नीतीश राज में एक और कमाल! 20 वर्षों में दोगुनी हुई सड़क निर्माण की रफ्तार 

Global Bharat 21 Jun 2025 12:00: AM 2 Mins
नीतीश राज में एक और कमाल! 20 वर्षों में दोगुनी हुई सड़क निर्माण की रफ्तार 

2005 तक मात्र 14,468 किलोमीटर सड़कों का हुआ था निर्माण

वर्ष 2025 तक 26,000 किलोमीटर से अधिक हो चुका आंकड़ा

पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में पिछले 20 वर्षों में बिहार में बुनियादी ढांचे के विकास में उल्लेखनीय कार्य हुए हैं. यह देश के लिए भी एक मिसाल बन चुका है. 2005 के पहले और बाद के बिहार की तस्वीर में आया आमूलचूल परिवर्तन खासकर पथ निर्माण के क्षेत्र में साफ दिखाई देता है.

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कार्यकाल में बिहार में सड़क निर्माण की गति दोगुनी हो चुकी है. पथ निर्माण विभाग की तरफ से मिली जानकारी के अनुसार वर्ष 2005 तक जहां राज्य में मात्र 14 हजार 468 किलोमीटर सड़कों का निर्माण हुआ था. वहीं वर्ष 2025 तक यह आंकड़ा बढ़कर 26 हजार किलोमीटर से अधिक हो चुका है. यह न केवल निर्माण की मात्रा में वृद्धि है, बल्कि सरकार की दूरदर्शिता, नीतिगत प्रतिबद्धता और नवाचार के प्रति समर्पण को भी दर्शाता है.

राष्ट्रीय उच्च पथों की बात करें तो वर्ष 2005 तक राज्य में कुल 3 हजार 629 किलोमीटर पथ थे, जो अब बढ़कर 6 हजार 147 किलोमीटर हो गए हैं. राज्य उच्च पथों की लंबाई भी 2 हजार 382 किलोमीटर से बढ़कर 3 हजार 638 किलोमीटर हो गई है. वहीं वृहद जिला पथों की लंबाई भी बड़े पैमाने पर वृद्धि हुई है जहां वर्ष 2005 में वृहद जिला पथों की लंबाई 8,457 किलोमीटर थी जो अब बढ़कर 16,296 किलोमीटर हो चुकी है.

राज्य में सड़कों के चौड़ीकरण के क्षेत्र में भी अभूतपूर्व प्रगति देखने को मिली है. वर्ष 2005 के पहले तक जहां अधिकांश सड़कें सिंगल या इंटरमीडिएट लेन तक ही सीमित थीं, वहीं अब दो, चार और छह लेन सड़कों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है. राष्ट्रीय उच्च पथों में सिंगल लेन सड़कों की लंबाई 764 किलोमीटर से घटकर अब मात्र 186 किलोमीटर रह गई है, जबकि दो लेन सड़कों की लंबाई 1,208 किलोमीटर से बढ़कर 3,278 किलोमीटर हो चुकी है. साथ ही, चार और छह लेन की कुल लंबाई अब 1,704 किलोमीटर तक पहुंच चुकी है. इसी प्रकार, राज्य उच्च पथों में भी बड़ा बदलाव आया है—जहां पहले केवल 52 किलोमीटर सड़कें दो लेन थीं, अब इनकी लंबाई बढ़कर 2,786 किलोमीटर हो चुकी है, जबकि सिंगल और इंटरमीडिएट लेन सड़कों की लंबाई क्रमशः घटकर 286 और 292 किलोमीटर रह गई है. वृहद जिला पथों की श्रेणी में भी यही प्रवृत्ति दिखाई देती है, जहां दो और चार लेन सड़कों की लंबाई में बढ़ोतरी हुई है.

यदि एक्सप्रेसवे की बात करें, तो वर्ष 2005 से पहले बिहार में एक भी एक्सप्रेसवे का अस्तित्व नहीं था. लेकिन केंद्र सरकार की मंजूरी और राज्य सरकार की निरंतर प्रयास के परिणामस्वरूप आज स्थिति पूरी तरह बदल चुकी है. वर्तमान में राज्य में पांच प्रमुख एक्सप्रेसवे परियोजनाएं प्रक्रियाधीन हैं, जो न केवल राज्य की कनेक्टिविटी को एक नया आयाम देंगी, बल्कि आर्थिक विकास की रफ्तार को भी तीव्र करेंगी. इन परियोजनाओं में शामिल हैं:

  • 408 किलोमीटर लंबा रक्सौल-हल्दिया एक्सप्रेसवे
  • 417 किलोमीटर लंबा गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे
  • 250 किलोमीटर लंबा पटना-पूर्णिया एक्सप्रेसवे
  • 300 किलोमीटर लंबा बक्सर-भागलपुर एक्सप्रेसवे
  • 161 किलोमीटर लंबा वाराणसी-कोलकाता एक्सप्रेसवे.

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में राज्य सरकार अब एक और महत्वाकांक्षी लक्ष्य की ओर अग्रसर है— 2027 तक राज्य के किसी भी कोने से पटना अधिकतम साढ़े तीन घंटे में पहुंचना. इससे पहले सरकार द्वारा पांच घंटे में राजधानी पहुंचने की व्यवस्था पहले ही सफलतापूर्वक लागू की जा चुकी है.

Bihar Nitish Kumar Bihar CM Bihad road construction Bihar news

Description of the author

Recent News