राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) ने अपनी पाठ्यपुस्तकों से प्रस्तावना को कथित तौर पर हटाने के हालिया विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि दावे निराधार है. NCERT में पाठ्यक्रम अध्ययन और विकास विभाग की प्रमुख प्रोफेसर रंजना अरोड़ा ने एक्स पर एक पोस्ट के माध्यम से कहा कि यह समझ कि "केवल प्रस्तावना ही संविधान और संवैधानिक मूल्यों को दर्शाती है, त्रुटिपूर्ण और संकीर्ण है. उन्होंने कहा कि एनसीईआरटी की पाठ्यपुस्तकों से प्रस्तावना को हटाने के आरोपों का कोई ठोस आधार नहीं है.
पहली बार एनसीईआरटी भारतीय संविधान के विभिन्न पहलुओं- प्रस्तावना, मौलिक कर्तव्य, मौलिक अधिकार और राष्ट्रगान को बहुत महत्व दे रहा है. इन सभी को विभिन्न चरणों की विभिन्न पाठ्यपुस्तकों में रखा जा रहा है. यह समझ कि केवल प्रस्तावना ही संविधान और संवैधानिक मूल्यों को दर्शाती है, त्रुटिपूर्ण और संकीर्ण है. बच्चों को प्रस्तावना के साथ-साथ मौलिक कर्तव्यों, मौलिक अधिकारों और राष्ट्रगान से संवैधानिक मूल्य क्यों नहीं प्राप्त करने चाहिए?
हम एनईपी-2020 के विजन का पालन करते हुए बच्चों के समग्र विकास के लिए इन सभी को समान महत्व देते हैं. इससे पहले, राष्ट्रीय जनता दल के नेता मनोज झा ने इस मुद्दे पर गठबंधन सहयोगियों (भारत ब्लॉक) की "चुप्पी" पर सवाल उठाया और कहा कि संविधान की प्रस्तावना का "उल्लंघन" किया जा रहा है. उनका यह बयान एनसीईआरटी द्वारा संशोधित कक्षा 12वीं राजनीति विज्ञान की पाठ्यपुस्तक में बाबरी मस्जिद को छोड़कर इसे केवल "तीन गुंबद वाली संरचना" के रूप में संदर्भित करने के बाद आया है.
संशोधन अध्याय 8, भारतीय राजनीति में हालिया घटनाक्रम' से संबंधित है. उन्होंने कहा कि शिक्षा नीति संविधान द्वारा निर्देशित होनी चाहिए...संविधान की प्रस्तावना का उल्लंघन किया जा रहा है...क्या छात्रों को प्रलय, विभाजन और युद्ध नहीं पढ़ाया जाना चाहिए?...किस तरह के लोग निर्णय ले रहे हैं?...छात्रों को सब कुछ पता होना चाहिए कि घृणा, नफरत और हिंसा के बावजूद भारत विकसित हुआ...गठबंधन सहयोगी चुप क्यों हैं?...यह छात्रों के भविष्य से जुड़ा मुद्दा है.
NCERT ने अपनी कक्षा 12वीं की राजनीति विज्ञान की पाठ्यपुस्तक में संशोधन करते हुए कहा कि यह बदलाव राम जन्मभूमि आंदोलन में सुप्रीम कोर्ट के फैसले को दर्शाता है. सुप्रीम कोर्ट में अंतिम फैसला 9 नवंबर 2019 को सुनाया गया. सुप्रीम कोर्ट ने हिंदू मंदिर बनाने के लिए जमीन को एक ट्रस्ट को सौंपने का आदेश दिया.
NCERT की नई पाठ्यपुस्तकें कई हटाए गए और बदलावों के साथ बाजार में आई हैं. कक्षा 12 की संशोधित राजनीति विज्ञान की पाठ्यपुस्तक में बाबरी मस्जिद का उल्लेख नहीं है, लेकिन इसे "तीन गुंबद वाली संरचना" के रूप में संदर्भित किया गया है और अयोध्या खंड को चार पृष्ठों से घटाकर दो कर दिया गया है. वहीं कांग्रेस की ओर से कहा गया था कि कक्षा तीन और 6 की कई किताबों से संविधान की प्रस्तावना हटा दी गई है.