UP Police Extortion Case: सवाल ये है कि जब रक्षक ही भक्षक बन जाए तो आम जनता कहां जाए, कानपुर के किदवई नगर से सामने आई ख़बर कुछ यही इशारा करता है, यहां तैनात एक दारोगा, जिसका नाम है प्रभास शर्मा, उस पर काफी गंभीर आरोप लगे हैं, पीड़ित व्यापारी ने जो शिकायत वहां के एडीसीपी को दी है, उसे सुनने के बाद आप भी यही कहेंगे भगवान ऐसे दारोगा से दूर रखना. सचेंडी के सिद्धपुर सीढ़ी के रहने वाले व्यापारी रामबहादुर कहते हैं
“किदवई नगर के दरोगा प्रभाष शर्मा ने 5 लोगों के साथ मेरी दुकान पर 2 जुलाई को छापा मारा था. पहले दो लोग मेरी दुकान पर आए और कहा सिगरेट दे दो, मैंने कहा सिगरेट नहीं है, तो आधे घंटे बाद 5 लोग काली गाड़ी से आए, और कहा हम मध्य प्रदेश क्राइम ब्रांच से हैं. मुझे गाड़ी में बिठाकर किदवई नगर के एक होटल में ले गए, ज जहां पूरी रात उन्होंने मेरे साथ मारपीट की, और कहा 5 लाख रुपये दो तो तुम्हें छोड़ दूंगा. नहीं तो मध्य प्रदेश ले जाकर ढेर कर दूंगा.”
इधर कारोबारी के परिवारवाले इस बात से परेशान थे कि आखिर केस कौन सा लगा है, आरोप क्या हैं. कारोबारी की पत्नी जब भी आरोप पूछती दारोगा कहता पैसे दो छोड़ दूंगा फिर इससे खुद पूछ लेना. यहां तक कि वो कारोबारी भी इनसे आऱोप पूछता रहा, पर इन पुलिसवालों ने बस एक ही जिद्द लगा रखी थी, 5 लाख दो और घर जाओ. आखिर में डील 3 लाख में होती है. व्यापारी रामबहादुर आगे बताते हैं
“मुझे बर्रा बाइपास होते हुए पनकी, गंगा बैराज घुमाते हुए वापस उसी होटल में लाया गया. उसी रात मेरी पत्नी, साला और मौसा रुपए लेकर पहुंचे. मेरे मौसा को साकेत नगर की पराग दूध डेयरी के सामने बुलाया गया. कार में बैठाकर रुपए लिए गए. इसके बाद कुछ आगे जाने पर उनको कार से उतार दिया गया.”
पैसा मिलते ही आरोपी दारोगा और उसके साथी रफ्फूचक्कर हो गए, इधर व्यापारी ने एडीसीपी को शिकायत दी, जिसकी जांच पनकी के एसीपी शिखर कुमार को मिली, जिनकी प्रारंभिक जांच रिपोर्ट बताती है कि आरोप सही हैं. वहां के एडीसीपी आशुतोष कुमार ने कहा
“व्यापारी ने शिकायत की थी। इसके बाद मामले की जांच की गई। तो ये मामला सही निकला। दरोगा पर FIR लिखी जाएगी। साथ ही जो उनके साथ थे, उन पर कार्रवाई होगी। जल्द ही दरोगा को निलंबित किया जाएगा। पुलिस को होटल के पास एक CCTV मिला। इसमें दरोगा बैग लेकर जाते हुए दिखाई दे रहे हैं”
यानि पुलिस के पास शिकायतकर्ता भी है, सीसीटीवी फुटेज भी है, और कई बड़े सबूत भी हैं, जिसका सीधा सा मतलब है आरोपी दारोगा की न सिर्फ वर्दी उतर सकती है, बल्कि सलाखों के पीछे भी जाना पड़ सकता है. लेकिन सवाल है जिस पुलिस का काम अपहरणकर्ताओं को सलाखों के पीछे पहुंचाना है, बदमाशों से निपटना है, वो खुद कैसे अपहरणकर्ता बन गई. क्या इस केस में भी सीएम योगी आदित्यनाथ को ये कहना होगा कि ऐसी सजा मिलेगी कि समाज के लिए उदाहऱण बनेगा. क्योंकि ये मामला किसी खास व्यक्ति से नहीं, बल्कि पूरे समाज से जुड़ा है, जिस कारोबारी ने आरोप लगाए हैं, उसका दावा है आरोपी दारोगा अब उसे धमकी दे रहा है, वसूली के 3 लाख रुपये भी देने को तैयार है, बस समझौता करना चाहता है, लेकिन सवाल है आरोपी दारोगा ने ऐसा किया ही क्यों. अगर आपके आसपास भी कोई ऐसा पुलिसकर्मी, दारोगा या अधिकारी है, जो जनता को परेशान कर रहा है तो उसकी तुरंत शिकायत कीजिए, ताकि कड़ा एक्शन हो.