नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री आशीष पटेल और बीजेपी की सहयोगी अपना दल (सोनेलाल) के कार्यकारी अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल के बीच मतभेद की खबर सामने आ रही है. मीडिया में लगातार ऐसी खबरें आ रही है, जिससे स्पष्ट हो रहा है कि जल्द भाजपा और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह जल्द ही कुछ कड़े फैसले ले सकते हैं. हालांकि वह फैसला किसके पक्ष में होगा यह तो आने वाले दिनों में पता चल जाएगा, लेकिन एक बात तय है कि दोनों पार्टियों में खटपट से उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव की पार्टी सपा को जरूर फायदा होगा.
ज्ञात रहे कि हाल में UP प्रदेश के कैबिनेट और मंत्री अपना दल (S) के कार्यकारी अध्यक्ष आशीष पटेल ने अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. आशीष पटेल ने राज्य पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (STF) पर उनके खिलाफ षड्यंत्र रचने का आरोप लगाया है. साथ ही उन्होंने राज्य सूचना विभाग पर भी आरोप लगाया है कि वह उनके खिलाफ खबरें छपवा कर उनकी छवि को खराब करने की कोशिश की जा रही है. जबकि उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने एक न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में इन आरोपों को बेबुनियाद बताया है.
वहीं, केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल, जो आशीष पटेल की पत्नी हैं, उन्होंने 2004 में उत्तर प्रदेश आवास एवं विकास परिषद द्वारा शुरू की गई धौरूपुर भूमि विकास एवं गृहस्थान योजना को रद्द करने की अपील की है. इस मामले में अनुप्रिया पटेल ने सीएम योगी आदित्यानथ को पत्र लिखा है. यह पहला मौका नहीं है, जब अपना दल (S) के दोनों बड़े नेता अपनी ही सरकार को घेर रहे हैं. हालांकि दोनों की राजनीतिक महत्वाकांक्षा क्या है यह अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है. दावा किया जा रहा है कि अपना दल (S) बीजेपी से गठबंधन तोड़ सकती है.
इन सब के बीच सबसे दिलचस्प बात यह है कि आशीष पटेल और उनकी साली और सपा विधायक पल्लवी पटेल के बीच लगातार जुबानी जंग चल रही है. हालांकि अभी सपा और पल्लवी पटेल की राह अलग-अलग है. दावा किया जा रहा है कि भाजपा जल्द ही पल्लवी पटेल को अशीष पटेल के खिलाफ अपना हथियार बना सकती है. सूत्र बताते हैं कि पल्लवी पटेल को इसलिए खड़ा किया जा रहा है ताकि वह अपना दल (S) के मतदाताओं का विकल्प बन सके. हालांकि इससे तो सपा को फायदा मिलेगा, बीजेपी को मिलेगा...तो सूत्र दावा करते हैं कि पल्लवी पटेल लगातार बीजेपी की संपर्क में है और अमित शाह की अगुवाई में लगातार इसपर काम भी किया जा रहा है और एक्शन की शुरुआत अमित शाह अशीष पटेल पर कार्रवाई के साथ कर सकते हैं.
सीएम योगी से पल्लवी पटेल की मुलाकात
24 जुलाई 2024 को पल्लवी पटेल अपने पति के साथ सीएम योगी से मुलाकात की थी. दोनों नेताओं के बीच करीब 20 से 25 मिनट तक चर्चा हुई. हालांकि बातचीत को शिष्टाचार भेंट बताया जा रहा था, लेकिन राजनीतिक जानकार इस मुलाकात के कई मायने निकाल रहे हैं. राजनीतिक विशेषज्ञ मीटिंग को अनुप्रिया पटेल की काट के तौर देख रहे हैं. वहीं पिछले कुछ समय से बीजेपी खासकर सीएम योगी आदित्यनाथ के प्रति पल्लवी पटेल का रुख भी नरम है. पल्लवी पटेल भी चाहती है कि भाजपा में उसका विकल्प खुला रहे.
कितना मजबूत है पल्लवी पटेल की सियासत
पल्लवी पटेल की ताकत क्या है... इस बात को समझने के लिए आपको इतिहास में जाना होगा... बात 2022 की है जब पल्लवी की पार्टी अपना दल (कमेरावादी) अखिलेश यादव की SP के साथ चुनाव लड़ रही थी. पल्लवी को सिराथु से सपा ने टिकट दिया था, जहां से यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे थे.पल्लवी पटेल चुनाव तो अपनी पार्टी से लड़ रही थीं पर उन्हें सिंबल सपा का मिला हुआ था.
चुनाव में केशव प्रसाद मौर्य को हार मिली थी. दावा किया जाता है कि चुनाव में पल्लवी पटेल के पति पंकज निरंजन सिंह का सरनेम काम कर गया और केशव प्रसाद मौर्य करारी हार मिली थी. ऐसे में भाजपा यहां पल्लवी पटेल को साथ लेकर एक तीर से कई निशाना साध सकती है. क्योंकि पल्लवी पटेल के पास न सिर्फ अपना दल का वोटर है, बल्कि मुस्लिम और दलितों में भी अच्छी पैठ है.