पाकिस्तान की राजनीति ने एक नया मोड़ ले लिया है। पिछली रात वहां एक नया सियासी खेल चल रहा था। कोई फाइल लेकर हाईकोर्ट दौड़ रहा था, तो कोई राष्ट्रपति के पास जाकर कह रहा था हम सरकार बना चाहते है, जबकि जनता ने सबसे ज्यादा सीटें इमरान खान के समर्थित उम्मीदवारों को जीताई है, जेल में बंद होने के बावजूद इमरान ने जिस जादूई अंदाज में जीत हासिल की है, उसे देखकर हर कोई ये जानना चाहता है कि इमरान को पीएम की कुर्सी से दूर कौन हटा रहा है, हालत ये हो गई है कि भारत के लोकतंत्र पर टिप्पणी करने वाला पाकिस्तान रिजल्ट के 72 घंटे बाद भी सरकार क्यों नहीं बना पाया, तो इसकी वजह जानने के लिए आपको वहां के सीटों का गणित समझना होगा. फिर उसके बाद ये भी बताएंगे कि अमेरिका औऱ यूरोप पाकिस्तान में दोबारा चुनाव क्यों चाहते हैं.
पाकिस्तान में कुल सीटें हैं 266, जिनमें से 265 पर चुनाव हुए हैं, यानि बहुमत के लिए 133 सीटों की जरूरत है।
इमरान खान के समर्थन वाले 101 उम्मीदवारों को जीत मिली है, नवाज की पार्टी पीएमएलएन को 73 सीटें मिली हैं, जबकि बिलावल भुट्टो जरदारी की पार्टी पीपीपी को 54 और सेना का समर्थन करने वाली एमक्यूएम-पी को 17 मिली हैं।
अब नवाज की कोशिश है कि इमरान को जेल में रहने दें और बाकी पार्टियों के साथ मिलकर सरकार बना लें, लेकिन 72 घंटों में ऐसा हो नहीं पाया और अब इमरान खान के समर्थन वाले उम्मीदवार पार्टी भी छोड़ने लगे हैं, जो इमरान के लिए एक बड़ा झटका है। चूंकि घोटाले के आरोप में घिरे इमरान की पार्टी पर इस बार बैन लगा दिया गया था, उनका चुनाव चिन्ह् बैन कर दिया गया था, इसलिए उनकी पार्टी तहरीक ए इंसाफ ने निर्दलीय उम्मीदवारों को चुनाव में उतारा और ये हैरत की बात ही है कि सबसे ज्यादा निर्दलीय उम्मीदवारों को ही जनता ने पसंद किया. बड़े-बड़े चुनावी विश्लेषक बताते हैं कि पाकिस्तान चुनाव के नतीजे बताते हैं कि वहां की आवाम इमरान के नए पाकिस्तान के सपने को पसंद कर रही है, उसे सेना के कंट्रोल वाला पाकिस्तान नहीं चाहिए. अगर इमरान प्रधानमंत्री बने तो भारत ही नहीं दुनिया के साथ भी पाकिस्तान के रिश्ते सुधरने की उम्मीद कई बड़े विश्लेषक देख रहे हैं, हालांकि भारत पाकिस्तान के साथ कोई भी बातचीत तभी करेगा, जब वो हमारी शर्तों पर बातचीत के लिए तैयार हो। जो इमरान खान कुर्सी से हटाए जाने से लेकर अब तक ये बात कई बार कह चुके हैं कि हमें अमेरिका की शह पर हटाया गया, वही इमरान अब ये सुनकर हैरान हैं कि अमेरिका और यूरोप उनके मुल्क में दोबारा चुनाव की मांग कर रहे हैं. अमेरिका और ब्रिटेन ने कहा है कि स्थानीय नेता अगर चुनाव में हस्तक्षेप और कार्यकर्ता की गिरफ्तारी के दावे कर रहे हैं. तो चुनाव में हुई अनियमितता, हस्तक्षेप और धांधली की निष्पक्षता से जांच होनी चाहिए।
इमरान खान की पार्टी के कार्यकर्ता इसे लेकर लगातार सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं। यहां तक कि कई प्रत्याशियों ने अदालत का दरवाजा भी खटखटाया है। उनका कहना है कि नवाज शरीफ और उनकी बेटी मरियम नवाज को गलत नियमों के तहत विजेता घोषित किया गया है, इस सीट पर चुनाव दोबारा होने चाहिए। इमरान खान के साथ जेल में बंद पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी की बेटी शाहर बानो ने भी इसी तरह के गंभीर आरोप लगाए हैं, जो बताता है कि पाकिस्तान में लोकतंत्र का ऐसा मजाक बना है, जो दुनिया के किसी देश में नहीं हुआ है, और इसके जिम्मेदार जितने वहां के नेता हैं, उतनी ही जनता भी है, क्योंकि अगर एक पार्टी को बहुमत नहीं मिलती है तो फिर खिचड़ी सरकार का कोई भरोसा नहीं होता।