केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज बजट 2024 पेश कर दिया है. इस बजट से विपक्ष के कुछ नेता खुश नजर नहीं आ रहे हैं. नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष ने खुलकर बजट का विरोध किया है. इसी बीच आज कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के घर पर इंडिया ब्लॉक की बैठक हुई, जिसमें निर्णय लिया गया है कि केंद्रीय बजट को लेकर कल संसद में प्रदर्शन किया जाएगा.
बताते चलें कि विपक्ष के नेताओं ने बजट को निराशाजनक और भेदभावकारी करार दिया है और मल्लिकार्जुन खड़गे के आवास पर इंडिया गंठबंधन के लोकसभा और राज्यसभा के नेताओं की बैठक की गई है. इसे लेकर कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने कहा कि जहां-जहां गैर बीजेपी सरकार है, उस राज्य के साथ भेदभाव हुआ है. इसे लेकर हमलोग बुधवार को संसद में विरोध-प्रदर्शन करेंगे.
प्रमोद तिवारी ने आगे कहा कि यह बीजेपी का नहीं पूरे देश का बजट था, लेकिन उन्होंने बजट को ऐसे पेश किया है जैसे ये उनका हो. बता दें कि राहुल गांधी ने बजट 2024-25 की आलोचना करते हुए वित्त मंत्री पर खोखले वादे करने का आरोप लगाया. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर उन्होंने ट्वीट किया और कहा यह "कुर्सी बचाओ बजट है. सहयोगियों को खुश करने वाला है. उन्होंने कहा कि यह बजट एए (अंबानी-अडानी) को लाभ पहुंचाने वाला है, लेकिन आम भारतीय को कोई राहत नहीं दी गई है. राहुल गांधी ने इस बजट को कॉपी और पेस्ट बता दिया है.
मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी 'एक्स' पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया. उन्होंने कहा है कि मोदी सरकार का 'नकलची बजट' कांग्रेस के न्याय एजेंडे की भी ठीक से नकल नहीं कर सका! मोदी सरकार का बजट अपने गठबंधन सहयोगियों को धोखा देने के लिए आधी-अधूरी 'रेवड़ियां' बांट रहा है ताकि एनडीए बच जाए. यह 'देश की तरक्की' का बजट नहीं है, यह 'मोदी सरकार बचाओ' का बजट है!"
खड़गे ने युवाओं, किसानों, दलितों, आदिवासियों, पिछड़े वर्गों, अल्पसंख्यकों, मध्यम वर्ग और ग्रामीण गरीबों के लिए बजट में पर्याप्त घोषणाओं की कमी की आलोचना की. उन्होंने कहा कि महिलाओं के लिए कोई महत्वपूर्ण योजना नहीं है और सरकार बढ़ती महंगाई और ग्रामीण विकास जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों की अनदेखी कर रही है. उन्होंने कहा, "कुछ भी ठोस नहीं है! 'गरीब' शब्द सिर्फ़ आत्म-ब्रांडिंग का साधन बन गया है.
खड़गे ने रेलवे सुरक्षा, जनगणना कराने और रोजगार के अवसर बढ़ाने में विफल रहने के लिए सरकार की आलोचना की. वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने कहा कि बजट में "अवसरों को खो दिया गया" और कांग्रेस की रोजगार-लिंक्ड प्रोत्साहन (ईएलआई) और अप्रेंटिसशिप योजना को अपनाने का स्वागत किया. हालांकि, उन्होंने कहा कि कांग्रेस के घोषणापत्र से और विचार शामिल किए जाने चाहिए थे. चिदंबरम ने कांग्रेस की लंबे समय से चली आ रही मांग एंजल टैक्स को खत्म करने के कदम का भी स्वागत किया.
समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने भी केंद्रीय बजट की आलोचना की और इसे बिहार और आंध्र प्रदेश के लिए विशेष परियोजनाओं का उल्लेख करके सत्ता में बने रहने की चाल करार दिया.यादव ने कहा, उन्होंने पिछले 10 वर्षों में बेरोजगारी बढ़ाई है," और सवाल किया कि भाजपा ने किसानों और युवाओं के लिए क्या किया है.
समाजवादी पार्टी की सांसद डिंपल यादव ने कहा, महिलाओं के बारे में मुख्य चिंता उनकी सुरक्षा है, और इस मुद्दे को संबोधित नहीं किया गया है. सरकार महंगाई को नियंत्रित करने के लिए कोई कदम नहीं उठाना चाहती है." सीपीआई (एम) के महासचिव सीताराम येचुरी ने आलोचनाओं में शामिल होकर कहा कि बजट बढ़ती बेरोजगारी, मुद्रास्फीति और खाद्य कीमतों को संबोधित करने में विफल रहा. उन्होंने बताया कि जीडीपी के अनुसार सरकारी खर्च में कमी आई है, जिससे लोगों की समस्याएं बढ़ेंगी.
अपने बजट की घोषणा में, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बिहार में नए हवाई अड्डों और मेडिकल कॉलेजों, मंदिर गलियारों और राजगीर जैन मंदिर स्थल के लिए विशेष निधि पर प्रकाश डाला. आंध्र प्रदेश को चालू वित्त वर्ष के लिए 15,000 करोड़ रुपये के आवंटन के साथ पूंजी की आवश्यकता को पूरा करने के लिए विशेष वित्तीय सहायता मिली.