नई दिल्ली: भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के गाजा में युद्ध समाप्त करने के 20-सूत्री प्रस्ताव का स्वागत किया और इसे क्षेत्र में दीर्घकालिक और स्थायी शांति, सुरक्षा तथा विकास की व्यवहार्य राह का राह बताया. एक्स पर एक पोस्ट में प्रधानमंत्री ने यह भी उम्मीद जताई कि सभी संबंधित पक्ष राष्ट्रपति ट्रंप की इस पहल के पीछे एकजुट होंगे और संघर्ष समाप्त करने तथा शांति सुनिश्चित करने के इस प्रयास का समर्थन करेंगे.
सोमवार को व्हाइट हाउस ने एक 20-सूत्री दस्तावेज जारी किया, जिसमें तत्काल युद्धविराम, हमास द्वारा रखे गए बंधकों का इजरायल द्वारा कैद फिलिस्तीनी कैदियों के साथ आदान-प्रदान, गाजा से इजरायल की चरणबद्ध वापसी, हमास का निरस्त्रीकरण तथा अंतरराष्ट्रीय निकाय के नेतृत्व में एक संक्रमणकालीन सरकार की मांग की गई. यह प्रस्ताव ट्रंप और इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की ओवल ऑफिस में सोमवार को हुई बैठक के बाद जारी किया गया.
यह इस साल जनवरी में ट्रंप के पदभार संभालने के बाद नेतन्याहू का व्हाइट हाउस का चौथा दौरा था. व्हाइट हाउस में नेतन्याहू के साथ बोलते हुए ट्रंप ने कहा कि वे एक दुर्लभ समझौते के बहुत करीब हैं, लेकिन चेतावनी दी कि यदि हमास इस योजना को अस्वीकार करता है, तो इजरायल को पूर्ण अमेरिकी समर्थन मिलेगा. अपने पक्ष से, नेतन्याहू ने ट्रंप को इजरायल का मित्र बताया, लेकिन अमेरिकी नेता की योजना के कुछ बिंदुओं से खुद को अलग रखा, जिसमें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त फिलिस्तीनी प्राधिकरण से मांगी जा रही सुधारों और अंततः फिलिस्तीनी राज्य की संभावनाओं का उल्लेख शामिल है.
जबकि हमास ने कहा कि उसे अभी तक ट्रंप का प्रस्ताव प्राप्त नहीं हुआ है, फिलिस्तीनी प्राधिकरण ने राष्ट्रपति के प्रयासों का स्वागत किया और अमेरिका तथा साझेदारों के साथ एक व्यापक समझौते पर काम करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई. पिछले सप्ताह संयुक्त राष्ट्र महासभा में, अमेरिका ने गाजा में लगभग दो वर्ष पुराने युद्ध को समाप्त करने के लिए 21-सूत्री मध्य पूर्व शांति योजना पेश की. इसमें सभी बंधकों जीवित और मृत की वापसी, कतर पर कोई और इजरायली हमले न करने तथा इजरायल और फिलिस्तीनियों के बीच शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व के लिए नई वार्ता की मांग की गई.
ट्रंप की योजना पर दुनिया की प्रतिक्रिया
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने प्रस्ताव का स्वागत किया, ट्रंप के नेतृत्व की सराहना की और कहा कि इस्लामाबाद दो-राज्य समाधान का समर्थन करेगा. पाकिस्तान की तरफ से कहा गया है कि यह भी मेरा दृढ़ विश्वास है कि राष्ट्रपति ट्रंप इस अत्यंत महत्वपूर्ण और तत्काल समझ को वास्तविकता बनाने के लिए आवश्यक किसी भी तरीके से सहायता करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं.
एक संयुक्त बयान में, सऊदी अरब, जॉर्डन, संयुक्त अरब अमीरात, इंडोनेशिया, पाकिस्तान, तुर्की, कतर और मिस्र के विदेश मंत्रियों ने ट्रंप के नेतृत्व और सच्चे प्रयासों की सराहना की और योजना को संघर्ष समाप्त करने, गाजा का पुनर्निर्माण करने तथा वेस्ट बैंक के इजरायली कब्जे को रोकने की राह बताया. जबकि फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने योजना को युद्ध समाप्त करने और बंधकों को मुक्त करने का महत्वपूर्ण अवसर बताया.
इतालवी प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने कहा कि यह प्रस्ताव एक मोड़ साबित हो सकता है, जो शत्रुताओं का स्थायी समापन, सभी बंधकों की तत्काल रिहाई तथा पूर्ण और सुरक्षित मानवीय पहुंच सुनिश्चित करेगा.
इस बीच, ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने सभी पक्षों से एकजुट होने और अमेरिकी प्रशासन के साथ मिलकर इस समझौते को अंतिम रूप देकर इसे वास्तविकता में बदलने का आह्वान किया. जर्मन विदेश मंत्री जोहान वाडेफुल ने कहा कि योजना गाजा में पीड़ित सैकड़ों हजारों लोगों के लिए आशा प्रदान करती है और इस अवसर को व्यर्थ नहीं जाने देना चाहिए, हमास से इसे अपनाने का आग्रह किया.