पहले हरियाणा के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा और फिर विधायक का पद छोड़कर मनोहर लाल ने ये बता दिया कि वो हरियाणा की राजनीति से कहीं बाहर जाने वाले हैं, और विधायक पद छोड़ने के कुछ घंटे बाद ही उन्हें करनाल से लोकसभा उम्मीदवार बना दिया, जिससे साफ पता चलता है मोदी मनोहर लाल को अब अपनी टीम में लेने वाले हैं, पर ये वो कहानी जो आपको पता है, इससे पहले एक नई कहानी भी सामने आई थी, जिसके मुताबिक मनोहर लाल को राज्यपाल का पद ऑफर हुआ था।
सूत्रों के हवाले से ये जानकारी मीडिया में सामने आई थी कि हाईकमान ने फोन कर उन्हें समझा दिया है कि आपको पंजाब का नया राज्यपाल बनाया जा सकता है। वहां के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित ने बीते दिनों ही इस्तीफा दिया है, बनवारी लाल का भगवंत मान सरकार से टकराव भी खूब रहा है, ऐसे में बीजेपी मनोहर लाल को वहां का राज्यपाल बनाकर दोहरा फायदा लेना चाहती थी। पहला तो ये कि भगवंत मान सरकार पर अच्छी नजर रहेगी, अगर आप सरकार ने कुछ गड़बड़ की होगी और राज्यपाल ने पकड़ लिया तो फिर आप की सियासत भी गड़बड़ा सकती है, क्योंकि पंजाब जैसे राज्य का हाथ से निकलने का मतलब है, आप का सिमट जाना। हालांकि केजरीवाल की सियासी पकड़ देखकर ये बात इतनी आसान नहीं लगती।
इसके अलावा दूसरा फायदा ये भी था कि मनोहर लाल हरियाणा की सियासत से दूर नहीं होंगे, पंजाब के राज्यपाल होने के नाते चंडीगढ़ में भी उनकी मौजूदगी बरकरार रहेगी, जिसका बड़ा फायदा बीजेपी को मिल सकता है। जिस गोपनीय तरीके से मनोहर लाल ने विधायक पद से इस्तीफा दिया, उसके बाद ये कयास और तेज हो गए थे। ये बात तो हर कोई जानता है कि बीजेपी में कई काम काफी गोपनीय तरीके से होते हैं, पर 13 मार्च को हरियाणा विधानसभा में जो तस्वीर देखने को मिली, उसने कहानी ही बदल दी।
जब नए मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी फ्लोर टेस्ट के लिए पहुंचे, उन्होंने 48 विधायकों के साथ बहुमत साबित किया, उसी दौरान मनोहर लाल खट्टर बोलने के लिए खड़े हुए तो उन्होंने कुछ ऐसा ऐलान कर दिया, जिसे सुनते ही नए मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी दंग रह गए। उनका चेहरा देखने लायक था। जैसे ही मनोहर लाल ने कहा कि हम विधायक पद से इस्तीफा देते हैं, नायब सिंह सैनी उनकी ओर ऐसे देख रहे थे, जैसे उन्हें कुछ पता ही न हो,
यह स्थिति बताती है बीजेपी में कितनी गोपनीयता बरती जाती है, वरना कई पार्टियों में तो हाल ऐसा है कि मीटिंग की बात भी बाहर आ जाती है, किस नेता ने किससे फोन पर क्या कहा, ये तक मीडिया में आ जाता है, लेकिन मनोहर लाल के इस्तीफे की भनक बड़े नेताओं तक को नहीं थी। हरियाणा के कई बड़े राजनेता ये कहते हैं कि मनोहर लाल चूंकि शुरुआती दिनों में पीएम मोदी के साथ रहे हैं, उनके साथ ही बाइक से चलते थे, मोदी ने भी कुछ दिनों पहले इसका किस्सा सुनाया था, इसलिए मोदी की तरह ही कई गोपनीय फैसले भी लेते हैं, और अभी वो लंबी सियासी पारी खेलना चाहते हैं, इसलिए बड़े ही प्यार से राज्यपाल वाला ऑफर ठुकरा दिया।
कई लोग तो ये भी कहते हैं कि मनोहर लाल का नाराज नेताओं को मनाने का स्टाइल भी बिल्कुल जुदा है। इसलिए 2024 चुनाव में वो बड़ी भूमिका में दिख सकते हैं। बीते दिनों ही जब उन्होंने सीएम पद से इस्तीफा दिया और अनिल विज नाराज होकर शपथग्रहण में नहीं आए, गोलगप्पे खाते हुए उनका वीडियो सामने आया और पता चला कि अनिल विज नाराज हैं, तो मनोहर लाल बस ये कहकर उन्हें मना लिया कि अनिल विज नाराज जल्दी हो जाते हैं, पर फिर मान जाते हैं। कई लोग ये मानते हैं कि विज की इच्छा मुख्यमंत्री बनने की थी, लेकिन ऐसा हो नहीं पाया तो वो नाराज हो गए, लेकिन अगले ही दिन सारी नाराजगी दूर हो गई।