मां-बाप मनरेगा में मजदूर, बेटा बना IAS, संघर्ष की ये कहानी रुला देगी

Global Bharat 18 Apr 2024 3 Mins
मां-बाप मनरेगा में मजदूर, बेटा बना IAS, संघर्ष की ये कहानी रुला देगी

चूल्हें में चलती आग, मेहनत और मजदूरी से तैयार हुआ ये छोटा सा मकान, अब एक IAS अधिकारी का हैं...पवन कुमार की कहानी आपको न सिर्फ जीने का प्रेरणा देगी बल्कि बताएगी कि मंजिल तक वो भी पहुंच सकते हैं जिनके ¬पैरों के नीचे रास्ते नहीं होते है! बुलंदशहर के थाना नरसेना ऊंचागांव विकासखंड क्षेत्र के गांव रघुनाथपुर रहने वाले पवन कुमार के घर की ये तस्वीरे बताने के लिए काफी है कि हालात क्या है? चूल्हें पर पकती रोटी और बगल में बंधे मवेशी बताते है कि पवन कुमार के घर की हालत क्या होगी! घर की छत नहीं है, धुएं से काली पड़ी दिवारे, छप्पर से तैयार हुए घर से ही पवन निकले थे...ये कहानी आपको खुद और अपने बच्चों को सुनानी चाहिए, IAS बने पवन कुमार के संघर्ष बताता है कि सपनों को पूरा करने के लिए हौसले चाहिए धन और दौलत नहीं! ये सुमन देवी हैं, IAS बन चुके बेटे की मां हैं...मीडिया के कैमरे पर बहुत कुछ न बोल पाने की हिम्मत है, लेकिन बेटे ने कमाल कर दिया है, और ये हैं पवन कुमार के पिता मुकेश कुमार जो कैमरे पर आते ही भावुक हो जाते है...हम पवन कुमार के संघर्ष की कहानी सुनाएं उसके पहले सुनिए उस मां-बाप की कहानी जिन्होंने मजदूरी करके, सबकुछ दांव पर लगा कर बेटे को IAS बना दिया...
इससे ज्यादा दिलचस्प है पवन की वो कहानी जो वीडियो में दिखाई नहीं देती है...छप्पर में रहकर पढ़ने वाले पवन की कहानी ठीक 12th फेल फिल्म में दिखाई गई मनोज कुमार की तरह है! यूपी के बुलंदशहर से जब पवन निकलकर दिल्ली आए तो समाज ने मजाक उड़ाया कि मज़दूर का बेटा क्या IAS बनेगा! लेकिन कहते है जिसके हौसले में दम हो वो चट्टान को भी को तोड़कर आगे बढ़ जाता है!  तो सुनिए संघर्ष की कहानी...
पिता मुकेश और माता सुमन मनरेगा मजदूर हैं. सबसे बड़ी बहन गोल्डी और दूसरी बहन सृष्टि ने बीए कर रही हैं. सबसे छोटी बहन सोनिया कक्षा 12 की पढ़ाई कर रही है. पवन ने 2017 में नवोदय स्कूल से इंटर की परीक्षा पास की थी. इसके बाद इलाहाबाद से बीए की परीक्षा पास की. बाद में दिल्ली एक कोचिंग सेंटर में सिविल सर्विस की तैयारी शुरू कर दी. कुछ विषयों की कोचिंग ली और वेबसाइट की मदद ली. दो साल तक कोचिंग के बाद अधिकतर समय उन्होंने सेल्फ स्टडी की. तीसरे प्रयास में ही बेटा IAS बन गया और ALL INDIA RANK में 239वां स्थान हासिल किया है!  पवन कुमार के पिता मुकेश कुमार कहते हैं
"बहुत मुसीबत के साथ मैंने अपने बेटे को पढ़ाया है. बारिश के दिन में घर कच्चा होने से चूल्हा नहीं जल पाता था. 9वीं कक्षा में उसका सिलेक्शन नवोदय विद्यालय में हो गया. वहां से 12वीं करने के बाद इलाहाबाद से बीए किया. फिर जेएनयू में एमए के लिए एडमिशन लिया लेकिन एक साल बाद ही छोड़ दिया. पवन की बचपन से ही आईएएस बनने की तमन्ना थी. पिछली बार सिर्फ 1 नंबर कम रह जाने से उसका चयन नहीं हुआ था…"
पवन कुमार की तरह कई और IAS बने हैं जिनकी कहानी हम आपको सुनाते रहेंगे, लेकिन मनरेगा में काम करने वाले परिवार से निकलकर UPSC जैसी कठिन परीक्षा को पास करना आसान नहीं होता है! ये हालात बताते हैं कि इंसान जो चाह लें वो कर सकता है! पत्थर को काटकर दशरथ मांझी ने सड़क बनाई हो या फिर हालात को मात देकर पवन कुमार IAS बने हो दोनों बातें सिर्फ इतना कहती है कि इंसान से ताकतवर न तो चट्टान है ना ही हालात! 
कुछ समय बाद पवन कुमार शायद आपको दूसरों को मोटिवेट करते दिखाई दें लेकिन फिलहाल आप कमेंट करके उनको मनोबल बढ़ाए ताकि गरीबी हमारे रास्तों का कांटा ना बने बल्कि पवन कुमार जैसे बने जो समाज के साथ परिवार के हालात को भी बदल पाए!