भारत की सुरक्षा ताक़त कितनी बढ़ी है इसका लोहा अब दुनिया भी मान रही है

Global Bharat 19 Apr 2024 3 Mins
भारत की सुरक्षा ताक़त कितनी बढ़ी है इसका लोहा अब दुनिया भी मान रही है

ज़्यादा समय पहले की बात नहीं है जब भारत लड़ाकू शस्त्रों या फिर दूसरे तरह की तकनीक के लिए अमेरिका, रूस, इज़रायल, फ्रांस और अन्य यूरोपीय और पश्चिमी देशों पर निर्भर रहता था, लेकिन अब ना सिर्फ़ अपने लिए ख़ुद हथियार बना रहा है बल्कि इज़रायल जैसे देशों को ड्रोन एक्सपोर्ट भी कर रहा है, इज़राइल ने भारत के हैदराबाद की एक कंपनी से ड्रोन ख़रीदे हैं जिसका इस्तेमाल वो हमास के साथ हो रहे लड़ाई में कर रहा है. इस ड्रोन से इज़रायल को अपने ज़मीनी और समुद्री टार्गेट को ढूँढने में मदद मिल रही है. ऐसा  पहली बार हुआ है जब हर्मस ड्रोन भारत ख़ुद से बना रहा है और एक्सपोर्ट भी कर रहा है. 


एक तरफ़ अपनी सुरक्षा ताक़त को स्वदेशी और स्वनिर्मित हथियारों और तकनीक से मज़बूत कर रहा है तो वहीं दूसरी तरफ़ राजनीतिक और कूटनीतिक स्तर पर भी मोदी-शाह-जयशंकर की जोड़ी ने दुनिया भर में  झंडा बुलंद किया है. 
अभी स्थिति ये हो गई है कि जो ऐलन मस्क कभी अपनी टेस्ला कार को भारत में अपनी शर्तों पर लाने की सोच रहे थे उन्हें अब ना सिर्फ़ भारत में मैनुफ़ैक्चरिंग यूनिट डालनी पड़ रही है बल्कि अब UN सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता के लिए ना सिर्फ़ अमेरिका पर दबाव बना रहे हैं बल्कि यहाँ तक कह रहे हैं कि बिना भारत के UNSC का कोई औचित्य ही नहीं है. 
तो यहाँ बात ये है कि देश तो वही है, देश की जनता, अधिकारी और काम करने वाले लोग भी वहीं हैं फिर ऐसा क्या हुआ कि कभी पाकिस्तान जैसा देश भी धमकी देता रहता था और हम सुनते रहते थे लेकिन आज अमेरिका की भी ग़लत बातों को नहीं सुनते. अमेरिका और यूरोप बोलते रह गये की आप रूस से तेल मत ख़रीदो लेकिन हमने ना सिर्फ़ ख़रीदा बल्कि एस जयशंकर ने यूरोप में बैठकर ही उनके दोगलेपन का आईना भी दिखाया. 
आपको ये भी समझना चाहिए कि कैसे भारत की बढ़ती ताक़त से दुनिया के कई बड़े देशों के होश उड़े हुए हैं. भारत का कोई बिज़नेस मैन जब दुनिया भर में चाहने लगता है, दुनिया के टॉप बिज़नेसमैन की लिस्ट में आना शुरू होता है तो एक लॉबी को ये पसंद नहीं आता और फिर आता है हिंडेनबर्ग जैसी रिपोर्ट जिसको बाद में सुप्रीम कोर्ट निराधार बताता है. आपको बता दें आज जो ड्रोन इज़राइल हमसे ख़रीद रहा है उसका निर्माण भी अदाणी की ही एक कंपनी भारत में कर रही है. 
बात यहीं तक ख़त्म नहीं होती, आज भारत के दुश्मनों को भारत में घुसने की तो बात दूर दूसरे देशों में छुप कर रहने में भी डर लगता है. भारत के दुश्मन चाहे जहां हों एक एक कर ऊपर पहुँचाए जा रहे हैं, अभी पाकिस्तान की जेल में भारत के सरबजीत को मारने वाले को किसी अज्ञात ने ऊपर पहुँच दिया, ऐसे ही पाकिस्तान और कनाडा में रह रहे क़रीब २१ भारत के दुश्मनों को एक साल के अंदर ऊपर पहुँचाया जा चुका है. हालाँकि भारत ने इसमें अपना हाथ होने की बात से इंकार किया है, लेकिन पाकिस्तान बार बार ये आरोप लगाता है कि ये सब कुछ भारत करवा रहा है. ब्रिटेन का एक अख़बार the guardian भी लिखता है कि इसमें भारत का हाथ ही सकता है. क्योंकि अज्ञात हमलावर जिनको भी ऊपर पहुँच रहा है वो भारत पर ह्यूज हमले में कभी ना कभी शामिल रहे हैं या फिर भारत के ख़िलाफ़ आतंकी गतिविधियों को संचालित कर रहे थे. और ये अज्ञात हमलावर इसमें कोई धार्मिक भेदभाव नहीं कर रहा है, अगर वो भारत का दुश्मन है तो ऊपर जाएगा फिर चाहे वो पाकिस्तानी हो या खालिस्तानी. 
वो अज्ञात हमलावर कोई भी हो है तो वो भारत का हितैषी ही. जब आपका देश मजबूर होता है, नेतृत्व मज़बूत होता है तो देश के लोगों में अपने आप ताक़त आ जाती है. आज शायद उसी का नतीजा है कि एक एक कर भारत के दुश्मन अपने घरों से ही जहन्नुम पहुँचाए जा रहे हैं और देश वाह वाह कर रहा है. बाहरी दुश्मनों को तो अज्ञात हमलावर एक एक कर ख़त्म कर रहा है और उम्मीद है आने वाले दिनों में हाफिज और दाऊद के बारे भी हम सुनें की उनको हूरों के पास भेज दिया गया है, लेकिन अपने देश के अंदर के दुश्मन से ख़ुद ही लड़ना होगा.