ब्लैक कैट के रूप में मशहूर एनएसजी में क्यों नलिन प्रभात को मिली महत्पूर्ण ज़िम्मेदारी

Global Bharat 19 Apr 2024 1 Mins
ब्लैक कैट के रूप में मशहूर एनएसजी में क्यों नलिन प्रभात को मिली महत्पूर्ण ज़िम्मेदारी

वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी नलिन प्रभात को आतंकरोधी बल नेशनल सिक्योरिटी गार्ड का चीफ नियुक्त किया गया है. जैसे ही ये खबर आई हर कोई ये जानने के लिए उत्सुक है कि आखिर कौन है नलिन प्रभात जिन्हें सरकार ने इतनी बड़ी और अहम ज़िम्मेदारी सौंपी है. बता दें कि केंद्र सरकार की कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने नलिन प्रभात की नियुक्ति को मंजूरी दी. वह अपना पद संभालने के बाद 31 अगस्त 2028 तक एनएसजी के डीजी पद पर रहेंगे. यानी कि तात्कालीन प्रभात एनएसजी के महानिदेशक रहेंगे. फ़िलहाल नलिन केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल में अतिरिक्त महानिदेशक के पद पर कार्यरत हैं. नलिन प्रभात को बड़ी ज़िम्मेदारी देकर मोदी सरकार ने उन्हें उनकी काबिलियत के बल पर इनाम तो दे दिया. लेकिन सवाल ये है कि मोदी सरकार ने नलिन को ये ज़िम्मेदारी क्यों सौंपी? इस पर चर्चा करेंगे पहले नलिन के बारे में जान लेते हैं. 
नलिन प्रभात साल 1992 बैच के आंध्र प्रदेश कैडर के आईपीएस अधिकारी हैं. 14 अगस्त 1968 को जन्मे नलिन मूल रूप से हिमाचल के रहने वाले हैं. नलिन प्रभात ने नक्सलियों और आतंकवादियों के खिलाफ कई ऑपरेशन्स में अहम भूमिका निभाई है. जिसके लिए इन्हें कई अवार्ड से भी सम्मानित किया जा चुका है. आईपीएस अधिकारी नलिन प्रभात को 2008 में जम्मू-कश्मीर में एक मुठभेड़ का नेतृत्व करने के लिए राष्ट्रपति का वीरता पुरस्कार भी मिला थ, इस मुठभेड़ में चार आतंकवादी मारे गए थे. इन्हें पराक्रम पदक भी मिल चुका है. विशिष्ट सेवा के लिए पुलिस पदक. सराहनीय सेवा के लिए पुलिस पदक. आंतरिक सुरक्षा पदक. 
यानी कहा जा सकता है कि वो अपने योगदान और नेतृत्व के लिए जाने जाते हैं. उन्होंने अपने कैरियर के दौरान कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है और राष्ट्रीय सुरक्षा के क्षेत्र में अपनी गहरी ज्ञान और अनुभव का परिचय दिया है. इस समय, जब देश और विश्व आतंकवाद के खतरों का सामना कर रहा है, ऐसे में एनएसजी के नए निर्देशक की भूमिका और नेतृत्व महत्वपूर्ण हो जाती है. नलिन प्रभात की नियुक्ति बताती है कि सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करने के लिए उत्तरदायित्वपूर्ण और अनुभवी नेतृत्व को प्राथमिकता दी है.उन्होंने अपने कैरियर के दौरान निष्क्रिय या सामान्य कार्य से बाहर निकलकर देश की सुरक्षा को मजबूत करने में अपना योगदान दिया है.