बिहार में वित्तीय वर्ष 2024-25 में हुई 102 प्रतिशत राजस्व की वसूली

Global Bharat 04 Apr 2025 07:46: PM 1 Mins
बिहार में वित्तीय वर्ष 2024-25 में हुई 102 प्रतिशत राजस्व की वसूली
  • 30 वर्षों के कुल 2.34 करोड़ निबंधन दस्तावेजों का हुआ डिजिटाइजेशन
  • आने वाले वर्ष में पांच करोड़ दस्तावेजों के डिजिटाइजेशन का है लक्ष्य

पटना: वर्ष 1908 से लेकर वर्ष 1990 तक कुल पांच करोड़ निबंधित दस्तावेजों को डिजिटाइज किया जाना है, जिसके लिए एजेंसी का चयन कर लिया गया है. वर्ष 1995 से 2025 तक कुल 2.34 करोड़ निबंधित दस्तावेजों का डिजिटाइजेशन का काम पूरा किया जा चुका है. इससे लोगों को अब जमीन और मकान के दस्तावेजों को ऑनलाइन देखने में सुविधा मिल जाएगी.

इसके साथ ही निबंधन विभाग ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में राजस्व लक्ष्य का 102 प्रतिशत हासिल किया है| बीते वर्ष लक्ष्य 7 हजार, 500 करोड़ रुपए था. जिसके विरुद्ध कुल 7 हजार, 648.88 करोड़ रुपए के राजस्व की प्राप्ति हुई है. वित्तीय वर्ष 2023-24 में यह लक्ष्य 7 हजार करोड़ रुपए निर्धारित था. जिसके विरुद्ध कुल 6 हजार, 170.91 रुपए की प्राप्ति हुई थी. विगत वित्तीय वर्ष की तुलना में राजस्व की प्राप्ति में 24 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है. वहीं, वित्तीय वर्ष 2024-25 में निबंधित दस्तावेजों की कुल संख्या 17 लाख, 51 हजार, 510 रुपए है, जो वित्तीय वर्ष 2023-24 की तुलना में 24 प्रतिशत अधिक है. वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए राजस्व संग्रहण का निर्धारित लक्ष्य 8 हजार 250 करोड़ रुपए है.

ई-निबंधन सॉफ्टवेर

राज्य सरकार ने आमजन की सुविधा के लिए "ई-निबंधन" सॉफ्टवेयर भी लांच किया है. इससे लोग घर बैठे निबंधन के लिए आवेदन, अपडेट की स्थिति, जमीन की श्रेणी, देय शुल्क और ई-केवाइसी कर सकेंगे. निबंधन प्रक्रिया पेपरलेस करने के लिए पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर चार कार्यालयों में काम चालू है. इससे पक्षकारों को दस्तावेज तैयार करने और उसे स्कैन करने से छुटकारा मिल गया है| विभाग की ओर से सभी पदाधिकारियों को निबंधन के लिए लैपटॉप दिया गया है.

नया निबंधन कार्यालय

राज्य में फिलहाल कुल 140 निबंधन कार्यालय कार्यरत हैं. जिसमें राज्य के सभी 38 जिलों में निबंधन कार्यालय के साथ-साथ कुल 102 अवर निबंधन कार्यालय काम कर रहे हैं. वर्ष 2025 में कुल तीन नए निबंधन कार्यालय वीरपुर (सुपौल), सोनवर्षा (सहरसा) और पालीगंज (पटना) बनाए गए है.

ई-स्टाम्प

विभागीय सॉफ्टवेर से सभी निबंधन कार्यालयों में ई-स्टाम्प की बिक्री को-ऑपरेटिव बैंक के माध्यम से की जा रही है. निबंधन कार्यालयों में फ्रैंकिंग मशीन से एक हजार रूपए तक के गैर न्यायिक मुद्रांक निर्गत कर उसकी बिक्री की जा रही है. उच्च न्यायालय और राज्य के सभी 60 व्यवहार न्यायालयों में भी ई-कोर्ट फीस की बिक्री की जा रही है.

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