नई दिल्ली: अपने परिवार द्वारा नजरअंदाज किए जाने से नाराज 27 वर्षीय एक बेरोजगार आदिवासी व्यक्ति ने मंगलवार को आदिलाबाद जिले के एक सरकारी प्राथमिक विद्यालय में मध्याह्न भोजन तैयार करने के लिए रखे बर्तनों पर कथित तौर पर कीटनाशक छिड़क दिया. आरोपी सोयम किस्टू ने पुलिस को बताया कि वह अपने परिवार से परेशान था और उसने उनका ध्यान खीचन के लिए ऐसा किया. यह घटना तब प्रकाश में आई जब इचोडा मंडल के धर्मपुरी गांव में स्कूल के प्रिंसिपल ने देखा कि रसोई के दरवाजे की कुंडी टूटी हुई है और बर्तनों पर रसायन छिड़के हुए हैं.
पुलिस को दी गई अपनी शिकायत में प्रिंसिपल प्रतिभा ने कहा, "कमरे में तीखी गंध आ रही थी और बर्तनों में कोई अज्ञात रसायन मिला हुआ था. बाल्टी में रखे पानी में भी रसायन था. मैंने तुरंत हमारी रसोइया चंद्रकला को बुलाया. कुछ अज्ञात लोगों ने हमारे मध्याह्न भोजन के बर्तनों पर जहर छिड़का और हमारे छात्रों और मुझे मारने के इरादे से पानी में भी जहर मिला दिया. कृपया उचित कानूनी कार्रवाई करें.
आदिलाबाद के एसपी अखिल महाजन ने बताया कि पुलिस ने स्कूल परिसर की तलाशी ली और कीटनाशक की एक खाली बोतल बरामद की. एसपी ने बताया कि हमारी टीम ने तीन संदिग्धों को पकड़ा और उनमें से एक, किस्टू, जो पड़ोस में रहने वाला एक बेरोजगार मजदूर है, ने अपराध करना कबूल कर लिया. उसे बुधवार को गिरफ्तार कर लिया गया और न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. पूछताछ के दौरान, किस्टू ने बताया कि उसके परिवार ने उसे काम करने या किसी भी काम में उसका साथ देने नहीं दिया और उसने उनका ध्यान आकर्षित करने के लिए कुछ सनसनीखेज करने का फैसला किया.
इचोदा सीआई भीमेश ने कहा, "किस्टू ने बताया कि उसने अपने भाई द्वारा कपास के खेत के लिए खरीदे गए कीटनाशक का इस्तेमाल स्कूली छात्रों को जहर देने के लिए किया. उसने इसे बर्तनों पर छिड़का और बाल्टी में पानी में मिला दिया. लेकिन उसने इसे ओवरहेड टैंक में नहीं मिलाया." प्रिंसिपल की शिकायत के आधार पर, बीएनएस की धारा 329 (4), 324, 331 (8), 332 और एफएसएसए की धारा 56 के तहत मामला दर्ज किया गया था.