नई दिल्ली: कोलकाता के सरकारी आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में ड्यूटी पर तैनात प्रशिक्षु डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या के दोषी संजय रॉय को सियालदह की एक अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. संजय रॉय को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच सजा सुनाने के लिए कोलकाता की अदालत में लाया गया था. सियालदह के अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायालय के न्यायाधीश अनिरबन दास ने सजा सुनाने से पहले सोमवार को दोपहर करीब 12:30 बजे संजय रॉय का बयान सुना.
सजा सुनाए जाने के दौरान संजय रॉय के वकील ने कहा कि भले ही यह दुर्लभतम मामला हो, लेकिन सुधार की गुंजाइश होनी चाहिए. अदालत को यह दिखाना होगा कि दोषी क्यों सुधार या पुनर्वास के लायक नहीं है... सरकारी वकील को सबूत पेश करने होंगे और कारण बताने होंगे कि व्यक्ति सुधार के लायक क्यों नहीं है और उसे समाज से पूरी तरह से खत्म कर दिया जाना चाहिए...
वहीं पीड़िता के परिवार के वकील ने कहा कि मैं अधिकतम सजा के तौर पर मौत की सजा चाहता हूं. बता दें कि 31 वर्षीय प्रशिक्षु डॉक्टर के साथ यौन उत्पीड़न और उसकी गला घोंटकर हत्या करने के दोषी पाए गए संजय रॉय को न्यायाधीश ने भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 64, 66 और 103(1) के तहत दोषी ठहराया गया था.
बीएनएस की धारा 64 (बलात्कार) के तहत कम से कम 10 साल की सजा हो सकती है और यह आजीवन कारावास तक हो सकती है. धारा 66 (पीड़ित की मृत्यु या उसे लगातार अचेत अवस्था में पहुंचाने के लिए सजा) में कम से कम 20 वर्ष की सजा का प्रावधान है, जिसे आजीवन कारावास तक बढ़ाया जा सकता है, जिसका अर्थ है उस व्यक्ति के शेष प्राकृतिक जीवनकाल तक कारावास, या मृत्युदंड.