चुनाव आयोग ने शनिवार को कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक (DGP) अनुराग गुप्ता को तत्काल हटाने का आदेश दिया. इसके पीछे पिछले चुनावों के दौरान उनके खिलाफ शिकायतों के इतिहास का हवाला दिया गया. मीडिया रिपोर्ट से जानकारी मिली है कि गुप्ता को हटाने का निर्णय इसलिए लिया गया है कि क्योंकि पिछले चुनावों में उनके खिलाफ शिकायतें मिली थी. अब DGP का प्रभार राज्य में DGP स्तर के सबसे वरिष्ठ अधिकारी को सौंप दिया जाएगा.
चुनाव आयोग के द्वारा राज्य सरकार को 21 अक्टूबर तक वरिष्ठ भारतीय पुलिस सेवा (IPS) अधिकारियों की सूची प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है, ताकि चुनाव आयोग एक नया DGP नियुक्त कर सके. गुप्ता को हटाने पर अनुपालन रिपोर्ट आज शाम तक आवश्यक कर दिया गया था. बता दें कि अनुराग गुप्ता के खिलाफ शिकायतों का इतिहास रहा है.
गौरतलब हो कि 2019 के लोकसभा चुनावों में, झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) द्वारा पक्षपातपूर्ण व्यवहार का आरोप लगाने के बाद गुप्ता को झारखंड में एडीजी (विशेष शाखा) के रूप में उनके कर्तव्यों से मुक्त कर दिया गया था. उन्हें फिर से दिल्ली भेजा गया और चुनाव प्रक्रिया पूरी होने तक राज्य में लौटने पर रोक लगा दी गई. 2016 में झारखंड से राज्यसभा चुनाव में, तत्कालीन अतिरिक्त DGP गुप्ता पर सत्ता के दुरुपयोग के आरोप लगे थे.
चुनाव आयोग के द्वारा जांच के बाद उनके खिलाफ आरोप पत्र जारी किए जाने के बाद विभागीय जांच शुरू की गई थी. वर्तमान में, झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) झारखंड में सबसे बड़ी और सत्तारूढ़ पार्टी है, जिसके राज्य विधानसभा में 30 सदस्य हैं. भारतीय जनता पार्टी (BJP) के पास 25 विधायक हैं, जबकि कांग्रेस के पास 16 हैं. अभी राज्य में महागठबंधन यानी INDIA ब्लॉक की सरकार है.