नजूल की जमीन पर अवैध तरीके से बना सपा कार्यालय, जल्द होगी कार्रवाई!

Global Bharat 01 Sep 2024 09:21: PM 2 Mins
नजूल की जमीन पर अवैध तरीके से बना सपा कार्यालय, जल्द होगी कार्रवाई!

यूपी की मुरादाबाद में सरकारी जमीन को कब्जे से मुक्त कराने के लिए निगम लगातार अभियान चलाकर जमीन को मुक्त करा रहा है. मुरादाबाद के चक्कर की मिलक पर सपा का ऑफिस भी नजूल की जमीन पर बना हुआ है. लंबे समय से सपा का कार्यालय 3000वर्ग मीटर की इसी जमीन पर बना है. जिसपर निगम कब्जा करेगा. इसके लिए नगर निगन ने जिलाधिकारी को एक पत्र भी भेजा है. इस पत्र में जमीन को कब्जा मुक्त कराने के लिए मजिस्ट्रेट और पुलिस फोर्ट की मांग की है.

दरअसल 20 जुलाई 1994 में तत्कालीन नगर पालिका अध्यक्ष ने नियमों के खिलाफ जाकर सपा कार्यालय के लिए जमीन आवंटित कर दी थी और इसका एक किराया भी तय किया था. ढाई सौ रूपय़े महीना, लेकिन आज इस जमीन की कीमत करोड़ो में हैं. मामले की जब जांच की गई, तो बड़ी फर्जीवाड़ा निकलकर सामने आया. इसके बाद नगर निगम के अधिकारियों ने जमीन का निरीक्षण भी किया तो जानकारी मिली की नजूल की इस जमीन के बारे में तत्कालीन और वर्तमान के जिलाधिकारी को कोई जानकारी नहीं हैं.

हालांकि नजूल की जमीन अगर किसी को आवंटित की जाती है. तो नगर पालिका का इसके कोई रोल नहीं होता. जमीन आवंटन के लिए जिलाधिकारी से संपर्क किया जाता है. क्योंकि जिलाधिकारी को ही जमीन आवंटन का अधिकार दिया गया है. हालांकि इस मामले पर नगर आयुक्त दिव्यांशु पटेल का कहना है कि नगर निगम की जमीनों को मुक्त कराने के लिए अभियान लगातार जारी है. नजूल की इस भी जमीन पर कब्जा होगा उसे खाली करा लिया जाएगा.

बता दें कि उत्तर प्रदेश विधानसभा में विपक्ष के विरोध पर ‘उत्तर प्रदेश नजूल सम्पत्ति विधेयक’ 2024 ध्वनिमत से पारित किया गया. इस कानून के बनने के बाद से नजूल की जमीनों को लेकर कई बड़े बदलाव हो रहे हैं. नजूल की जमीनों को लेकर हाल में कई तरह के विवादों के पनपने के बाद राज्य सरकार ने इसके बारे में एक नया कानून लाने का फैसला किया था.

क्या है नजूल की जमीन?

नजूल जमीन का मालिकाना हक सरकार के पास होता है. हालांकि इसे अक्सर राज्य की संपत्ति के रूप में सीधे पेश नहीं किया जाताच. दरअसल राज्य आमतौर पर ऐसी जमीन जिसे किसी शख्स या संस्था को एक तय समय सीमा के लिए पट्टे पर दिया जाता है और इसकी अवधी तय होती है. इसके लिए आमतौर पर 15 से 99 साल के बीच का समय दिया जाता है. इसी को नजूल की संपत्ति कहा जाता है.

क्या पट्टा खत्म होने पर रिन्यू कराया जा सकता है?

तो इस सवाल का जवाब है हां. अगर पट्टे का समय खत्म हो रहा है, तो कोई भी स्थानीय विकास प्राधिकरण के राजस्व विभाग को एक लिखित आवेदन देकर इसका नवीनीकरण करा सकता है और इसके लिए उसे जिलाधिकारी से भी संपर्क करना होता है. सरकार पट्टे को नवीनीकृत करने या इसे रद्द करके नजूल जमीन को वापस लेना के लिए आजाद है. भारत के लगभग सभी प्रमुख शहरों में, नजूल भूमि को अलग-अलग उद्देश्यों के लिए अलग-अलग कई तरह की संस्थाओं को दिया गया है. 

Recent News