कपड़ों के शहर सूरत की शांति में पत्थर की गूंज कौन पैदा करना चाहता है, पूजा के लिए लगे पांडालों पर पत्थर किसने बरसाए, क्या इन पत्थरबाजों का इस मौलाना से कोई कनेक्शन है, जो कुछ वक्त पहले ही पकड़ा गया था, और कह रहा था मोदी-योगी, नुपूर सब मेरे निशाने पर हैं, या इन पत्थरबाजों को किसी और ने ट्रेनिंग दी थी, पूरी बात समझने के लिए पहले ये जानना होगा कि सूरत में आखिर हुआ क्या है.
सूरत के लालगेट इलाके में पुलिस चौकी से 100 मीटर दूर कुछ पत्थऱबाज आते हैं, गणेश पूजा के लिए लगे पंडाल पर ताबड़तोड़ पत्थर बरसाते हैं, पुलिस 6 लोगों को गिरफ्तार करती है, 27 को हिरासत में लेती है, एक हजार से ज्यादा पुलिसकर्मी पंडाल की सुरक्षा में लगा दिए जाते हैं, लेकिन उसके बाद जो कहानी खुलती है वो हैरान करने वाली थी. जांच में पता चलता है.
सबसे पहले सैयदपुरा इलाके में 'वरियावी चा राजा' के नाम से मशहूर गणेश प्रतिमा पर 6 युवकों ने पत्थरबाजी की. आयोजकों ने सभी को पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया. इसके बाद आरोपी के पक्ष के करीब 200 लोग थाने पहुंच गए, तभी दोनों पक्षों में पथराव हो गया.
माहौल बिगड़ने पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले भी दागे. रात करीब साढ़े 10 बजे के आसपास एक बार फिर पथराव शुरू हो गया. सूचना मिलते ही सूरत पुलिस की क्राइम ब्रांच, एसओजी, पीसीबी समेत सभी एजेंसियों के पुलिसकर्मी घटना स्थल पर पहुंचे. रात साढे 12 बजे के आस-पास सैयदपुरा पुलिस चौकी के पास से गुजरने वाली सड़क से फिर पथराव शुरू हो गया और देखते ही देखते लोग हिंसक हो गए. भीड़ ने पूरे इलाके में माहौल खराब किया, गाड़ियों में तोड़फोड़ की, जो हाथ लगा सबको खाक कर दिया.
पथराव में कई लोग और पुलिसकर्मी भी घायल हो गए. आसपास की छतों से भी पथराव किया गया. आधी रात को सूरत के सांसद मुकेश दलाल मौके पर पहुंचे और लोगों से बातचीत की. जिसके बाद भीड़ ने फिर से सैयदपुरा पुलिस चौकी का घेराव किया और थाने का बोर्ड उतारने की मांग की. मुकेश दलाल ने कहा कि सभी पत्थरबाजों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी. लेकिन सांसद महोदय उधर जब आश्वासन दे रहे थे, इधर स्थानीय विधायक कांति बलर की पुलिस के साथ धक्का मुक्की हो गई.
शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस ड्रोन से पंडाल की निगरानी कर रही है, स्थानीय लोगों से पूछताछ कर रही है, ताकि सारे पत्थरबाज पकड़े जाएं, बावजूद इसके गणेश पंडाल की आयोजक मनीषाबेन कहती हैं. पथराव जरूर हुआ है, लेकिन मूर्ति खंडित नहीं हुई है. हम इस क्षेत्र में शांति और भाईचारे से रहते हैं. जब भी ताजिए का जुलूस यहां से निकलता है, तब ऐसी कोई घटना नहीं होती. पर इस बार पता नहीं क्या हो गया.
VHP सूरत नगर के मंत्री नीलेश अकबरी इसे जम्मू-कश्मीर से जोड़ते हैं, कहते हैं वहां जैसे पत्थरबाजों के हौसले कभी बुलंद थे, वही हाल सूरत में करने की कोशिश की जा रही है. पर सवाल है ऐसा करने वाले वो लोग कौन हैं.
अगर हां तो फिर गुजरात पुलिस को एनआईए और तमाम एजेंसियों की मदद लेनी होगी, क्योंकि पत्थरबाजी की घटनाएं देशभर में दिनोंदिन बढ़ती जा रही है. गुजरात के गृह राज्य मंत्री हर्ष सांघवी कहते हैं...जो कोई भी गुजरात की शांति को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करेगा उसे गिरफ्तार कर कठोर से कठोर सजा दी जाएगी. लेकिन सवाल है कि जब हिंदुस्तान में रहकर हिंदू अपनी पूजा भी शांति से नहीं कर पाएगा तो फिर कार्रवाई किस काम का, हो सकता है कुछ लोगों को ये बात ठीक न लगे, पर हमारे कहने का मतलब किसी को उकसाना नहीं बल्कि सरकार को ये समझाना है कि व्यवस्था ऐसी हो कि हिंदू हो या मुसलमान कम से कम अपना त्यौहार सुकून से मना सके.