Odisha Engineer Scam: तारीख थी 30 मई 2025, ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में अधिकारियों की एक टीम सरकारी इंजीनियर के फ्लैट पर पहुंचती है, उसे जैसे ही लगता है घर पर छापा पड़ गया है, नोटों के बंडल खिड़कियों से बाहर फेंकने लगता है, जिसका वीडियो वायरल हो जाता है इस वीडियो में दिखाता है कि खिड़की से कूड़े की तरह वो नोटों को बाहर फेंक रहा है
उसे लगता है ये बचा लूंगा तो बच जाऊंगा, लेकिन अधिकारी नीचे से ही सीढ़ियों से नोटों के बंडल समेटते हुए उसके कमरे तक पहुंचते हैं, जहां कुछ नोट बिखरे पड़े थे, लेकिन जिस भारी-भरकम पैसे के वहां होने की जानकारी टीम को मिली थी, वो कहीं नहीं दिख रहा था. इधर एक टीम इंजीनियर के फ्लैट पर थी, तो दूसरी अंगुल के करदागड़िया इलाके के दो मंजिला घर में, कुल 7 टीमों में 26 ऑफिसर एक साथ रेड में जुटे थे, जिसमें 8 डीएसपी, 12 इंस्पेक्टर और 6 सब इंस्पेक्टर शामिल थे. भुवनेश्वर से लेकर पुरी के फ्लैट तक की एक तलाशी हो रही थी.
तभी पता चलता है असली खजाना तो अंगुल वाले पैतृक आवास में छिपा है, कई रिश्तेदारों के यहां भी खजाने मिले हैं, नोटों का बंडल इतना ज्यादा था कि वहीं फर्श पर अधिकारियों ने उसे एक जगह जमा करना शुरू किया, करीब 8 लोगों की टीम उसे गिनने बैठी, लेकिन जब लगा हाथों से इसे गिनने में कई दिन लग जाएंगे तो तुरंत मशीन मंगवाई गई, आप वीडियो में देख सकते हैं कैसे सारे कर्मचारी-अधिकारी नोट गिनकर मशीन के पास बैठे ऑफिसर को दे रहे हैं, और वो नोटों के बंड़ल तैयार कर रहे हैं.
अंगुल इलाके के घर से जहां 1.1 करोड़ कैश मिले तो वहीं इंजीनियर के भुवनेश्वर वाले फ्लैट से कई गड्डियां मिली, कुल मिलाकर ये रकम 2 करोड़ पहुंच गई, लेकिन असली बरामदगी अभी बाकी थी, विजिलेंस की टीम यहां सिर्फ पैसा ढूंढने ही नहीं गई थी, बल्कि ये पैसे कहां से आए और पैसे के अलावा क्या सोने भी काली कमाई से खरीदे गए हैं, ये भी पता करने गई थी, जब तलाशी तेज हुई तो भारी संख्या में सोने के गहने भी बरामद हुए, जिसमें हाथों के कंगन से लेकर कानों में पहने जाने वाले झुमके समेत कई ऐसे बेशकीमती गहने थे, जिनकी कीमत लाखों-करोड़ों में हो सकती है, ओडिशा विजिलेंस नाम के ट्विटर हैंडल से वीडियो शेयर कर लिखा गया है
“आय से अधिक संपत्ति के मामले में बैकुंठनाथ सारंगी के घर सर्च के दौरान 2 करोड़ 56 लाख रुपये कैश, 2 मल्टी स्टोरी बिल्डिंग, 2 फ्लैट, 7 प्लॉट, डेढ़ करोड़ का डिपॉजिट, शेयर में निवेश किए 2.7 करोड़ और 1.1 किलो सोना मिला है. अभी पूछताछ और आगे की कार्रवाई जारी है.”
ज्यादा जानकारी जुटाने पर पता चलता है जिसके पास से इतना पैसा मिला है, वो ग्रामीण विकास विभाग का सरकारी इंजीनियर है, जिसका नाम है बैकुंठनाथ सारंगी.
बैकुंठनाथ सारंगी के पास कहां से आए इतने पैसे ?
इनकी तैनाती ग्रामीण विकास विभाग के चीफ इंजीनियर के पद पर थी,जिसका मतलब है इनके ऊपर गांवों के विकास की जिम्मेदारी थी, गरीब जनता का भला हो ऐसा काम इन्हें करना था. लेकिन गांवों के विकास के लिए सरकार ने जो पैसे दिया, उसका एक हिस्सा इन्होंने अपने पास रख लिया, और बड़े ही सावधानी से उसे सुरक्षित जगह बरसों छिपाए रखा. और अगर विजिलेंस की रेड 30 मई को नहीं पड़ती तो अगले दिन बैकुंठनाथ सारंगी रिटायर हो जाते और फिर कार्रवाई में मुश्किल भी आ सकती थी.
लेकिन अब बैकुंठनाथ को विजिलेंस ने पूछताछ का नोटिस दिया है, जानकारी जुटाने में लगी है कि इन्होंने अपनी काली कमाई किन लोगों में बांटी है, जब सामने इतना पैसा मिला है तो छिपाए गए खजाने में कहीं और करोड़ों तो नहीं छिपे हैं. लेकिन यहां एक सवाल ये भी है कि ऐसे लोग जो जनता की गाढ़ी कमाई पर बुरी नजर डालते हैं, उससे ऐश की जिंदगी जीते हैं, इनका इलाज क्या सिर्फ छापा मारकर पैसे बरामद कर देना और जेल भेज देना ही है या ओडिशा की मोहन चरण मांझी सरकार को कोई नया नियम लाना होगा. इससे पहले बिहार से भी एक ऐसा ही सरकारी अधिकारी पकड़ा गया था, जिसके घर बोरियों में नोट भरे हुए थे. ऐसे में क्या सभी सरकारों को नया नियम लाने की जरूरत है, ताकि ऐसा करने की कोई सोच भी नहीं पाए.