रामपुर : समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता व पूर्व मंत्री आज़म खान 23 महीने की लंबी कैद काटने के बाद 23 सितंबर को सीतापुर जेल से जमानत पर छूटकर बाहर आ गए हैं. उनकी रिहाई के बाद से लगातार कई तरह की चर्चाएँ चल रही थीं. उनको लेकर यह दावा किया जा रहा था कि जेल में उन्हें और उनके बेटे अब्दुल्ला को "धीमा ज़हर" (Sweet Poison) दिया जा रहा है, लेकिन खुद आज़म खान ने जेल से छूटकर बाहर आने के बादनइस तरह की सभी अफवाहों को खारिज कर दिया है.
पत्रकारों से बातचीत के दौरान आज़म खान ने स्पष्ट किया कि उन्हें किसी तरह का स्लो पॉइजन जेल में नहीं दिया गया. उन्होंने कहा कि जब मुख्तार अंसारी की मौत की खबर आने के बाद यह चर्चा हुई कि उन्हें ज़हर दिया गया था तो उस खबर का असर मुझ पर भी बहुत पड़ा. इसी वजह से मैंने खाने-पीने को लेकर काफी सावधानी बढ़ा दी थी. उन्होंने बताया कि जेल में उनका खानपान बेहद सीमित था. वे दिन में केवल एक रोटी और रात में आधी या पौनी रोटी खा लेते थे. कभी-कभी नींबू से अचार बनाकर उसी के साथ रोटी खाकर दिन गुजार देते थे.
आजम खान ने यह भी साफ किया कि जेल में उनके खुद खाना बनाने की खबर भी कोई सच्चाई नहीं है. उन्होंने कहा कि उनके पास वैसा कोई साधन या सुविधा नहीं थी. बल्कि वे सिर्फ बहुत सादा भोजन करते थे और समय काटने के लिए छोटी-छोटी चीजें जैसे नींबू का अचार तैयार कर लेते थे. रिहाई के बाद जब उनसे उनकी आगे की योजनाओं के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि उनकी पहली प्राथमिकता अपना स्वास्थ्य सुधारना है. लंबे कारावास के दौरान उनका स्वास्थ्य प्रभावित हुआ है, इसलिए वे किसी राजनीतिक रणनीति पर फिलहाल बात नहीं करना चाहते.