नई दिल्ली: यूक्रेन में तनाव पोलैंड तक पहुंच गया जब कई रूसी ड्रोन ने पोलैंड के हवाई क्षेत्र में घुसपैठ की. पोलैंड के अधिकारियों ने इसे आक्रामकता बताया. जवाब में, पोलैंड ने नाटो के आर्टिकल 4 को लागू किया. प्रधानमंत्री डोनाल्ड टस्क ने पुष्टि की कि पोलिश सेना ने नाटो के समर्थन से रातोंरात कई ड्रोन मार गिराए. यह पहली बार था जब नाटो के किसी सदस्य देश ने अपनी सीमा में रूसी वस्तुओं के खिलाफ हथियारों का इस्तेमाल किया.
यह घटना रूस के यूक्रेन पर अब तक के सबसे बड़े हवाई हमले के दौरान हुई, जिसमें सैकड़ों ड्रोन और मिसाइलों ने कीव और ल्विव जैसे शहरों को निशाना बनाया. कुछ ड्रोन पोलैंड में भटक गए, जिसके कारण वारसॉ ने हवाई क्षेत्र बंद कर दिया और नाटो सहयोगियों, जैसे नीदरलैंड और जर्मनी, के साथ विमान तैनात किए. प्रधानमंत्री टस्क ने कहा, ''हम द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से अब तक सबसे करीब युद्ध की स्थिति में हैं.''
क्रेमलिन ने इन आरोपों को खारिज किया और इसे नाटो और यूरोपीय संघ की आदत बताया कि वे बिना सबूत के रूस को दोष देते हैं. प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने कहा कि यह रूसी रक्षा मंत्रालय का मामला है.
नाटो का आर्टिकल 4 लागू
पोलैंड ने 2022 में रूस के यूक्रेन पर हमले के बाद पहली बार नाटो के आर्टिकल 4 को लागू किया, जिसमें कोई भी सदस्य देश अपनी सुरक्षा को खतरे में होने पर नाटो से सलाह-मशविरा मांग सकता है. यह आर्टिकल 1949 से अब तक कुछ ही बार इस्तेमाल हुआ है, जैसे 2014 में पोलैंड ने क्रीमिया पर रूस के कब्जे के बाद और तुर्की ने सीरिया से खतरे के कारण.
ड्रोन कहां मार गिराए गए?
पोलिश रक्षा मंत्री ने बताया कि 10 से ज्यादा ड्रोन पोलैंड के हवाई क्षेत्र में घुसे, जिनमें से कई को नाटो की मदद से मार गिराया गया. सात ड्रोन और अज्ञात मलबे के टुकड़े मिले, जिनसे एक घर और एक कार को नुकसान पहुंचा. नीदरलैंड ने F-35 विमान तैनात किए, जर्मनी ने पैट्रियट बैटरी तैयार रखी, और इटली ने चेतावनी विमान और ईंधन सपोर्ट दिया. लुबलिन क्षेत्र के व्यरीकी गांव में एक घर को नुकसान पहुंचा, लेकिन कोई हताहत नहीं हुआ. वारसॉ के चोपिन हवाई अड्डे ने कुछ घंटों के लिए उड़ानें रोकीं.
यूक्रेन ने बताया कि रूस ने 415 ड्रोन और 40 से ज्यादा मिसाइलों से हमला किया, जिसमें ल्विव, खमेलनित्सकी, विन्नित्सिया, ज़ाइटॉमिर और चेर्कासी जैसे क्षेत्रों में नुकसान हुआ. यूक्रेन के राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की ने कहा कि रूस जानबूझकर युद्ध को नाटो की सीमाओं तक ले जा रहा है. यूरोपीय संघ की विदेश नीति प्रमुख काजा कैलास ने इसे युद्ध शुरू होने के बाद से यूरोप के हवाई क्षेत्र का सबसे गंभीर उल्लंघन बताया.
लिथुआनिया, एस्टोनिया और स्वीडन ने भी रूस की इस हरकत की निंदा की और इसे नाटो के लिए खतरा बताया. नाटो ने कहा कि उसने पोलैंड की मदद के लिए तुरंत कार्रवाई की और हर किलोमीटर क्षेत्र की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है. ड्रोन हमलों से पूर्वी पोलैंड में हलचल मच गई. व्यरीकी में एक घर क्षतिग्रस्त हुआ, लेकिन कोई घायल नहीं हुआ. सरकार ने नागरिकों से मलबे को न छूने की चेतावनी दी क्योंकि उसमें विस्फोटक या जहरीले पदार्थ हो सकते हैं.