नई दिल्ली: पुणे के ऐतिहासिक शनिवार वाडा किले में मुस्लिम समुदाय के लोगों के नमाज़ पढ़ने का एक वीडियो वायरल होने के बाद विवाद खड़ा हो गया. इसके जवाब में बीजेपी कार्यकर्ताओं ने, राज्यसभा सांसद मेधा कुलकर्णी के नेतृत्व में, किले में गोमूत्र और गोबर छिड़ककर "शुद्धिकरण अनुष्ठान" किया. मेधा कुलकर्णी ने रविवार को वीडियो शेयर कर विरोध प्रदर्शन की घोषणा की और कहा कि यह पुणेकरों के लिए गुस्से और चिंता का विषय है.
उन्होंने पूछा कि पुणे प्रशासन क्या कर रहा है और हमारी धरोहर का सम्मान कहां जा रहा है. कुलकर्णी ने बताया कि उन्होंने महाराष्ट्र के पुरातत्व विभाग से संपर्क किया, जिसने पुष्टि की कि नमाज़ पढ़ने वालों को वहां से जाने को कहा गया था. उन्होंने कहा कि शनिवार वाडा छत्रपति शिवाजी महाराज के स्वराज्य का प्रतीक है और वहां किसी एक धर्म के अनुष्ठान की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए. प्रदर्शनकारियों ने पास के हजरत ख्वाजा सय्यद दरगाह को हटाने की मांग भी की, जिसके बाद पुलिस ने हल्का बल प्रयोग कर भीड़ को तितर-बितर किया. दो घंटे की तनातनी के बाद स्थिति नियंत्रण में आई.
अजित पवार की एनसीपी ने कुलकर्णी पर सांप्रदायिक तनाव भड़काने का आरोप लगाया. एनसीपी की प्रवक्ता रूपाली पाटिल ठोम्बरे ने कहा कि शनिवार वाडा सभी पुणेकरों का है, किसी एक समूह या धर्म का नहीं. उन्होंने कुलकर्णी के खिलाफ केस दर्ज करने की मांग की. महाराष्ट्र के मंत्री नितेश राणे ने कहा कि शनिवार वाडा हिंदू समुदाय के लिए खास है और वहां नमाज पढ़ना ठीक नहीं.
उन्होंने पूछा कि अगर हिंदू हाजी अली में हनुमान चालीसा पढ़ें, तो क्या यह ठीक होगा? उन्होंने कहा कि प्रार्थना केवल निर्धारित स्थानों पर होनी चाहिए. महाराष्ट्र समाजवादी पार्टी के प्रमुख अबू आसिम आजमी ने शुद्धिकरण अनुष्ठान की निंदा की और कहा कि इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उन्होंने कहा कि मुसलमानों ने देश के लिए बलिदान दिए हैं और बीजेपी को इसका जवाब मिलेगा.