इंदौर: मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में एक कुएं में आठ लोगों की दम घुटने से मौत हो गई, जब एक व्यक्ति कुएं में गिर गया और उसे बचाने के लिए एक-एक करके अन्य लोग भी कुएं में उतरे. कोई भी वापस नहीं आया और जब तक बचावकर्मी उन तक पहुंच पाते, वे सभी कीचड़ में मृत पड़े थे. गणगौर उत्सव मना रहे कोंडावत गांव में अब मातम पसरा हुआ है. दरअसल, मरने वाले आठ लोग गणगौर विसर्जन की तैयारी में कुएं की सफाई कर रहे थे.
कोंडावत इंदौर से करीब 120 किलोमीटर दक्षिण में और जिला मुख्यालय से 15 किलोमीटर दूर है. खंडवा के एसपी मनोज राय ने कहा, "दोपहर में रस्सी टूटने के बाद एक युवक कुएं में गिर गया. वह कीचड़ में डूब गया और ऊपर नहीं आया. यह देखकर एक-एक करके सात अन्य ग्रामीण एक-दूसरे को बचाने के लिए कुएं में कूद गए, लेकिन उनकी मौत हो गई. ऐसा संदेह है कि कुएं के अंदर जमा जहरीली गैसों के कारण दम घुटने से मौत हुई."
इसी कुएं से पीने का पानी भी निकाला जाता था
ग्रामीणों ने प्रशासन को सूचित किया और 100 लोगों का बचाव दल कोंडावत की ओर रवाना हुआ. एसडीईआरएफ के पंद्रह सदस्यों ने कीचड़ में डूबे पीड़ितों तक पहुंचने के लिए घंटों संघर्ष किया. मृतकों की पहचान राकेश, वासुदेव, अर्जुन, गजानंद, मोहन, अजय, शरण और अनिल के रूप में हुई है. शवों को पोस्टमार्टम के लिए खंडवा जिला अस्पताल भेज दिया गया है.
प्रारंभिक जांच से पता चलता है कि गांव से एक जल निकासी चैनल कुएं में बहता है, जिससे समय के साथ यह दलदल में बदल गया. ऐसा माना जाता है कि प्रदूषण के कारण जहरीली गैसें निकल रही थीं. एक अधिकारी ने कहा, "इस कुएं का इस्तेमाल केवल त्योहारों के दौरान मूर्तियों के विसर्जन के लिए किया जाता था. इसका इस्तेमाल पीने के पानी के स्रोत के रूप में नहीं किया जाता था." कलेक्टर ऋषव गुप्ता ने कहा कि प्रत्येक पीड़ित के परिवार के सदस्यों को 4 लाख रुपए का मुआवजा दिया जाएगा.