नई दिल्ली: अभिनेता और रियलिटी शो “हाउस अरेस्ट” के होस्ट एजाज खान ने एक रेप मामले में अग्रिम जमानत के लिए बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर की है. इससे पहले डिंडोशी सेशन कोर्ट ने उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी. 40 वर्षीय एजाज पर एक अभिनेत्री ने शादी और करियर में मदद का झूठा वादा करके यौन शोषण करने का आरोप लगाया है. यह मामला मुंबई के जोगेश्वरी इलाके में हुआ, और पीड़िता की शिकायत के बाद पुलिस ने जांच शुरू की है.
पीड़िता, जो एक अभिनेत्री है, ने पुलिस में दर्ज FIR में बताया कि एजाज खान ने उसे “हाउस अरेस्ट” शो में होस्ट की भूमिका देने का लालच दिया. 2018 में शुरू हुए इस शो में काम करने के बहाने एजाज ने उसका विश्वास जीता. पीड़िता के अनुसार, एजाज ने पहले उसे शादी का प्रस्ताव दिया और फिर उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए. उसने आरोप लगाया कि एजाज ने उसकी सहमति के बिना कई बार यौन शोषण किया, और यह सब शादी और आर्थिक मदद के झूठे वादों के तहत हुआ.
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FIR में दो खास घटनाओं का जिक्र है. पहली घटना 4 अप्रैल 2025 को एजाज के जोगेश्वरी (वेस्ट) स्थित लोढ़ा बेल अपार्टमेंट में हुई, जहां उसने कथित तौर पर पीड़िता का यौन शोषण किया. दूसरी घटना 24 अप्रैल 2025 को पीड़िता के घर पर हुई, जहां एजाज ने फिर से शादी का वादा करके उसके साथ जबरदस्ती की. पीड़िता ने कहा कि एजाज ने अपनी सेलिब्रिटी हैसियत का गलत फायदा उठाया.
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एजाज ने गिरफ्तारी से बचने के लिए डिंडोशी सेशन कोर्ट में अग्रिम जमानत की याचिका दायर की थी, लेकिन कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया. कोर्ट ने कहा कि पीड़िता वयस्क है, लेकिन उसकी सहमति स्वतंत्र और स्पष्ट नहीं थी, जैसा कि कानून में जरूरी है. कोर्ट ने यह भी नोट किया कि एजाज के खिलाफ पहले भी आपराधिक मामले दर्ज हैं. पुलिस को उसका मोबाइल फोन, व्हाट्सएप चैट, वॉयस रिकॉर्डिंग, और वॉयस सैंपल की जांच के लिए उसकी हिरासत की जरूरत है. कोर्ट को डर था कि अगर एजाज को जमानत दी गई, तो वह सबूतों से छेड़छाड़ या गवाहों को डरा सकता है.
सेशन कोर्ट के फैसले के बाद एजाज ने अपने वकील अशोक सरावगी के जरिए बॉम्बे हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत की याचिका दायर की. याचिका में दावा किया गया कि FIR कानूनी रूप से गलत है और उनकी हिरासत में पूछताछ की कोई जरूरत नहीं है. एजाज के वकील ने तर्क दिया कि यह मामला आपसी सहमति का हो सकता है और पीड़िता की शिकायत में अतिशयोक्ति हो सकती है. बॉम्बे हाईकोर्ट अगले हफ्ते इस याचिका पर सुनवाई करेगा.