लॉरेंस का भाई अनमोल बिश्नोई, यूपी में बैठे एक व्यक्ति को फोन मिलाता है, कहता है भाई बड़ा काम करना है, यूपी वाला गुर्गा सीधा हरियाणा में कॉन्टैक्ट करता है, और वहां बैठा लॉरेंस का सबसे भरोसेमंद गुर्गा, दो ऐसे लोगों की तलाश करता है, जिनका पुलिस रिकॉर्ड में नाम न हो, पर काम कानून के खिलाफ करते हों, ये तलाश पूरी होती है बिहार के उस इलाके में जाकर, जहां के दो लड़के हरियाणा में रहकर मजदूरी करते थे, सागर पाल और विक्की लॉरेंस से प्रभावित थे, लिहाजा गैंग में एंट्री के लिए उनसे एक ऐसी परीक्षा ली जानी थी,, जिसमें वो पास होते तो लॉरेंस का ग्रुप उन्हें बड़ा काम देता, लेकिन कहते हैं गलत रास्ते पर चले तो फिर अंजाम भी गलत ही होता है और गलत रास्ते की पहली बड़ी सीढ़ी चढ़ते ही महाराष्ट्र पुलिस ने सागर और विक्की को गिरफ्तार कर लिया और उसके बाद जो खुलासा सामने आया उसने 4 राज्यों की पुलिस को हिलाकर रख दिया.
बिहार की पुलिस इस सवाल पर अटकी हुई है कि पश्चिमी चंपारण, जहां के रहने वाले ये दोनों हैं, वहां लॉरेंस का ग्रुप कैसे पहुंचा और उसकी जड़े कितनी गहरी हो चुकी है.
पंजाब की पुलिस इस टेंशन में है कि इसने जेल से बैठकर पूरा खेल कैसे रचा, इंटरव्यू के बाद इतनी सख्ती बढ़ा रखी है कि गलती से फोन हाथ नहीं लगता, फिर आदेश कैसे दिया.
तो लॉरेंस के दुश्मनों की लिस्ट पहले से ही उसके भाई अनमोल बिश्नोई के पास है, एक थ्योरी ये हो सकती है कि लॉरेंस का प्रभाव कम होता देख, विदेश में बैठे उसके गुर्गे एक्टिव हो जाते हों और फिर इस तरह की हरकतें करते हों, जबकि दूसरी थ्योरी ये हो सकती है कि लॉरेंस किसी और तरीके से अपने गुर्गों तक अपना संदेश पहुंचा रहा है, और साथ में ये भी कह रहा है कि मेरा नाम तो आए लेकिन कानूनी दांव-पेंच में मैं बच जाऊं, ऐसा इंतजाम करना. क्योंकि इस केस में अब तक जो खुलासे हुए हैं, वो साफ-साफ इशारा करते हैं कि लॉरेंस बिश्नोई से पूछताछ के बाद भी कैसे कुछ खास हाथ पुलिस के हाथ लगना मुश्किल है.
लेकिन ख़बर है कि लॉरेंस के कॉलेज के दिनों का एक साथी, जो शुरू से लेकर आखिर तक उसके हर जुर्म में शामिल रहा है, वो पुलिस के सामने लॉरेंस की लंका का हर वो राज खोल रहा है, जिससे पुलिस अब तक अनजान थी, और यहां तक कि वो लॉरेंस के काम करने के तरीके को भी अधिकारियों को सिलिसिलेवार तरीके से समझा रहा है, मतलब महाराष्ट्र पुलिस का काम पंजाब पुलिस की मदद से आसान होने वाला है, लेकिन असली मुसीबत यूपी पुलिस के सामने खड़ी है, क्योंकि उसका ये पता लगाना जरूरी है कि वो माफिया कौन है जो योगीराज में बैठकर लॉरेंस की मदद कर रहा है.
मूसेवाला वाले मामले के बाद भी जब लॉरेंस के गुर्गों पर सख्ती बढ़ी थी तो हरियाणा और पंजाब से भागकर कई गुर्गे यूपी में आए थे, ऐसे दावे कई मीडिया रिपोर्ट में किए गए थे, हो सकता है उसी में से कोई एक यूपी में बैठकर इसे ऑपरेट कर रहा हो. जिसे ढूंढना पुलिस के लिए बड़ी चुनौती हो सकती है. सूत्र बताते हैं कि
लॉरेंस ने ये काम थर्ड पार्टी से करवाया है, और उस थर्ड पार्टी के सरगना का संबंध उत्तर प्रदेश से है
पर वो उत्तर प्रदेश के किस जिले का है, वो किसकी शह पर ये सब कर रहा है, इसका खुलासा भी अब जल्द हो सकता है, और अगर ऐसा हुआ तो फिर बाबा का बुलडोजर कितनी तेजी से गरजेगा इसका अंदाजा तो आप खुद ही लगा सकते हैं.