बंगाल के बड़े शहर में महाप्रलय की साजिश किसने रची?

Global Bharat 24 May 2024 08:28: PM 2 Mins
बंगाल के बड़े शहर में महाप्रलय की साजिश किसने रची?

जिस शहर को बंगाल का काशी कहा जाता है. जिसका नाम भगवान शिव के गण के नाम पर नंदीग्राम पड़ा. वहां अशांति फैलाने की साजिश कौन रच रहा है. क्या 2024 का चुनाव जीतने के लिए ममता बनर्जी ने बांग्लादेश से कसाई बुलवाए हैं. क्या रोहिंग्याओं को आगे करके ममता की पार्टी बीजेपी कार्यकर्ताओं की पिटवा रही है.

दरअसल बीजेपी कार्यकर्ता प्रचार की रणनीति बना रहे थे तो अचानक से बाइक से कुछ लोग आते हैं और एक महिला को निशाना बनाते हैं. उस महिला के बेटे उसे बचाने जाते हैं तो उन्हें भी नहीं छोड़ते और फिर वो होता है जो किसी प्रदेश में नहीं होना चाहिए.

कई बीजेपी कार्यकर्ताओं के हाथ-पांव तोड़ दिए जाते हैं. सबको अस्पताल में भर्ती कराया जाता है और फिर होता है इतना बड़ा खुलासा कि आपके पैरों तले से जमीन खिसक जाएगी. एक स्थानीय व्यक्ति कहता है कल भाईपो यहां आया था, बंगाली में भांजे या भतीजे को भाइपो कहते हैं.

मतलब सीधा-सीधा आरोप मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी पर लगते हैं. बीजेपी के बड़े नेता सुवेंदु अधिकारी तो अभिषेक बनर्जी को इस पूरे मामले का मास्टरमाइंड बता देते हैं. तो सवाल है कि क्या चुनाव आयोग को ये तस्वीरें नजर आ रही है. क्या कुछ लोग गुंडों के सहारे लोकतंत्र के महापर्व में खलल पैदा करना चाहते हैं.

ऐसी तस्वीरें सामने के बाद ही केन्द्र से जवान भेजे जाते हैं. तब ममता बनर्जी कहती है कि केन्द्र हमें परेशान कर रहा है. मोदी हमारे यहां आर्मी भेजकर हमें डराना चाहते हैं. आपको याद होगा एक बार आधी रात को बंगाल की सड़कों पर आर्मी उतरी थी तो ममता धरने पर बैठ गई थी और राष्ट्रपति शासन की अटकलें लगने लगी थी. फिर पता चला था कि ये आर्मी की रुटीन प्रैक्टिस का हिस्सा था.

कुछ दिनों पहले ही बंगाल में एनएसजी कमांडो भेजे गए क्योंकि जिस शाहजहां शेख को ईडी ने गिरफ्तार किया था. वह शाहजहां शेख इतना बड़ा माफिया था कि उसके घर जाने से बड़े-बड़े दारोगा-एसपी को भी डर लग रहा था. एनएसजी के कमांडो गए तो इतने हथियार बरामद किए कि दिल्ली के अधिकारियों की आंखें खुली की खुली रह गई.

वहीं अब नंदीग्राम मामले के बाद भी सवाल उठ रहे हैं कि क्या यहां भी ऐसी ही चीजें छिपाई गई है. पश्चिम बंगाल के राज्यपाल ने ममता बनर्जी सरकार से रिपोर्ट मांगी है और अगर बवाल नहीं थमा तो तगड़ा एक्शन हो सकता है. जहां बवाल मचा है वह तमलुक लोकसभा सीट में पड़ता है जहां 25 मई को वोटिंग होनी है और वोटिंग से पहले इस तरह की तस्वीरें आना चुनाव आयोग को बड़े एक्शन लेने पर मजबूर कर सकता है.

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