बेंगलुरु: कर्नाटक के पूर्व सहकारिता मंत्री केएन राजन्ना को मंत्रिमंडल से हटाए जाने के विरोध में मंगलवार को तुमकुरु में हजारों समर्थकों ने सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन किया. इस दौरान स्थिति तब नाटकीय हो गई, जब एक समर्थक ने आत्मदाह का प्रयास किया. मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने सोमवार को कांग्रेस हाईकमान के निर्देश पर राजन्ना को मंत्रिमंडल से हटाया था. यह निर्णय राजन्ना द्वारा राहुल गांधी के 'वोट चोरी' के आरोपों की सार्वजनिक आलोचना के दो दिन बाद लिया गया, जिसने पार्टी के भीतर विवाद खड़ा कर दिया था.
राजन्ना की बर्खास्तगी का कारण
सूत्रों के अनुसार, सिद्धारमैया के वफादार राजन्ना ने इस्तीफे की पेशकश की थी और सोमवार को मुख्यमंत्री कार्यालय भी गए थे. हालांकि, कांग्रेस हाईकमान ने औपचारिक बर्खास्तगी पर जोर दिया. इसके बाद सिद्धारमैया ने उनकी बर्खास्तगी की सिफारिश राज्यपाल को भेजी, जिसे स्वीकार कर लिया गया. उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने राजन्ना के बयानों पर आपत्ति जताते हुए हाईकमान को सूचित किया था. इसके बाद, एआईसीसी महासचिव केसी वेणुगोपाल ने राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के निर्देश पर सिद्धारमैया और शिवकुमार को पत्र लिखकर अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग की.
'वोट चोरी' पर राजन्ना का बयान
राजन्ना ने बेंगलुरु सेंट्रल लोकसभा क्षेत्र के महादेवपुरा खंड में मतदाता सूची में अनियमितताओं के राहुल गांधी के आरोपों पर सवाल उठाए थे. उन्होंने कहा, "हमें याद रखना चाहिए कि मतदाता सूची तब संशोधित हुई थी, जब हमारी सरकार सत्ता में थी. तब हमारी पार्टी ने इस पर ध्यान क्यों नहीं दिया? अनियमितताएं सही हैं, लेकिन यह हमारे लिए अपमानजनक है कि यह हमारी नाक के नीचे हुआ." उन्होंने आगे कहा, "मसौदा मतदाता सूची प्रकाशित होने के बाद आपत्तियां मांगी गई थीं. तब हमने क्या किया? हमें मसौदा जांचना चाहिए था और आपत्तियाँ दर्ज करनी चाहिए थीं. तब चुप रहने के बाद अब हम यह मुद्दा उठा रहे हैं."
विधानसभा में भी हंगामा
सोमवार को विधानसभा में इस मुद्दे पर बीजेपी विधायक आर. अशोक ने तंज कसते हुए कहा, "राजन्ना वाल्मीकि (एसटी) समुदाय का प्रतिनिधित्व करते हैं. कांग्रेस ने उन्हें बलि का बकरा बनाया, जैसे पहले एक अन्य एसटी मंत्री बी. नागेंद्र को बनाया था." तुमकुरु में राजन्ना के समर्थकों ने उनकी बर्खास्तगी के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान एक समर्थक के आत्मदाह के प्रयास ने स्थिति को और गंभीर कर दिया. यह घटना कर्नाटक की राजनीति में बढ़ते तनाव और कांग्रेस के आंतरिक मतभेदों को उजागर करती है.