RSS to seek votes for BJP in Delhi elections: 2024 के विदा होते ही नए साल की शुरुआत हो गई है. इसी के साथ राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) भी नई जिम्मेदारी के साथ मैदान में उतर गई है. हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, महाराष्ट्र और यूपी विधानसभा चुनाव में अच्छा काम करने के बाद बिहार और दिल्ली विधानसभा चुनाव न सिर्फ RSS बल्कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) के लिए भी चुनौती है, लेकिन RSS का जो इतिहास रहा है, उसे देखकर यही प्रतीत होता है कि इन चुनावों में भी विरोधियों को पटखनी देना RSS के लिए ज्यादा मुश्किल नहीं होगा. राजनीतिक जानकार भी मानते हैं कि दिल्ली और बिहार में भारतीय जनता पार्टी अच्छा करने वाली है, लेकिन RSS के सहयोग के बिना थोड़ी मुश्किल हो सकती है, क्योंकि दिल्ली में अरविंद केजरीवाल और बिहार में नीतीश कुमार मजबूत माने जाते हैं.
साथ ही राजनीतिक जानकार ये भी दावा करते हैं कि यदि RSS चाहती तो यूपी में बीजेपी की जो सीटें कम हुई, उसकी भरपाई हो सकती थी और इस बात की पैरवी कई बार RSS से जुड़े बड़े नेता भी करते पाए गए, लेकिन वो साल दूसरा था अब साल दूसरा है... नए साल में भाजपा के साथ-साथ राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ भी पूरी तरह तैयारी में जुटा हुआ है. दावा किया जा रहा है कि हरियाणा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की तरह ही दिल्ली में भी RSS ने बीजेपी साथ मिलकर रणनीति पर काम करना शुरू कर दिया है और यहां भी यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का जादू चलने वाला है. दिल्ली और बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर संघ ने 2 लाख लोगों की छोटी-छोटी बैठकें करने की तैयारी की है.
ये बैठकें बेहद गोपनीय तरीके से की जाएगी, जिसमें 10 से 20 लोगों को वोट के लिए तेयार किया जाएगा. साथ ही पांच लाख घरों में जनसंपर्क करने की भी रणनीति बनाई गई है. RSS से जुड़े सूत्र दावा करते हैं कि इन बैठकों के जरिए असंतुष्ट मतदाताओं को संतुष्ट करने की कोशिश की जाएगी. किसी को विचारधारा के आधार पर मनाया जाएगा तो किसी को बीजेपी शासित राज्यों की सफलता की जानकारी दी जाएगी और भाजपा को वोट देने के लिए बोला जाएगा. साथ लोकसभा चुनाव के दौरान कम मतदान से हुए नुकसान को देखते हुए संघ के लोग ज्यादा से ज्यादा मतदान के लिए प्रेरित करेंगे और इसको लेकर भी रणनीति बनाई जा रही है. राजनीति विषेषज्ञ दावा करते हैं कि दिल्ली की तरह बिहार में भी इसी रणनीति पर RSS और भाजपा काम करेगी.
दिल्ली में क्या है रणनीति?
बिहार में क्या है रणनीति?
राजनीति विषेषज्ञ दावा करते हैं कि दिल्ली की तरह बिहार में भी दिल्ली वाली रणनीति पर RSS और भाजपा काम करेगी. हालांकि बिहार में जदयू और आरजेडी का अच्छा दबदबा है, जो समाजवाद की विचारधार पर काम करने वाली पार्टी के रूप में जानी जाती है. लेकिन राष्ट्रभक्ति और हिंदुत्व के मुद्दे पर वोटर्स एक हो सकते हैं और इस मुद्दे को भुनाने से आरएसएस पीछे नहीं हटेगी. साथ ही बिहार में भाजपा की महत्वकांक्षा भी रही है कि अकले दम पर सरकार बनाए और अगर राष्ट्रवाद के मुद्दे पर वोटर्स को जोड़ा जाएगा तो निश्चि तौर बीजेपी अच्छा करेगी और अकले दम पर सरकार बना लेगी.