दिल्ली में वायु प्रदूषण की समस्या अब लोगों के लिए और भी गंभीर होती जा रही है. सोमवार को दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने इस मुद्दे पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया और प्रदूषण के बढ़ते स्तर पर चिंता जताई. उन्होंने कहा कि उत्तर भारत का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) गंभीर रूप से बढ़ गया है और इसका असर दिल्ली समेत आसपास के राज्यों पर पड़ रहा है. उनके अनुसार, हर राज्य में पराली जलाने की घटनाएं बढ़ रही हैं, जिसके कारण खासकर बच्चों और बुजुर्गों को सांस लेने में तकलीफ हो रही है.
केंद्र सरकार पर निशाना
आतिशी ने केंद्र सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि प्रदूषण से निपटने के लिए केंद्र सरकार की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि पंजाब देश का ऐसा राज्य है जहां पराली जलाने की घटनाओं की दर सबसे कम है, लेकिन अन्य राज्यों में यह समस्या लगातार बढ़ती जा रही है. मध्यप्रदेश (MP) में लगभग 500 स्थानों पर पराली जलाने की घटनाएं सामने आई हैं, जबकि उत्तर प्रदेश (UP), राजस्थान और हरियाणा में भी ये घटनाएं बढ़ रही हैं.
आतिशी ने सवाल उठाया कि यदि पंजाब इस समस्या को नियंत्रित कर सकता है तो अन्य राज्य ऐसा क्यों नहीं कर सकते. उन्होंने कहा, "यह केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है कि वे इस समस्या का समाधान करें. मैं केंद्र सरकार से अनुरोध करती हूं कि वह राजनीति बंद करे और इस गंभीर मुद्दे पर ध्यान दे."
सवालों का सामना करते हुए
दिल्ली में प्रदूषण के बढ़ते स्तर को लेकर कोर्ट की आलोचना का भी आतिशी ने जवाब दिया. कोर्ट ने GRAP-4 (ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान) को हटाने को लेकर सवाल उठाए थे, जिस पर आतिशी ने कहा कि यह निर्णय CQAM (केंद्रीय गुणवत्ता निगरानी एजेंसी) द्वारा लिया गया था, और दिल्ली सरकार केवल नियमों का पालन करने का प्रयास कर रही थी. उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली सरकार अपने स्तर पर हर संभव प्रयास कर रही है, लेकिन केंद्रीय सरकार को इस मामले में सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए.