लॉरेंस के साथ जेल में होने वाला है बड़ा खेल? खुफिया रिपोर्ट ने उड़ाए पुलिस के होश

Global Bharat 20 Apr 2024 01:08: PM 4 Mins
लॉरेंस के साथ जेल में होने वाला है बड़ा खेल? खुफिया रिपोर्ट ने उड़ाए पुलिस के होश

क्या लॉरेंस जेल तोड़कर भागने वाला है, या पंजाब की भटिंडा जेल के अंदर ही उसके साथ कोई बड़ा खेल होने वाला है, आखिर उसने बाहरी लोगों से मुलाकात करने से मना क्यों कर दिया है, जेल के एक कोने में अकेले पड़ा रहकर क्या लॉरेंस कोई बड़ा प्लान बना रहा है. इन तीन सवालों ने पंजाब से लेकर मुंबई पुलिस तक की नींद उड़ा रखी है. और हर कोई ये जानना चाहता है कि आखिर लॉरेंस जेल में रहता कैसे है और उसकी मुलाकात किस-किस से होती है.

तो शुरुआत इसी सवाल से करते हैं, लॉरेंस बिश्नोई पंजाब के जिस बठिंडा जेल में बंद है, उसमें सबसे खतरनाक ए कैटेगरी के 6, बी कैटेगरी के 3 और सी कैटेगरी के एक कैदी गैंगस्टर को रखा गया है. बाकी कैदियों की तरह ही लॉरेंस को सुबह, दोपहर और रात का खाना मिलता है, घर पर बात करने के लिए 10 मिनट का वक्त दिया जाता है, लेकिन वो बात नहीं करता. बल्कि वो बात अपने गुर्गों से करता है, जिनसे उसे किसी जगह पर कुछ बड़ा अंजाम दिलवाना हो. चूंकि उसने राजस्थान, पंजाब और हरियाणा में सालों गुजारे हैं, इसलिए बठिंडा जेल को सबसे महफूज मानता है.

यहां तक कि दिल्ली पुलिस भी इस बात को जानती है कि लॉरेंस को सेफ रखना है तो बठिंडा जेल ही सेफ रहेगा. करीब 10 महीने पहले खुद लॉरेंस बिश्नोई की याचिका लेकर दिल्ली पुलिस कोर्ट पहुंची थी और कहा था कि जज साहब, हम इसे तिहाड़ में नहीं रह सकते, क्योंकि टिल्लू ताजपुरिया के साथ तिहाड़ जेल में जो हुआ, उसके बाद विरोधी गैंग लॉरेंस को निशाना बनाने की कोशिश करेगा और फिर इसकी सुरक्षा के साथ-साथ बाकी कैदियों की सुरक्षा भी खतरे में आ सकती है. तब जज साहब ने लॉरेंस को बठिंडा भेजने का आदेश दे दिया था. कहा जाता है कि बठिंडा जेल में भी लॉरेंस के कई गुर्गे बंद हैं, और वो उन्हीं की मदद से जेल में अपना राज चलाने की कोशिश करता है, वहीं बैठकर वो इंटरव्यू भी दे देता है, जिसके मीडिया में आते ही सनसनी मच जाती है, वो खुद कहता है मैंने अभी मोबाइल इंतजाम करवाया है, और फिर इसे आपसे बात कर बाहर फेंक दूंगा.

कहते हैं लॉरेंस ने सिस्टम में कुछ लोगों को अपना बना रखा है, जो उसे हर जरूरी चीज जेल के भीतर ही पहुंचाते हैं, और अब वही लोग उसके लिए खतरा बन सकते हैं, क्योंकि कब, कौन, किसे और कहां किस रूप में इस्तेमाल कर ले ये कहा नहीं जा सकता. ये बात लॉरेंस भी जानता है कि कोई उसे अपना बनकर धोखा दे सकते है, उसके खिलाफ जेल में के भीतर ही प्लानिंग रच सकता है, इसीलिए ऐसे मौके पर कोई भी बड़ा माफिया न तो किसी से मिलता है, ना ही किसी से ज्यादा बात करता है. खाना खाने से पहले भी डरता है, बैरक के बाहर अगर निकलने की जरूरत महसूस हो तब भी बाहर निकलने से बचता है, क्योंकि जेल के भीतर भी इतनी तरह की गैंग होती है कि कोई भी किसी के साथ कुछ भी कर सकता है. हालांकि लॉरेंस के केस में कहानी थोड़ी अलग नजर आती है, पंजाब में कई कैदी पहले भी जेल तोड़कर फरार हो चुके हैं, बीते साल खुफिया एजेंसियों को ये भी इनपुट मिला था कि नवंबर 2016 में जैसे नाभा जेल ब्रेक कांड हुआ था, वैसे ही लॉरेंस बिश्नोई भी अपने गुर्गों को जेल से छुड़ाने की प्लानिंग रच रहा है.

ऐसी रिपोर्ट है कि यूपी की बांदा जेल में मुख्तार को जहर दिए जाने के आरोप लगने के बाद से कई माफिया डरे हुए हैं, और देश के हर जेलों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है, ऐसे में उसी तरह की कोई कहानी बठिंडा जेल को लेकर न सामने आए, ये तय करना वहां के जेलर का काम है, इसीलिए ख़बर है कि लॉरेंस से सबकी मुलाकात फिलहाल बंद करवा दी गई है, वो खुद भी किसी से मिलना नहीं चाहता और प्रशासन भी ये नहीं चाहता कि उसका सुरक्षा में किसी तरह की कोई सेंध लगे. चूंकि लॉरेंस का सबसे बड़ा दुश्मन जग्गू भगवानपुरिया भी इसी जेल में बंद है, और उसने प्रशासन के नाक में पहले से दम कर रखा है, इसलिए पंजाब पुलिस को ज्यादा एहतियात बरतने होंगे.

गुरदासपुर के भगवानपुर गांव का रहने वाला जग्गु भगवानपुरिया हथियारों की नेटवर्किंग का सबसे बड़ा सरगना माना जाता है. कहते हैं मूसेवाला के वक्त भी जग्गु ने ही लॉरेंस के लोगों को हथियार सप्लाई करवाया था, बदले में कम से कम 5 लाख रुपये लेता था, लेकिन मूसेवाला मामले के तुरंत बाद ही लॉरेंस और जग्गु के ग्रुप में दुश्मनी हो गई, ख़बर सामने आई कि जग्गु लॉरेंस के दुश्मनों को भी सामान बेचता था, जिससे लॉरेंस काफी खफा हो गया था. 

लेकिन जग्गु भगवानपुरिया का रसूख भी लॉरेंस से कम नहीं है, बीते साल मई महीने में ही इसने कई कैदियों के साथ मिलकर ये मांग उठाई थी कि हमें सुबह से शाम तक हर वक्त अलग सेल में रखा जाता है, लेकिन अब हमें आम कैदियों की तरह जेल में घूमने दिया जाए, इसलिए उन्हें जेल में सामान्य कैदियों और हवालातियों की तरह सुविधाएं पाने का अधिकार है। गैंगस्टरों का कहना था कि उन्हें जेल के नियमानुसार सुविधाएं नहीं दी जा रही हैं। उनका कहना था कि ऐसा कर जेल प्रशासन उनके मानवाधिकार छीन रहा है. पर सवाल है कि ऐसे लोगों के दिमाग से मानवाधिकार वाला मुद्दा तब कहां चला जाता है, जब ये दूसरों के साथ गलत करते हैं.

Lawrence BIshnoi Punjab Police Punjab

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