नई दिल्ली: नेपाल में संसद भवन को फूंकने के बाद प्रदर्शनकारियों ने सुप्रीम कोर्ट में आग लगा दी है. इस पहले नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने पद से इस्तीफा दे दिया था. सेन उन्हें किसी गुप्त स्थान पर ले गई है. दावा किया जा रहा है कि केपी ओली विदेश जा सकते हैं.
नेपाल में राजनीतिक संकट लगातार गहराता जा रहा है. इसी बीच सेना प्रमुख जनरल अशोक राज ने प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली से बातचीत की. सेना प्रमुख ने ओली को सत्ता छोड़ने की सलाह दी. सेना प्रमुख ने कहा कि बिना सत्ता परिवर्तन किए स्थिति को नियंत्रित नहीं किया जा सकता है.
प्रधानमंत्री केपी ओली को लेकर नेपाली मीडिया ने बड़ा दावा किया है. सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि प्रदर्शनकारियों ने पीएम ओली के निजी आवास पर धावा बोल दिया है. प्रदर्शनकारियों ने नेपाली कांग्रेस के हेडक्वार्टर को जलाकर खाक कर दिया. इस हिंसक घटना ने राजनीतिक माहौल को तनावपूर्ण बना दिया. पार्टी कार्यकर्ताओं और समर्थकों में आक्रोश है, जबकि प्रशासन ने जांच शुरू कर दी है. इस घटना की निंदा हो रही है और शांति की अपील की जा रही है.
नेपाल में सोशल मीडिया प्रतिबंध के खिलाफ चल रहे Gen Z प्रदर्शनों के बीच प्रदर्शनकारियों की भीड़ ने एक बार फिर काठमांडू में संसद भवन पर कब्जा करने की कोशिश की. यह घटना मंगलवार, 9 सितंबर 2025 को हुई. प्रदर्शनकारियों ने पथराव और आगजनी की, जिसके जवाब में पुलिस ने गोलीबारी और आंसू गैस का इस्तेमाल किया. अब तक इन प्रदर्शनों में 19 लोगों की मौत हो चुकी है और 300 से अधिक लोग घायल हुए हैं.
हिंसाग्रस्त देश नेपाल से बड़ी खबर सामने आ रही है. प्रधानमंत्री केपी ओली ने शाम 6 बजे के आसपस सर्वदलीय बैठक बुलाई है. दावा किया जा रहा है कि बैठक के बाद प्रधानमंत्री ओली इस्तीफा दे सकते हैं.
नेपाल की राजधानी काठमांडू में सोशल मीडिया प्रतिबंध के खिलाफ Gen Z प्रदर्शनों के दौरान व्यापक हिंसा हुई. प्रदर्शनकारियों ने जगह-जगह पथराव किया और आगजनी की घटनाएं दर्ज की गईं. इन प्रदर्शनों में 20 लोगों की मौत और 300 से अधिक लोग घायल हुए. सूत्रों ने दावा किया है कि काठमांडू पुलिस ने नेताओं को अतिरिक्त सुरक्षा प्रदान करने से इनकार कर दिया है. यह फैसला हिंसा और अशांति के बीच लिया गया, जिससे नेताओं की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ गई है.
नेपाल में हिंसक प्रदर्शनों और मंत्रियों के इस्तीफे के बीच प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली पर देश छोड़कर दुबई जाने की अटकलें हैं. हिमालय एयरलाइंस का विमान तैयार बताया जा रहा है, जिससे उनकी मंशा पर सवाल उठ रहे हैं. उधर Gen-Z क्रांतिकारियों ने फिर संसद भवन घेर लिया है.
नेपाल में आज गृह मंत्री, स्वास्थ्य मंत्री और कृषि मंत्री ने इस्तीफा दे दिया है. उधर अभी भी हिंसक प्रदर्शन जारी हैं. बता दें कि सोशल मीडिया पर लगी रोक के खिलाफ GenZ के प्रदर्शन हिंसक हो गए थे, जिसमें कम से कम 20 लोगों की मौत हुई. अब सरकार ने सोशल मीडिया पर लगी रोक हटा ली, लेकिन प्रदर्शन जारी हैं. पीएम ओली ने जांच का वादा किया है और कहा कि सरकार सोशल मीडिया को बंद नहीं करना चाहती थी. पीएम केपी ओली ने GenZ विरोध प्रदर्शन को 'अस्पष्टता' बताया. प्रदर्शन के बाद अब तक क्या-क्या हुआ...
सोशल मीडिया पर रोक हटी: नेपाल सरकार ने फेसबुक, व्हाट्सएप, और X जैसे प्लेटफॉर्म्स पर लगी रोक को हटा लिया. यह रोक 4 सितंबर से थी, क्योंकि सरकार का कहना था कि ये प्लेटफॉर्म नेपाल के पंजीकरण नियमों का पालन नहीं कर रहे थे.
GenZ विरोध प्रदर्शन: सोमवार को नेपाल में युवाओं (GenZ) ने भ्रष्टाचार के खिलाफ और सोशल मीडिया पर रोक हटाने की मांग को लेकर बड़े प्रदर्शन किए. इन प्रदर्शनों में करीब लोग मारे गए और 250 घायल हुए. प्रदर्शनकारी संसद भवन में घुसने की कोशिश कर रहे थे, जब पुलिस ने गोलीबारी और आंसू गैस का इस्तेमाल किया.
पीएम ओली का बयान: प्रधानमंत्री केपी ओली ने इसे "अप्रिय स्थिति" बताया और कहा कि सरकार सोशल मीडिया को बंद करने के पक्ष में नहीं थी. उन्होंने कहा कि युवाओं और सरकार के बीच "सोच में अस्पष्टता" और जानकारी की कमी के कारण यह स्थिति पैदा हुई. ओली ने प्रदर्शनकारियों से और प्रदर्शन न करने की अपील की.
जांच का ऐलान: पीएम ओली ने मृतकों के प्रति संवेदना जताई और घोषणा की कि इस घटना की जांच के लिए एक समिति बनाई जाएगी, जो 15 दिनों में अपनी रिपोर्ट देगी. सरकार मृतकों के परिवारों को राहत और घायलों को मुफ्त इलाज देगी.
प्रदर्शन फिर शुरू: रोक हटने के बावजूद मंगलवार को प्रदर्शन फिर शुरू हो गए. प्रदर्शनकारी आर्थिक अवसरों की कमी और भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों पर नाराज हैं.
पीएम इस्तीफा नहीं देंगे: संचार मंत्री पृथ्वी सुब्बा गुरुंग ने साफ किया कि प्रधानमंत्री ओली इस्तीफा नहीं देंगे. सरकार ने सोशल मीडिया पर रोक को सही ठहराया था.
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया: ऑस्ट्रेलिया, फिनलैंड, फ्रांस, जापान, दक्षिण कोरिया, ब्रिटेन, और अमेरिका के दूतावासों ने काठमांडू और नेपाल के अन्य हिस्सों में हुई हिंसा पर दुख जताया.