खालिस्तान समर्थक आतंकवादी नेटवर्क के खिलाफ राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को बड़ी सफलता हाथ लगी है. NIA ने शुक्रवार को खूंखार विदेशी आतंकवादी हरविंदर संधू (रिंदा) और लखबीर सिंह (लांडा) के प्रमुख सहयोगी को यूएई से प्रत्यर्पण करवाने के बाद गिरफ्तार कर लिया है. NIA ने बताया है कि पंजाब के तरनतारन जिले के आरोपी तरसेम सिंह और नामित व्यक्तिगत आतंकवादी लखबीर लांडा के भाई के खिलाफ जून 2023 से गिरफ्तारी का गैर-जमानती वारंट (एनबीडब्ल्यू) जारी किया गया था.
NIA की विशेष अदालत द्वारा एनबीडब्ल्यू जारी करने और उसके बाद इंटरपोल द्वारा रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने के बाद तरसेम को नवंबर 2023 में अबू धाबी से पहली बार हिरासत में लिया गया था. आखिरकार, शुक्रवार को इंटरपोल की उचित प्रक्रियाओं का पालन करते हुए उसे यूएई से भारत प्रत्यर्पित कर दिया गया. NIA जांच के अनुसार, तरसेम संधू उर्फ रिंदा और लांडा भारत स्थित सहयोगियों के लिए आतंकी फंड की व्यवस्था करते थे.
वह कई मार्गों के माध्यम से आतंकी फंड के चैनलाइजेशन में भी शामिल था. NIA ने 20 अगस्त, 2022 को स्वत: संज्ञान लेते हुए मामला दर्ज किया था. यह मामला प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों जैसे खालिस्तान लिबरेशन फोर्स (केएलएफ), बीकेआई, इंटरनेशनल सिख यूथ फेडरेशन (आईएसवाईएफ) आदि के प्रमुखों/सदस्यों की आतंकी गतिविधियों से जुड़ा है, जिन्होंने पूरे भारत में आतंकी संचालकों का एक विशाल नेटवर्क स्थापित किया है.
NIA की जांच से पता चला है कि ये संगठन सीमा पार से हथियार, गोला-बारूद, विस्फोटक, आईईडी आदि की तस्करी करने के लिए आतंकी संगठनों और संगठित आपराधिक गिरोहों के गुर्गों या सदस्यों के माध्यम से काम कर रहे हैं. वे भारतीय धरती पर आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए धन जुटाने के लिए मादक पदार्थों की तस्करी, जबरन वसूली, हवाला कारोबार आदि का इस्तेमाल कर रहे हैं. आरोपियों के खिलाफ आगे की जांच की जा रही है.