लिए बहुत अक्लमंदी के साथ एकजुट होकर, बहुत खामोशी से वोटों का जिहाद करो, क्योंकि हम सिर्फ वोटों का जिहाद कर सकते हैं.

अब मरियम के इस बयान ने राजनीति में नया बखेड़ा खड़ा कर दिया है. मारिया पर आरोप लग रहे हैं कि यह बयान मुसलमानों को लामबंद करने के लिए दिया गया है. इससे वोटों का ध्रुवीकरण हो रहा है. वहीं इस शब्द को लेकर हर कोई जानना चाहता है कि आखिर इसका मतलब और मकसद क्या है?

क्या होता है जिहाद

अब इसका मतलब तफ्शील से समझाते हैं. वोट जिहाद को समझने से पहले आपको जिहाद शब्द को समझना होगा. जिहाद का अर्थ होता है किसी काम को पूरा करने के लिए पूरा जोर लगाना. राजनीति में इसका इस्तेमाल वोटों के ध्रुवीकरण के लिए होता है. मारिया आलम खान के वोट जिहाद का मतलब है कि एक खास समुदाय के लोग जोर लगाकर ऐसी वोटिंग करें, जिससे सत्ता में बैठी मोदी सरकार हार जाए. इस शब्द का यह मतलब भी है कि मुसलमान बीजेपी उम्मीदवारों और उनकी जनसभाओं का बहिष्कार करे.

सपा और कांग्रेस की बढ़ी मुश्किलें

अब मरियम के बयान ने सपा और कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ा दीं है, क्योंकि जब मरियम खुले मंच से ऐसा बयान दे रही थी उस समय सलमान खुर्शीद मंच पर मौजूद थे, बावजूद इसके उन्होंने मरियम को ऐसा करने से नहीं रोका. ऐसे में बीजेपी को मौका मिल गया है और भाजपा दोनों पार्टियों को घेर रही है.

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