22 नवंबर से भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी का मुकाबला शुरू होने वाला है, लेकिन टीम इंडिया के सामने कई मुश्किलें खड़ी हो गई हैं. खासकर हालिया प्रदर्शन को देखते हुए, भारत के लिए यह सीरीज जीतना चुनौतीपूर्ण हो सकता है. हम यहां पर टीम इंडिया को प्रभावित करने वाली पांच मुख्य चुनौतियों पर चर्चा करेंगे.
1. विराट कोहली का खराब प्रदर्शन
विराट कोहली का बल्ला हाल के समय में काफी शांत रहा है. टेस्ट और वनडे दोनों फॉर्मेट में उनका प्रदर्शन खराब रहा है. न्यूजीलैंड के खिलाफ हाल ही में खेली गई टेस्ट सीरीज में कोहली ने 6 पारियों में केवल 00, 70, 01, 17, 04 और 01 रन बनाये थे. उनकी फॉर्म टीम इंडिया के लिए चिंता का कारण बन चुकी है. अब उन्हें बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद है, लेकिन उनका खराब फॉर्म टीम के लिए एक बड़ी चुनौती हो सकती है.
2. रोहित शर्मा का निराशाजनक खेल
भारतीय कप्तान रोहित शर्मा भी फॉर्म में नहीं हैं. न्यूजीलैंड के खिलाफ घरेलू टेस्ट सीरीज में उन्होंने केवल एक अर्धशतक बनाया. इसके अलावा बांग्लादेश सीरीज में भी उनका प्रदर्शन फीका रहा. कप्तान के रूप में रोहित पर दबाव बढ़ रहा है, और यदि उनका बैटिंग फॉर्म और खराब होता है, तो टीम के लिए मुश्किलें और बढ़ सकती हैं.
3. गौतम गंभीर का असफल कोचिंग अनुभव
गौतम गंभीर को भारतीय टीम का कोच बनाये जाने के बाद से कई विवाद सामने आए हैं. उनकी कोचिंग में भारत ने घरेलू जमीन पर पहली बार तीन मैचों की टेस्ट सीरीज गंवाई. इसके अलावा, गंभीर के नेतृत्व में भारतीय टीम कई मामलों में नाकाम रही है. उनके कोचिंग में टीम इंडिया को स्थिरता और सफलता की कमी महसूस हो रही है.
4. ओपनिंग जोड़ी में समस्या
टीम इंडिया के ओपनिंग जोड़ी को लेकर भी चिंताएँ हैं. रोहित शर्मा के खराब फॉर्म के बाद, केएल राहुल को ओपनिंग में भेजा जा सकता है, लेकिन राहुल भी संघर्ष कर रहे हैं. शुबमन गिल को ओपनिंग में लाने का विचार था, लेकिन गिल को अंगूठे में फ्रैक्चर हुआ है, और वह पहले टेस्ट में शायद नहीं खेल पाएंगे. ऐसे में भारत को ओपनिंग में एक स्थिर जोड़ी की कमी महसूस हो रही है.
5. जसप्रीत बुमराह पर ज्यादा दबाव
भारतीय टीम के मुख्य तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह पर अब ज्यादा जिम्मेदारी होगी. मुहम्मद सिराज के अलावा टीम में अन्य तेज गेंदबाजों का अनुभव सीमित है, और सिराज भी हाल के समय में विकेट लेने में असफल रहे हैं. ऐसे में बुमराह पर और ज्यादा दबाव होगा, और उन्हें टीम के लिए महत्वपूर्ण विकेट लेने होंगे.