क्या योगी आदित्यनाथ की छवि ख़राब करना अखिलेश यादव को बहुत भारी पड़ने वाला है?

Global Bharat 12 Sep 2024 07:27: PM 3 Mins
क्या योगी आदित्यनाथ की छवि ख़राब करना अखिलेश यादव को बहुत भारी पड़ने वाला है?

ऐसा चौंका देने वाला खुलासा है जिसके बाद हर कोई सन्न रह गया है. मंगेश यादव के पाप को छिपाने के लिए सपा से लेकर उसका परिवार हर कोशिश करता है, लेकिन सच है कि छिपता नहीं है. सबसे पहले मंगेश यादव के पिता मीडिया में आते हैं वो कहते है मेरा बेटा निर्दोष है, फिर आज तक पर मंगेश यादव की छोटी बहन कहती है भाई तो मेरा मेरे साथ था, जौनपुर में मंगेश यादव के समाज ने तो उसको शहीद तक बना दिया. सपा ने ये तक सवाल उठा दिया था कि उस डकैती में मंगेश यादव शामिल तक नहीं था, इस बात को जिसने सुना उसको लगा शायद UP पुलिस ने जाति देखकर एनकाउंटर किया था. UP पुलिस पहले केस सुलझाती है, चुप रहती है, तब पूरा सच बताती है.

पूरा सच तो होश उड़ाने वाला है. ऐसा सच बताया कि जिसकी उम्मीद सपा को थी ही नहीं.कहानी में सबसे पहला खुलासा मंगेश यादव की बहन के झूठ का ही होता है. ये वीडियो देखिए, मंगेश यादव की छोटी बहन हैं सो रही थी, अचानक घर पर UP पुलिस पहुंच जाती है, बहन को जगाया जाता है, पुलिस एक एक शब्द में सच पूछती है, उसकी बहन का पूरा वीडियो सुनिए फिर आपको दिखाते है मां का खुलासा जो सुनते ही आपका दिमाग हिल जाएगा.

मंगेश यादव की बहन के इस खुलासे के बाद पूरा केस खुल जाता है. समाजवादी पार्टी अब भूलकर भी मंगेश यादव के एनकाउंटर को फेक नहीं बताएएगी, ये चप्पल वाली फोटो देखिए, यही सवाल उठाया था, सपा का दावा था अरे भाई ये कैसे हो सकता है, कोई अधिकारी चप्पल पहनकर कैसे एनकाउंटर कर सकता है. पूरा परिवार नई-नई कहानी गढ़ता है, 28 तारीख की घटना है, 30 तारीख को पुलिस घर जाती है, परिवार सो रहा था, मंगेश यादव नहीं मिलता है, परिवार का दावा था कि भाई को रात दो बजे 2 सितंबर को STF ने गिरफ्तार किया था...

UP पुलिस की तरफ से DGP खुद प्रशांत किशोर दावा करते हैं कि 32 साल से नौकरी कर रहा हूं, हर सरकार में एक्शन लिया है, लेकिन जाति वाला एंगल समझ में नहीं आता है, अब आप सुनिए सबसे चौंका देने वाला खुलासा, जिसके बाद सपा अपने साथ मंगेश का नाम मिटाना चाहती है.

  • UP पुलिस का दावा है कि गैंग का मुखिया था विपिन सिंह, जिसने पहले रेकी की
  • डकैती का आईडिया मंगेश यादव का ही था, वो पहले बाइक चुराने का प्लान बनाता है
  • मंगेश यादव ही पूरी टीम को जोड़ता है. पुलिस ने नाम लिखकर वीडियो भी दिखाया.

मंगेश के पिता का दावा था कि मंगेश यादव उनके साथ गुजरात में ट्रक कंडक्टर की नौकरी करता था, वो चार महीने पहले ही आया था, लेकिन पुलिस रिपोर्ट कहती है कि मंगेश यादव ने डकैती से दो हफ्ते पहले बाइक चुराया था, उसके बाद वो दो दिन तक विविन सिंह और अपने गैंग के साथ रहता है. इसके बाद गैंग तैयार होता है. लेकिन अभी एक सच और बाकी है.

  • अब बहन के बयान पर भरोसा करें, जो दो बयान देती है भाई मुंबई में था, भाई मेरा 90 किलोमीटर दूर स्कूल में फीस जमा करवा रहा था.
  • पिता का बयान सही माना जाए जो कहते हैं कि उनका बेटा तो गुजरात में उनके साथ था, लेकिन कुछ महीने पहले ही आया था.
  • गांव वालों का बयान सही माना जाए जो कहते हैं कि मंगेश यादव तो शरीफ बच्चा था, या फिर सपा का बयान सही माना जाए.
  • सपा ने मंगेश यादव के एनकाउंटर पर सवाल उठाया वो कतई गलत नहीं है, लेकिन डकैती का समर्थन कर बहुत बड़ा इशारा किया.
  • अगर थानेदार दारोगा यादव होता, SSP यादव होते, सरकार अखिलेश यादव की होती तो क्या व्यापारी को उसका सोना कभी मिल पाता.

आपका जवाब कुछ भी हो सकता है, हां या नहीं, लेकिन सुनार की दुकान से गायब सारा सोना मिल गया है, ऐसा कम होता है जब लूट का 100 प्रतिशत हिस्सा मिल जाए. UP पुलिस की कार्रवाई की देश भर का व्यापारी वर्ग तारीफ कर रहा है. लेकिन सपा मंगेश यादव की तारीफ में दिलचस्पी दिखा रही है, क्योंकि मतलब मंगेश यादव से नहीं है, ना ही मंगेश किसी सपा नेता का रिश्तेदार हैं, बल्कि वो वोट बैंक का एक ज़रिया है, वोट लेने के लिए सियासत में पहले भी सपा ने कई झूठ बोले हैं एक और बोल दिया, लेकिन अब दूध का दूध और पानी का पानी हो गया है. DK शाही STF के डीएसपी हैं लेकिन अखिलेश यादव ने उनकी ईमानदारी पर जो सवाल उठाया क्या उसे योगी माफ कर देंगे, ये सवाल शायद आपके ज़हन में होगा.

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