मोईद खान ने 5 जून को ऐसी कौन सी पार्टी थी, जिसके बारे में सुनते ही पुलिस के भी होश उड़े हुए हैं. क्या उसी पार्टी में अयोध्या में इतने बड़े कांड की कहानी लिखी गई, क्या मोईद खान ने फिल्मी विलेन की तरह कोई ऐसा प्लान तैयार किया था, क्या वो पुरानी फिल्मों को कोई सेटिंगबाज था, जो बड़े नेताओं के बड़े इंतजाम करता था. ये सारे सवाल उस पार्टी की कहानी सामने आने के बाद उठ रहे हैं, सूत्र बताते हैं 4 जून को जब नतीजे आए तो अयोध्या में BJP की हार का जश्न मोईद जैसे लोगों ने मनाया. मोईद खान ने भदरसा के अपने महल में जो पार्टी की थी, उसमें कई बड़े नेता शामिल हुए थे. राशिद खान और अवधेश पासी तो मोईद के इतने करीबी थे कि वो बिना निमंत्रण पहुंच जाते थे. लखनऊ से भी कई बड़े नेताओं के मोईद खान की पार्टी में पहुंचने की ख़बर है.
मोईद भले ही लखनऊ के ज्यादा नेताओं को नहीं जानता, लेकिन उसका सबसे बड़ा हमदर्द राशिद खान सैफई तक ऐसी पकड़ रखता है कि अखिलेश यादव के पास आधी रात को भी फोन कर सकता है. अयोध्या की जीत वाकई सपा के लिए बड़ी थी इसलिए पार्टी वाली बात से इनकार नहीं किया जा सकता, लेकिन यहां समझने वाली बात ये है कि क्या इस पार्टी में कुछ ऐसा हुआ था जिसने मोईद के दिमाग में नाबालिग को निशाना बनाने वाली बात भर दी.
मोईद के पड़ोसी ने क्या बताया
मोईद के पड़ोसी बताते हैं...उम्र के हिसाब से तो इलाके के लड़के-लड़कियां उसे मोईद चाचा कहती थी और वो किसी के सामने कभी कोई गलत हरकत भी नहीं करता था, लेकिन बेकरी में अक्सर लोगों को बुलाता रहता था, जिसमें लड़के-लड़कियां सब होती थी. गांव की दुकानों में ऐसे भी लोगों का आना-जाना लगा रहता था, पर कौन मोईद की तरह महापापी निकलेगा, कौन जानता है. मोईद ने उस पार्टी में शराब-शबाब सबका इंतजाम किया था और उसी पार्टी में किसी बात को लेकर ऐसी बहस हुई कि मोईद के दिमाग में खुराफात घूमने लगा.
ये सोचने लगा कि अब तो अखिलेश यादव ने अवधेश प्रसाद को अयोध्या का राजा भी बता दिया है और राजा अपना आदमी है तो फिर डर किस बात का. पर कहते हैं इस लोकतंत्र में प्रजा को पैरों के तले रौंदने की सोच रखने वाले एक न एक दिन सलाखों के पीछे जरूर जाते हैं. मोईन के घरवालों की थ्योरी बताती है कि मोईद खान से उस लड़की को राजू खान ने मिलवाया था. राजू के साथ उस लड़की का अफेयर चल रहा था और इसी बात का फायदा मोईद खान ने उठाया था. लेकिन दूसरी थ्योरी ये है कि मोईद खान ने जानबूझकर उस लड़की को बिस्किट देने का बहाने बुलाया था और नशीला बिस्किट खिलाकर गलत किया. पर इन दोनों थ्योरी के अलावा एक थ्योरी और सामने आई है, जो ये बताती है कि मोईद कितना बेकार आदमी है.
अयोध्या केस की नई थ्योरी
मोईद खान ने नौकरी का लालच देकर उसे अपने पास बुलाया और फिर उसे अपने मोबाइल में वो तस्वीरें दिखाई, जो किसी को नहीं दिखाता था. बड़े-बड़े नेताओं, अधिकारियों और कुछ मौलानाओं के साथ अपनी फोटो दिखाकर उसने अपना रसूख उस लड़की को दिखाया और 2012 की वो कहानी सुनाई, जब उसे पुलिस ने पकड़ा था. वो पुलिसवालों को भी यही कहता था कि मैं तो छूट जाऊंगा लेकिन फिर तुम्हारा क्या होगा, ये सोच लेना. कहते हैं 5 जून की पार्टी के बाद मोईद खान इतना गदगद हो उठा था कि उसे अवधेश प्रसाद से बड़ा कोई और दिखता ही नहीं था.