नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले में एक पूर्व बीजेपी जिला अध्यक्ष को विवाद के बाद पुलिस थाने ले जाया गया था. समझौते के बाद रिहा होने के बावजूद अब वे लापता हो गए हैं. लापता नेता प्रीतम सिंह किसान को कोर्ट में पेश करने की मांग वाली हैबियस कॉर्पस याचिका सोमवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई के लिए निर्धारित है.
मामले के विवरण के अनुसार, 18-19 अक्टूबर की रात हमीरपुर के राठ थाना क्षेत्र में किसान के पेट्रोल पंप पर विवाद हुआ. याचिका में किसान ने दावा किया कि कुछ असामाजिक तत्वों ने उनके पेट्रोल पंप कर्मचारियों पर हमला किया, जिसके जवाब में उन्होंने आत्मरक्षा में हवा में गोली चलाई. उन्होंने स्थानीय थाने और इमरजेंसी हेल्पलाइन 112 पर कई कॉल किए, लेकिन कोई मदद नहीं मिली. बाद में करीब 25 पुलिसकर्मियों की टीम मौके पर पहुंची. लेकिन हमलावरों के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय, पुलिस ने कथित तौर पर किसान को हिरासत में ले लिया और उनकी लाइसेंसी राइफल जब्त कर ली.
उस रात उन्हें थाने ले जाया गया और तब से वे लापता हैं. हैबियस कॉर्पस याचिका के अनुसार, किसान 19 अक्टूबर से अवैध पुलिस हिरासत में हैं. यह भी दावा किया गया है कि दोनों पक्षों को थाने लाया गया, जहां अगली सुबह मध्यस्थता से समझौता हो गया. समझौते के बाद किसान को कथित तौर पर उनके परिवार को सौंप दिया गया.
कुछ लोगों ने उन्हें कार से घर छोड़ा था. 21 और 23 अक्टूबर को किसान को परिचितों से मिलते देखा गया, जिसके बाद वे लापता हो गए. पुलिस ने उनके मोबाइल फोन को ट्रैक करना शुरू किया, जो आखिरी बार पेट्रोल पंप से सटे उनके घर के पास ट्रेस हुआ. एक गजेटेड अधिकारी और प्रशासनिक मजिस्ट्रेट की निगरानी में सर्च ऑपरेशन चलाया गया, लेकिन वे नहीं मिले.
इसके बाद 27 अक्टूबर को इलाहाबाद हाईकोर्ट में हैबियस कॉर्पस याचिका दायर की गई, जिसकी सुनवाई सोमवार को होगी. हमीरपुर पुलिस को कोर्ट के सामने किसान को पेश करने का आदेश दिया गया है. पूर्व बीजेपी जिला अध्यक्ष प्रीतम सिंह किसान उत्तर प्रदेश सरकार के कई मंत्रियों के करीबी माने जाते हैं. उन्होंने 2007 में विधानसभा और 2009 में लोकसभा चुनाव लड़ा था.