पहले चरण के चुनाव के 48 घंटे बाद आई चौंका देने वाली रिपोर्ट, बीजेपी को मिल रही है इतनी सीटें

Global Bharat 21 Apr 2024 3 Mins
पहले चरण के चुनाव के 48 घंटे बाद आई चौंका देने वाली रिपोर्ट, बीजेपी को मिल रही है इतनी सीटें

वोटिंग वाले दिन पश्चिम की हवा ने नरेन्द्र मोदी की नींद खराब की थी, या उन्हें संदेश मिला कि सब चंगा है, जश्न की तैयारी करो. पहले चरण की वोटिंग में कुछ ऐसे सर्वे बीजेपी ने करवाए जिसके इनपुट के आधार पर 4 जून 2024 नतीजे वाले दिन बीजेपी कार्यालय में कैटरिंग से लेकर लड्डू वालों को भव्य टेंडर देने की तैयारी कर दी गई. ये रिपोर्ट हवा में नहीं है, सबसे पहले बात नगीना की करते हैं, पिछली बार बीजेपी को नगीना में 39 प्रतिशत वोट मिले थे, सपा-बसपा गठबंधन को 56 प्रतिशत वोट मिले थे, बीजेपी चुनाव हार गई थी. इस बार बीजेपी ने अपने विधायक को ही लोकसभा चुनाव का टिकट दिया, जिनका दलितों में क्रेज अच्छा था. ठाकुरों का विरोध 19 तारीख की सुबह 7 बजे तो था लेकिन बूथ पर जाने के बाद पश्चिम के ठाकुरों ने सोचा कि हम वोट किसको दें. हर किसी तक ये मैसेज पहुंचाया गया कि राजपूत अगर पृथ्वीराज चव्हाण से नाराज होगा तो कभी मुहम्मद गौरी को नहीं चुनेंगे.
कुछ इसी तरीके से पश्चिम की बाकी सीटों पर भी समीकरण बदल गए, जिन लोगों का दावा है कि बीजेपी पहले चरण के बाद पस्त है, उन्हें कुछ आंकड़ें हम भी दिखाते हैं. ताकि उनका एकतरफा बुखार उतर पाए. पश्चिम के 16 प्रतिशत राजपूतों ने एक तरफा बीजेपी को वोट किया है, जिसके कारण पूरा चुनाव बदल गया. 2019 में हुए चुनाव के पहले चरण की तुलना में इस बार पहले चऱण में चार प्रतिशत वोटिंग कम हुई है. इसका ये मतलब नहीं है कि एंटी इंकबैंसी साफ-साफ दिख रही है, बल्कि इसकी कई और वजहें दिख रही हैं.
बीजेपी को यहां एक बड़ा नुकसान हुआ है, ये है केरल के मुस्लिम लीग का लेटर, जिसमें लिखा है कि वो 26 अप्रैल यानि शुक्रवार को हम वोट नहीं दे पाएंगे, क्योंकि उस दिन जुम्मे की नमाज है. लेकिन जब पश्चिम में वोट देने की बारी आई तो मुसलमानों ने भर-भरकर बीजेपी उम्मीदवारों को हराने के लिए वोट डाले हैं. और ये रिपोर्ट चुनावी नतीजों के बाद आपको मिल जाएगी. बीजेपी का अपना वोटर ही वोट देने नहीं गया. तीसरी बार सरकार आ रही है इसका आत्मविश्वास बीजेपी को कुछ प्रतिशत वोटों का नुकसान दिलाएगा. 
रामपुर में बीजेपी काफी दिलचस्प मुकाबले में फंस गई है, जबकि मुरादाबाद में बीजेपी की सीट फंसी है, वहां कौन जीतेगा, कौन हारेगा ये कोई राजनीतिक पंडित नहीं बता सकता. लेकिन कुल चुनाव 102 सीटों पर हुए हैं, उनमें से पिछली बार बीजेपी के पास 40 सीटें थी, इस बार बीजेपी 50-55 सीटें जीत रही है, बीजेपी तमिलनाडु में पहले चरण की 24 सीटों में 24 पर चुनाव हारने की स्थिति में है, पहले चऱण की वोटिंग के बाद ही अमित शाह का कई चैनलों पर प्रसारित इंटरव्यू ये दावा करता है कि बीजेपी जैसा चाह रही थी उस दिशा में वोटिंग नहीं हुई. लेकिन यहां ये कंफ्यूजन नहीं होना चाहिए कि बीजेपी चुनाव ही हार रही है, बल्कि बीजेपी एक चमत्कारी नंबर के पीछे पड़ी है, वो नंबर पहले चऱण के चुनाव के बाद बीजेपी को दिखाई नहीं दे रहा है. बीजेपी का दावा है कि 370 सीटें अकेले लाएंगे, 400 से ज्यादा सीटें एनडीए के साथ लाएंगे, इस नारे में थोड़ा झोल दिखने लगा है, विधानसभा चुनाव 2022 में ग्लोबल भारत टीवी की सटीक विश्लेषण ने आपको बताया था कि 10 फरवरी को तय हुआ, 10 मार्च को बाबा इज बैक. इस बार भी हम आपको सटीक विश्लेषण में ये बता रहे हैं कि 4 जून को नतीजे बीजेपी के पक्ष में ही आ रहे हैं. पर सीटों का अनुमान थोड़ा बदल लीजिए. आप अंदाजा लगाइए कि जिस संजीव बालियान का विरोध बीजेपी के नेता संगीत सोम ही कर रहे थे. उनकी जीत के अनुमान बहुत ज्यादा हैं. और लाखों वोट से जीतने की संभावना अभी से ही जताई जाने लगी है. इसका ये मतलब है कि बीजेपी फिलहाल 325 से 335 सीटें खुद ला रही है और 370 से 380 सीटें एनडीए के साथ ला सकती है.