नई दिल्ली: कहते हैं दुश्मन सिर्फ बॉर्डर के उस पार नहीं होते, बल्कि देश के अंदर दीमक की तरह भी रहते हैं, और एक ऐसा ही दुश्मन पकड़ा गया है उत्तर प्रदेश के आगरा से, जिसने पूछताछ में पाकिस्तानी नेहा शर्मा का नाम लिया, तो एटीएस के भी होश उड़ गए, तो पहले ये सुनिए वो जासूस कौन है, और इसने उस लड़की को जानकारी क्या-क्या भेजी है, फिर बताते हैं वो है कौन, और भारत की सुरक्षा के लिए ये कितना संवेदनशील मसला है.
ब्लैक कोर्ट पहने इस व्यक्ति का नाम है रविन्द्र कुमार सिंह, फिरोजाबाद की हजरतपुर ऑर्डिनेंस फैक्ट्री में साल 2006 से काम कर रहा है. साल 2009 में चार्जमैन बना, पर जून 2024 में इसने अपना इरादा बदल लिया. चंद पैसों और पाकिस्तानी लड़की के चक्कर में ये जानकारियां लीक करने लगा.
एटीएस की पूछताछ में बताता है जून/जुलाई 2024 में फेसबुक पर उसकी दोस्ती नेहा शर्मा नाम के एक लड़की से होती है. पहले हाय-हैल्लो से बात शुरू हुई, दोस्ती प्यार में बदली, फिर वो अपना व्हाट्सऐप नंबर शेयर करती है. दोनों के बीच व्हाट्सऐप पर देर तक बात होने लगती है, और उसके बाद एक दिन वो अपना असल रंग दिखाती है, वो कहती है भारत के रक्षा मंत्रालय और विदेश मंत्रालय से जुड़ी गोपनीय जानकारियां मुझे दो.
उसके बदले तुम्हें अच्छा पैसा मिलेगा. रविन्द्र कुमार सिंह पैसे के चक्कर में उसे पहले ऑर्डिनेंस फैक्ट्री यानि जहां हथियार-गोला-बारूद बनते हैं. वहां की जानकारियां फोन पर शेयर करता है. उसके बाद ऑर्डिनेंस फैक्ट्री की डेली रिपोर्ट और कॉन्फिडेंशियल रिपोर्ट वो लगातार भेजता है, जिसकी जानकारी एटीएस को लगती है तो पुलिस उसे उठाकर मुख्यालय लाती है, पूछताछ करती है, तो एक और बड़ा खुलासा होता है.
चूंकि पाकिस्तान खुद कुछ नया नहीं कर पा रहा है, इसलिए दूसरों की जासूसी करवाने पर तुला है, एटीएस की जांच में ये भी पता चला कि उस लड़की का नाम नेहा शर्मा नहीं बल्कि कुछ और है, और वो ISI की एजेंट हो सकती है. कुछ दिनों पहले ही एक रिपोर्ट सामने आई थी कि पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद से 116 किलोमीटर झेलम शहर में ISI एक कॉल सेंटर चला रही है.
जहां भारतीय सिम कार्ड के जरिए फेसबुक पर संगीता मिश्रा, आयशा रॉय, नीता सिंह की ID बनती है. उसके बाद लड़कियों को उत्तर भारतीय भाषा बोलने की ट्रेनिंग दी जाती है,फिर अगला मिशन शुरू होता है. सोशल मीडिया पर ये भारतीय सुरक्षाकर्मियों की ID खोजती हैं, जिनसे खुफिया जानकारी चाहिए होती है. पहले दोस्ती, फिर प्यार भरी बातें, उसके बाद वीडियो कॉल और आखिर में अंतरंग कॉल तक करती हैं. जिसका खुलासा कुछ महीने पहले हुआ तो हड़कंप मच गया. बावजूद उसके रविन्द्र जैसे लोग ये जानते हुए जानकारियां शेयर करते हैं कि हम पकड़े नहीं जाएंगे.
जिस हिंदुस्तान में रहकर ये कमाते हैं, परिवार पालते हैं, इज्जत, प्रतिष्ठा पाते हैं, उसी हिंदुस्तान की सुरक्षा में ये सेंध लगाते हैं, उसकी खुफिया जानकारियां साझा करते हैं, जिससे बड़ा नुकसान हो सकता है. यूपी एटीएस की टीम ये पता करने में जुटी है कि उसने और क्या-क्या जानकारियां पाकिस्तान भेजी है. लेकिन आप बताइए ऐसे लोगों को क्या सजा मिलनी चाहिए.